भरतपुर. प्रदेश में राज्य सरकार की तरफ से कृषि जिंसों पर लगाए गए 2 फीसदी कृषि कल्याण टैक्स का पूरे प्रदेश में जमकर विरोध हो रहा है. इसी कड़ी में शुक्रवार को राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के आव्हान पर प्रदेश की लगभग 245 मंडियों के साथ भरतपुर की सरसों मंडी और अटल बंध कृषि मंडी भी बंद रही.
व्यापारियों का कहा कि, एक तरफ तो देश कोरोना से जंग लड़ रहा है, लोगों के रोजगार बंद हो गए हैं. ऐसे समय 2 फीसदी टैक्स लगाना आम जनता के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. इस 2 फीसदी टैक्स से महंगाई बढ़ेगी और तेल मिल बंद हो जाएंगी. साथ ही व्यापारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि, जब तक सरकार अपने 2 फीसदी कृषि कल्याण टैक्स के आदेश वापस नहीं लेगी, तब तक मंडियों में कृषि जिंसों का क्रय -विक्रय नहीं किया जाएगा.
मंडियां बंद होने से बढ़ी किसानों की परेशानी
किसान साल भर फसल के सहारे ही बाजार से कर्जा लेकर खाद-बीज और अपने जरूरत की चीजें खरीदता है और फसल आते बेचकर अपना कर्जा चुकाता है. लेकिन, मंडियों के बंद होने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसान अपनी फसल समय पर नहीं बेच पा रहे हैं. कोरोना के चलते पहले ही किसान अपनी फसल को मंडी में बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. जिससे कई दिन में किसान को फसल बेचने का मौका मिलता है. अब मंडी बंद होने से किसानों को और ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा. वहीं, बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से पहले ही किसानों की फसल बर्बाद हो चुकी है. अब सरकार के लगाए गए इस टैक्स से किसानों की परेशानी और बढ़ जाएगी.