भरतपुर. जहां एक ओर पूरे देश में कोरोना को लेकर डर का माहौल है, वहीं दूसरी ओर भरतपुर में भी इसका खौफ देखने को मिल रहा है. इसका खासा असर भरतपुर के पर्यटन व्यवसाय पर पड़ा है. इसके चलते पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया हैं.
इन दिनों कोरोना वायरस का डर इतना बढ़ गया है कि विश्वविख्यात केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के आसपास के बने होटलों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है. इसके साथ ही सीजन के आखिरी दिनों में भरतपुर के पर्यटन व्यवसायियों को कोरोना वायरस से एक गहरा झटका मिला हैं. आजकल केवलादेव में काफी सतर्कता भी बढ़ा दी गई हैं.
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बता दें कि इस समय सर्दी का आखिरी सीजन चल रहा है. ऐसे में विदेशी सैलानियों का बड़ी संख्या में आवागमन रहता हैं. वहीं इन दिनों जैसे ही कोरोना सामने आया, वैसे ही सैलानियों की संख्या भी धीरे-धीरे कम होने लगी है. हालात यह हो गए हैं कि इस पार्क के आसपास के सभी होटल वीरान पड़ गए हैं. इसके चलते इस पार्क के गाइड और रिक्शा चालक पूरे दिन पर्यटकों का इंतजार करते रहते हैं.
केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के रेंजर ने बताया कि कोरोना वायरस का जिन देशों में ज्यादा प्रभाव है, उन देशों से पर्यटक बिल्कुल भी नहीं आ रहे और इसका सीधा प्रभाव नेशनल पार्क पर पड़ रहा हैं. हालांकि चिकित्सा विभाग की ओर से पार्क के कर्मचारियों को कोरोना से बचाव के बारे में बताया गया था, लेकिन अभी तक किसी भी कर्मचारी को प्रशाशन की ओर से मास्क बगैरा नहीं दिया गया.