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Special : घरों तक पहुंचने से पहले ही हजारों औषधीय पौधों ने पौधशालाओं में 'तोड़ा दम', जानें वजह

भरतपुर में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार की ओर से घर-घर औषधीय पौधे (Medicinal plants) योजना की शुरूआत की गई थी. इस योजना के तहत भरतपुर में 2 लाख 12 हजार परिवारों को 18 लाख 68 हजार औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे. जहां इस बार री से मानसून आने से हजारों औषधीय पौधे घर-घर पहुंचने से पहले ही झुलस गए.

Medicinal plants spoiled before distribution, औषधीय पौधे वितरण से पहले खराब
औषधीय पौधे वितरण से पहले खराब
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Published : Jul 30, 2021, 1:06 PM IST

भरतपुर. राजस्थान सरकार कोरोना संक्रमण को देखते हुए घर-घर औषधीय पौधे (Medicinal plants) वितरित कराने जा रही है. घर-घर औषधीय पौधे योजना के तहत भरतपुर जिले के 2 लाख 12 हजार परिवारों को 18 लाख 68 हजार औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे. लेकिन इस बार देरी से मानसून आने और अत्यधिक गर्मी पड़ने की वजह से वन विभाग की पौधशालाओं में तैयार किए जा रहे हजारों औषधीय पौधे घर-घर पहुंचने से पहले ही झुलस गए. ऐसे में वन विभाग लक्ष्य पूरा करने के लिए फिर से पौधे तैयार करने में जुटा है.

योजना के तहत इन पौधों का होना है वितरण

डीएफओ अभिमन्यु सहारन ने बताया कि योजना के तहत पूरे जिले में 2.12 लाख परिवारों को करीब 18 लाख 68, 288 औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे. इसके तहत प्रत्येक परिवार को चार प्रकार के कुल 8 औषधीय पौधे जिनमें अश्वगंधा, तुलसी, कालमेघ और गिलोय के दो-दो पौधे प्रदान किए जाएंगे.

औषधीय पौधे वितरण से पहले खराब

दो चरण में वितरित होंगे पौधे

डीएफओ अभिमन्यु सहारन ने बताया कि योजना के तहत दो चरण में पौधे वितरित किए जाएंगे। अगस्त माह में प्रथम चरण के तहत 5 लाख पौधे और दूसरे चरण के तहत अक्टूबर में 13 लाख पौधे वितरित करने का लक्ष्य है.

हजारों पौधे झुलसे

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भरतपुर केंद्रीय पौधशाला में तुलसी के कुल 39 हजार पौधे लगाए गए, जिनमें से करीब 15 हजार पौधे झुलस गए. अश्वगंधा के 33 हजार पौधों में से करीब 31 हजार झुलस गए. इसी तरह कालमेघ के करीब 24 हजार में से 15 हजार से अधिक पौधे झुलस गए. वहीं बयाना पौधशाला में भी कालमेघ और अश्वगंधा के करीब 30 हजार पौधे खराब हो गए. गर्मी से झुलसे पौधों की जगह विभाग ने नए पौधे उगाने के काम शुरू कर दिया है. संभावना है कि योजना शुरू होने से पहले जरूरत के अनुरूप पौधे तैयार कर लिए जाएंगे.

Medicinal plants spoiled before distribution, औषधीय पौधे वितरण से पहले खराब
ये रहें आंकड़े (1)

पढ़ें- World Tiger Day: रिलीज हुई बाघों पर बनी शॉर्ट फिल्म, अलवर की ज्योति बनी रियल हीरो

डीएफओ अभिमन्यु सहारन ने बताया कि योजना के तहत गांव-गांव जाकर वन विभाग के कर्मचारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं. लोगों को औषधीय पौधों का महत्व समझाया जा रहा है. साथ ही कोरोना संक्रमण के इस दौर में इम्युनिटी बढ़ाने और रोगों से बचाव के लिए औषधीय पौधे कितने कारगर हैं, इसकी भी जानकारी दी जा रही है.

Medicinal plants spoiled before distribution, औषधीय पौधे वितरण से पहले खराब
ये रहें आंकड़े (2)

अभिमन्यु सहारन ने बताया कि पौधे वितरित करने के लिए किट के टेंडर कर दिए गए हैं. पौधों को टूट-फूट से बचाने के लिए सभी 8 पौधे एक किट में रखकर परिवारों को दिए जाएंगे. गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने पूरे प्रदेश में घर-घर औषधीय पौधे योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 8-8 पौधे वितरित कराने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत भरतपुर को भी 18 लाख 68 हजार पौधे वितरित करने हैं.

भरतपुर. राजस्थान सरकार कोरोना संक्रमण को देखते हुए घर-घर औषधीय पौधे (Medicinal plants) वितरित कराने जा रही है. घर-घर औषधीय पौधे योजना के तहत भरतपुर जिले के 2 लाख 12 हजार परिवारों को 18 लाख 68 हजार औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे. लेकिन इस बार देरी से मानसून आने और अत्यधिक गर्मी पड़ने की वजह से वन विभाग की पौधशालाओं में तैयार किए जा रहे हजारों औषधीय पौधे घर-घर पहुंचने से पहले ही झुलस गए. ऐसे में वन विभाग लक्ष्य पूरा करने के लिए फिर से पौधे तैयार करने में जुटा है.

योजना के तहत इन पौधों का होना है वितरण

डीएफओ अभिमन्यु सहारन ने बताया कि योजना के तहत पूरे जिले में 2.12 लाख परिवारों को करीब 18 लाख 68, 288 औषधीय पौधे वितरित किए जाएंगे. इसके तहत प्रत्येक परिवार को चार प्रकार के कुल 8 औषधीय पौधे जिनमें अश्वगंधा, तुलसी, कालमेघ और गिलोय के दो-दो पौधे प्रदान किए जाएंगे.

औषधीय पौधे वितरण से पहले खराब

दो चरण में वितरित होंगे पौधे

डीएफओ अभिमन्यु सहारन ने बताया कि योजना के तहत दो चरण में पौधे वितरित किए जाएंगे। अगस्त माह में प्रथम चरण के तहत 5 लाख पौधे और दूसरे चरण के तहत अक्टूबर में 13 लाख पौधे वितरित करने का लक्ष्य है.

हजारों पौधे झुलसे

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भरतपुर केंद्रीय पौधशाला में तुलसी के कुल 39 हजार पौधे लगाए गए, जिनमें से करीब 15 हजार पौधे झुलस गए. अश्वगंधा के 33 हजार पौधों में से करीब 31 हजार झुलस गए. इसी तरह कालमेघ के करीब 24 हजार में से 15 हजार से अधिक पौधे झुलस गए. वहीं बयाना पौधशाला में भी कालमेघ और अश्वगंधा के करीब 30 हजार पौधे खराब हो गए. गर्मी से झुलसे पौधों की जगह विभाग ने नए पौधे उगाने के काम शुरू कर दिया है. संभावना है कि योजना शुरू होने से पहले जरूरत के अनुरूप पौधे तैयार कर लिए जाएंगे.

Medicinal plants spoiled before distribution, औषधीय पौधे वितरण से पहले खराब
ये रहें आंकड़े (1)

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डीएफओ अभिमन्यु सहारन ने बताया कि योजना के तहत गांव-गांव जाकर वन विभाग के कर्मचारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं. लोगों को औषधीय पौधों का महत्व समझाया जा रहा है. साथ ही कोरोना संक्रमण के इस दौर में इम्युनिटी बढ़ाने और रोगों से बचाव के लिए औषधीय पौधे कितने कारगर हैं, इसकी भी जानकारी दी जा रही है.

Medicinal plants spoiled before distribution, औषधीय पौधे वितरण से पहले खराब
ये रहें आंकड़े (2)

अभिमन्यु सहारन ने बताया कि पौधे वितरित करने के लिए किट के टेंडर कर दिए गए हैं. पौधों को टूट-फूट से बचाने के लिए सभी 8 पौधे एक किट में रखकर परिवारों को दिए जाएंगे. गौरतलब है कि राजस्थान सरकार ने पूरे प्रदेश में घर-घर औषधीय पौधे योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 8-8 पौधे वितरित कराने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत भरतपुर को भी 18 लाख 68 हजार पौधे वितरित करने हैं.

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