अलवर. जिले के राजकीय गीतानंद शिशु चिकित्सालय के एफबीएनसी यूनिट में बेबी फार्मर में आग से 20 दिन की नवजात बच्ची झुलसने से मौत के मामले में 2 डॉक्टर सहित 5 दोषियों को निलंबित किया गया था. इस मामले में नर्सिंग कर्मियों ने विरोध शुरू कर दिया है.
राजीव गांधी अस्पताल और उससे संबंधित महिला अस्पताल और गीतानंद शिशु अस्पताल के नर्सिंग कर्मियों ने गुरुवार को एकत्रित होकर पीएमओ सुनील चौहान को ज्ञापन सौंपकर निर्दोष नर्सिंग कर्मियों को निलंबन को गलत बताया है और निलंबन वापसी लेने की मांग की है. नर्सिंग एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष पुष्पराज शर्मा के नेतृत्व में पीएमओ को ज्ञापन सौंपा कर निलंबन वापस लेने की मांग पूरी नहीं होने पर कल से 2 घंटे का कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी गई है.
गौरतलब है कि चिकित्सा विभाग के निर्देशक ने लापरवाही के आरोप में शिशु अस्पताल के प्रभारी डॉ महेश वशिष्ठ एवं एमओ डॉक्टर कृपाल सिंह यादव को निलंबन कर दिया था. इसके अलावा एफबीएनसी यूनिट के इंचार्ज शारदा शर्मा नर्स स्नेहलता शर्मा और भारती मीणा एवं वार्ड बॉय तारा मीणा को निलंबित कर दिया था.
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वहीं अनुबंध पर रखे इलेक्ट्रीशियन की भी सेवा समाप्त कर दी थी. नर्सिंग एसोसिएशन एक्सीडेंटल हुए हादसे में राज्य सरकार के दबाव में कर्मचारियों को सस्पेंड किया है, जिनमें तीन नर्सिंग कर्मचारियों ने 14 बच्चों को जीवित बचाया था, उन्हें भी निलंबित किया गया है. इससे नर्सिंग कर्मचारियों में भारी आक्रोश है और हॉस्पिटल पीएमओ को ज्ञापन दीया और कल शुक्रवार से 9 बजे से 11 बजे तक 2 घंटे का कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है.