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ये हैं दुनिया के सबसे खुशकिस्मत भाई ! हर रक्षाबंधन पर मिलता है एक हजार से अधिक बहनों का प्यार...

रक्षाबंधन (Raksha bandhan 2021) पर बहनें भाईयों की कलाईयों पर राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों का रक्षा का वादा करते हैं. लेकिन भरतपुर में एक ऐसा है भाई है, जिसकी कलाई पर हजारों राखियां बंधती हैं. वहीं यह भाई सगों से भी बढ़कर अपनी बहनों के रक्षा का दायित्व निभा रहा है.

Raksha bandhan, Bharatpur news
भरतपुर के अपना घर आश्रम में रक्षाबंधन
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Published : Aug 22, 2021, 12:40 PM IST

Updated : Aug 22, 2021, 4:39 PM IST

भरतपुर. 22 अगस्त को पूरे देश में भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज भाईयों की कलाईयों पर बहन के प्यार की डोरी बंधेगी. भाई अपनी बहनों के रक्षा का वादा करेंगे लेकिन भरतपुर में एक ऐसा भी भाई है, जिसकी कलाई पर आज के दिन हजारों राखियां बंधती हैं. इतना ही नहीं ये भाई सगों से भी बढ़कर बहनों के मान सम्मान और रक्षा का दायित्व निभा रहा है.

रक्षाबंधन पर भरतपुर के अपना घर आश्रम (Bharatpur Apna Ghar Ashram) में स्नेह और अपनेपन का अद्भुत नजारा देखने को मिला. सैंकड़ों बहनों के मुस्कराते चेहरे और भाई का स्नेह त्योहार में चार चांद लगा रहा था. अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज वो खुशनसीब इंसान हैं, जिनको हर रक्षाबंधन पर एक हजार से अधिक बहनों का प्यार मिलता है.

भरतपुर के अपना घर आश्रम में रक्षाबंधन

अपना घर आश्रम में रहनेवाली हर बहनों की अलग कहानी है. एक ही मां के गर्भ से पैदा हुए भाई ने अपनी बहन को स्वीकारने से मना कर दिया. वहीं सैकड़ों बहनों के परिजनों का अभी तक पता ही नहीं चला है. ऐसे में ये सैकड़ों बहनें हर रक्षाबंधन पर एक ऐसे भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो सगा तो नहीं है पर सगा से बढ़कर है. जो एक भाई से बढ़कर राखी का धर्म निभाता है.

भाई ने ठुकराया, अपना घर ने अपनाया

दिल्ली निवासी कुसुम जैन को बीते 7 साल से अपने भाई और परिजनों के आने का इंतजार है लेकिन एक ही मां के गर्भ से पैदा हुए भाई ने कुसुम को स्वीकारने से मना कर दिया. ऐसे में कुसुम 7 साल से अपना घर आश्रम को ही अपना घर और डॉ बीएम भारद्वाज और डॉ. माधुरी भारद्वाज को अपने भैया-भाभी मानकर यहां रह रही हैं. कुसुम जैन हर साल डॉ. भारद्वाज और डॉ माधुरी भारद्वाज की कलाई पर राखी बांधती हैं. कुसुम ने ईटीवी भारत को बताया कि भईया ही हमारे सब कुछ हैं. उन्होंने ही जीवनदान दिया.

यह भी पढ़ें. बाड़मेर की बहनों ने BSF जवानों को बांधी राखी, बोले- घर की कमी नहीं खली

बहनों में लग जाती है राखी बांधने की होड़

Raksha bandhan, भरतपुर न्यूज
बीएम भारद्वाज को तिलक लगाती महिलाएं

रविवार को रक्षाबंधन के पर्व पर ईटीवी भारत के लिए अपना घर आश्रम पहुंचे तो डॉक्टर बी एम भारद्वाज बहनों के बीच में घिरे हुए थे. बहनों के बीच भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए होड़ लगी हुई थी. कोई बहन, भाई के माथे पर मंगल टीका लगा रही थी तो कोई रक्षासूत्र बांध रही थी. कुछ बहनें बिस्किट खिलाकर भाई का मुंह मीठा करा रही थी. बदले में भाई डॉ. भारद्वाज भी बहनों पर लाड़ लड़ा रहे थे.

एक हजार से अधिक बहनें बांधती हैं राखी

डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि अपना घर आश्रम में रक्षाबंधन ही नहीं हर पर्व हर साल धूमधाम के साथ मनाया जाता है. अपना घर आश्रम में निवासरत करीब 2000 महिलाओं में से करीब 1500 महिलाएं डॉक्टर बीएम भारद्वाज को अपना भाई मानकर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं. आश्रम में करीब 500 महिलाएं ऐसी हैं, जो मानसिक रूप से ज्यादा अस्वस्थ हैं और उन्हें सुधबुध नहीं रहती. सिर्फ वही महिलाएं राखी बांधने से रह जाती हैं.

Raksha bandhan, भरतपुर न्यूज
भाई को मेंहदी दिखाती बहनें

बहनों की डिमांड भी होती है पूरी

जब डॉक्टर बी एम भारद्वाज की कलाई पर अपना घर आश्रम की बहनें राखी बांध रही थीं, तो कुछ बहनें भाई से अलग-अलग तरह की मांग भी कर रही थीं. कोई बहन अपने परिजनों के बारे में जानकारी मिलने की पूछ रही थी तो कोई स्वास्थ्य संबंधित परेशानी बता रही थी. भाई डॉ. बीएम भारद्वाज सभी बहनों पर प्यार उंड़ेलते हुए उनकी बातें भी सुन रहे थे और उन्हें पूरा करने का वादा भी कर रहे थे.

यह भी पढ़ें. राखी का लिफाफा: एक कहानी जो आपकी पलकें नम कर देगी

डॉक्टर बीएम भारद्वाज ने बताया कि रक्षाबंधन पर हर भाई अपनी बहन को कोई ना कोई तोहफा देना चाहता है. लेकिन मैं अपनी सभी बहनों को एक ही तोहफा देने की कोशिश करता हूं कि कभी भी उनकी आंखों में आंसू ना आएं और उन्हें वो सारी खुशियां दूं, जो उनके सगे भाई ना दे सके.

बता दें कि भरतपुर के अपना घर आश्रम में कुल 3500 से अधिक प्रभु जन निवासरत हैं. जिनमें से करीब 2000 महिलाएं हैं. इनमें से किसी महिला को परिजनों ने त्याग दिया है तो कोई गलती से भटकते हुए अपना घर आश्रम तक पहुंच गई हैं लेकिन अपना घर आश्रम में इन सभी को अपने घर से भी बढ़कर देखभाल, प्यार और दुलार मिलता है.

भरतपुर. 22 अगस्त को पूरे देश में भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज भाईयों की कलाईयों पर बहन के प्यार की डोरी बंधेगी. भाई अपनी बहनों के रक्षा का वादा करेंगे लेकिन भरतपुर में एक ऐसा भी भाई है, जिसकी कलाई पर आज के दिन हजारों राखियां बंधती हैं. इतना ही नहीं ये भाई सगों से भी बढ़कर बहनों के मान सम्मान और रक्षा का दायित्व निभा रहा है.

रक्षाबंधन पर भरतपुर के अपना घर आश्रम (Bharatpur Apna Ghar Ashram) में स्नेह और अपनेपन का अद्भुत नजारा देखने को मिला. सैंकड़ों बहनों के मुस्कराते चेहरे और भाई का स्नेह त्योहार में चार चांद लगा रहा था. अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज वो खुशनसीब इंसान हैं, जिनको हर रक्षाबंधन पर एक हजार से अधिक बहनों का प्यार मिलता है.

भरतपुर के अपना घर आश्रम में रक्षाबंधन

अपना घर आश्रम में रहनेवाली हर बहनों की अलग कहानी है. एक ही मां के गर्भ से पैदा हुए भाई ने अपनी बहन को स्वीकारने से मना कर दिया. वहीं सैकड़ों बहनों के परिजनों का अभी तक पता ही नहीं चला है. ऐसे में ये सैकड़ों बहनें हर रक्षाबंधन पर एक ऐसे भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो सगा तो नहीं है पर सगा से बढ़कर है. जो एक भाई से बढ़कर राखी का धर्म निभाता है.

भाई ने ठुकराया, अपना घर ने अपनाया

दिल्ली निवासी कुसुम जैन को बीते 7 साल से अपने भाई और परिजनों के आने का इंतजार है लेकिन एक ही मां के गर्भ से पैदा हुए भाई ने कुसुम को स्वीकारने से मना कर दिया. ऐसे में कुसुम 7 साल से अपना घर आश्रम को ही अपना घर और डॉ बीएम भारद्वाज और डॉ. माधुरी भारद्वाज को अपने भैया-भाभी मानकर यहां रह रही हैं. कुसुम जैन हर साल डॉ. भारद्वाज और डॉ माधुरी भारद्वाज की कलाई पर राखी बांधती हैं. कुसुम ने ईटीवी भारत को बताया कि भईया ही हमारे सब कुछ हैं. उन्होंने ही जीवनदान दिया.

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बहनों में लग जाती है राखी बांधने की होड़

Raksha bandhan, भरतपुर न्यूज
बीएम भारद्वाज को तिलक लगाती महिलाएं

रविवार को रक्षाबंधन के पर्व पर ईटीवी भारत के लिए अपना घर आश्रम पहुंचे तो डॉक्टर बी एम भारद्वाज बहनों के बीच में घिरे हुए थे. बहनों के बीच भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए होड़ लगी हुई थी. कोई बहन, भाई के माथे पर मंगल टीका लगा रही थी तो कोई रक्षासूत्र बांध रही थी. कुछ बहनें बिस्किट खिलाकर भाई का मुंह मीठा करा रही थी. बदले में भाई डॉ. भारद्वाज भी बहनों पर लाड़ लड़ा रहे थे.

एक हजार से अधिक बहनें बांधती हैं राखी

डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि अपना घर आश्रम में रक्षाबंधन ही नहीं हर पर्व हर साल धूमधाम के साथ मनाया जाता है. अपना घर आश्रम में निवासरत करीब 2000 महिलाओं में से करीब 1500 महिलाएं डॉक्टर बीएम भारद्वाज को अपना भाई मानकर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं. आश्रम में करीब 500 महिलाएं ऐसी हैं, जो मानसिक रूप से ज्यादा अस्वस्थ हैं और उन्हें सुधबुध नहीं रहती. सिर्फ वही महिलाएं राखी बांधने से रह जाती हैं.

Raksha bandhan, भरतपुर न्यूज
भाई को मेंहदी दिखाती बहनें

बहनों की डिमांड भी होती है पूरी

जब डॉक्टर बी एम भारद्वाज की कलाई पर अपना घर आश्रम की बहनें राखी बांध रही थीं, तो कुछ बहनें भाई से अलग-अलग तरह की मांग भी कर रही थीं. कोई बहन अपने परिजनों के बारे में जानकारी मिलने की पूछ रही थी तो कोई स्वास्थ्य संबंधित परेशानी बता रही थी. भाई डॉ. बीएम भारद्वाज सभी बहनों पर प्यार उंड़ेलते हुए उनकी बातें भी सुन रहे थे और उन्हें पूरा करने का वादा भी कर रहे थे.

यह भी पढ़ें. राखी का लिफाफा: एक कहानी जो आपकी पलकें नम कर देगी

डॉक्टर बीएम भारद्वाज ने बताया कि रक्षाबंधन पर हर भाई अपनी बहन को कोई ना कोई तोहफा देना चाहता है. लेकिन मैं अपनी सभी बहनों को एक ही तोहफा देने की कोशिश करता हूं कि कभी भी उनकी आंखों में आंसू ना आएं और उन्हें वो सारी खुशियां दूं, जो उनके सगे भाई ना दे सके.

बता दें कि भरतपुर के अपना घर आश्रम में कुल 3500 से अधिक प्रभु जन निवासरत हैं. जिनमें से करीब 2000 महिलाएं हैं. इनमें से किसी महिला को परिजनों ने त्याग दिया है तो कोई गलती से भटकते हुए अपना घर आश्रम तक पहुंच गई हैं लेकिन अपना घर आश्रम में इन सभी को अपने घर से भी बढ़कर देखभाल, प्यार और दुलार मिलता है.

Last Updated : Aug 22, 2021, 4:39 PM IST
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