भरतपुर. आरक्षण की मांग को लेकर जयपुर-आगरा हाइवे पर आंदोलन कर रहे माली समाज के लोगों से वार्ता करने के लिए राजस्थान सरकार ने प्रतिनिधि के रूप में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को भरतपुर भेजा है. लेकिन मंत्री का कहना है कि वार्ता करने के लिए समाज का कोई ऐसा नेता नहीं है, जिससे बात की जा सके. फिर भी हम वार्ता करने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले आंदोलनकारियों को हाइवे खाली करना (Vishvendra Singh suggestion on reservation agitation in Bharatpur) होगा.
मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि गुर्जर आंदोलन के दौरान समाज के नेता के रूप में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला थे, जिन से बात की जाती थी. अब सरकार ने मुझे बात करने के लिए अधिकृत कर दिया, लेकिन माली समाज का ऐसा कोई नेता नहीं है, जिससे हम बात कर सकें. नेतृत्व कौन कर रहा है? मंत्री ने कहा कि 24 घंटे से हाइवे जाम कर रखा है. आंदोलन की वजह से आम पब्लिक को परेशानी हो रही है. इतनी गर्मी में आंदोलन स्थल पर बुजुर्ग और महिलाएं बैठी हैं. यदि किसी की तबीयत खराब हो गई, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा.
उन्होंने कहा कि समाज के लोग वार्ता के लिए आएं. अधिकृत रूप से आएं. मैं भी मौके पर वार्ता के लिए जाने के लिए तैयार हूं. मैं गुर्जर आंदोलन में रेलवे ट्रेक पर भी गया, यहां भी जाने को तैयार हूं. बशर्ते वो रोड खाली करें. समाज को प्रदर्शन करना है तो रोड से अलग करें, जिससे आम आदमी को परेशानी न हो. गौरतलब है कि माली समाज की ओर से जयपुर-आगरा हाइवे पर अरौदा गांव के पास बीते 24 घंटे से हाइवे जाम करके 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है. समाज की आरक्षण की मांग के साथ ही अन्य 11 सूत्री मांग भी है, जिसको लेकर वो 24 घंटे से हाइवे पर जमे हुए हैं.