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Laxmikant of Bharatpur : कभी राष्ट्रीय स्तर पर किया था नाम रोशन, अब 'सुंदर कांड' और मल्टीप्लेक्स का सहारा...मुश्किल से पाल रहे परिवार - ETV Bharat Rajasthan News

भरतपुर शहर के बी. नारायण गेट स्थित बुध की हॉट कॉलोनी की गली में एक खंडहर सा मकान है. इसी मकान में (Laxmikant of Bharatpur) दुबले-पतले शरीर वाले लक्ष्मीकांत शर्मा रहते हैं. ये वही लक्ष्मीकांत शर्मा हैं, जिन्होंने 38 साल पहले सॉफ्टबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व किया. राजस्थान सॉफ्टबॉल टीम के कैप्टन रहे. इतना ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय टीम में भी सिलेक्शन हुआ, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते खेलने नहीं जा सके. देखिए भरतपुर से ये रिपोर्ट...

Laxmikant of Bharatpur
आर्थिक तंगहाली में राष्ट्रीय खिलाड़ी लक्ष्मीकांत शर्मा
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Published : Feb 22, 2022, 5:52 PM IST

भरतपुर. राष्ट्रीय स्तर पर सॉफ्टबॉल और दौड़ में परिवार व जिले का नाम रोशन करने वाले लक्ष्मीकांत शर्मा आज अपने परिवार को पालने के लिए घर-घर सुंदर कांड का पाठ और मल्टीप्लेक्स पर नौकरी (Softball Player Laxmikant Sharma is in Trouble) करने को मजबूर हैं. राष्ट्रीय स्तर का सॉफ्टबॉल प्लेयर लक्ष्मीकांत शर्मा का पूरा जीवन ही एक संघर्ष की कहानी है.

दर्जनों प्रमाण पत्र, लेकिन नौकरी को मोहताज : जीर्णशीर्ण मकान में परिवार के साथ निवास कर रहे लक्ष्मीकांत शर्मा से जब उनकी खेल की उपलब्धियों के बारे में पूछा तो वो अलमारी से एक पॉलिथीन में रखे दर्जनों प्रमाण पत्र निकाल कर ले आए. इस पॉलिथीन में से स्कूल स्तर के और ओपन गेम्स के जिला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर के तमाम प्रमाण पत्र भरे हुए थे. लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि उन्होंने स्पोर्ट्स के दम पर कई बार नौकरी पाने का प्रयास किया, लेकिन हर बार किस्मत ने मुंह मोड़ लिया. कभी उम्र नौकरी के आड़े आ गई तो कभी शारीरिक दक्षता में कमी बताकर अनफिट करार कर दिया गया.

लक्ष्मीकांत ने 38 साल पहले सॉफ्टबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर किया था नाम रोशन...

आर्थिक तंगी के कारण नहीं जा सके जापान : लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि वर्ष 1984 में उन्होंने राजस्थान की सॉफ्टबॉल टीम का प्रतिनिधित्व (कैप्टन) किया. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए (Selection of Laxmikant for International Match) उनका राष्ट्रीय टीम में भी चयन हुआ, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह टीम के साथ खेलने के लिए जापान नहीं जा सके.

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परिवार पालने के लिए बेचे मूवी टिकट : लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि जब नौकरी नहीं मिल सकी तो उन्होंने परिवार पालने के लिए थिएटर पर टिकट बेचने का काम भी किया. फिलहाल, वे परिवार पालने के लिए मल्टीप्लेक्स पर टिकट मैनेजमेंट का काम देखने के साथ ही घर-घर सुंदर कांड का पाठ भी करते हैं. इससे होने वाली आय से ही वे अपने दोनों बच्चों को शिक्षा दिला रहे हैं और पूरे परिवार का पालन कर रहे हैं. लक्ष्मीकांत के परिवार में पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं. बड़ा बेटा दसवीं कक्षा में तो छोटा बेटा सातवीं कक्षा में पढ़ रहा है.

Certificates of Laxmikant Sharma
लक्ष्मीकांत शर्मा के प्रमाण पत्र...

नहीं करा पा रहे घर का जीर्णोद्धार : लक्ष्मीकांत शर्मा जिस घर में रह रहे हैं, वह जीर्णशीर्ण हालत में है. पूछने पर उन्होंने बताया कि घर की रिपेयरिंग कराने के लिए (Bharatpur National Player Financial Crisis) उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं है. यही वजह है कि उन्हें टूटे-फूटे मकान में परिवार के साथ रहना पड़ रहा है.

भरतपुर. राष्ट्रीय स्तर पर सॉफ्टबॉल और दौड़ में परिवार व जिले का नाम रोशन करने वाले लक्ष्मीकांत शर्मा आज अपने परिवार को पालने के लिए घर-घर सुंदर कांड का पाठ और मल्टीप्लेक्स पर नौकरी (Softball Player Laxmikant Sharma is in Trouble) करने को मजबूर हैं. राष्ट्रीय स्तर का सॉफ्टबॉल प्लेयर लक्ष्मीकांत शर्मा का पूरा जीवन ही एक संघर्ष की कहानी है.

दर्जनों प्रमाण पत्र, लेकिन नौकरी को मोहताज : जीर्णशीर्ण मकान में परिवार के साथ निवास कर रहे लक्ष्मीकांत शर्मा से जब उनकी खेल की उपलब्धियों के बारे में पूछा तो वो अलमारी से एक पॉलिथीन में रखे दर्जनों प्रमाण पत्र निकाल कर ले आए. इस पॉलिथीन में से स्कूल स्तर के और ओपन गेम्स के जिला स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर के तमाम प्रमाण पत्र भरे हुए थे. लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि उन्होंने स्पोर्ट्स के दम पर कई बार नौकरी पाने का प्रयास किया, लेकिन हर बार किस्मत ने मुंह मोड़ लिया. कभी उम्र नौकरी के आड़े आ गई तो कभी शारीरिक दक्षता में कमी बताकर अनफिट करार कर दिया गया.

लक्ष्मीकांत ने 38 साल पहले सॉफ्टबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर किया था नाम रोशन...

आर्थिक तंगी के कारण नहीं जा सके जापान : लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि वर्ष 1984 में उन्होंने राजस्थान की सॉफ्टबॉल टीम का प्रतिनिधित्व (कैप्टन) किया. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए (Selection of Laxmikant for International Match) उनका राष्ट्रीय टीम में भी चयन हुआ, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह टीम के साथ खेलने के लिए जापान नहीं जा सके.

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परिवार पालने के लिए बेचे मूवी टिकट : लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि जब नौकरी नहीं मिल सकी तो उन्होंने परिवार पालने के लिए थिएटर पर टिकट बेचने का काम भी किया. फिलहाल, वे परिवार पालने के लिए मल्टीप्लेक्स पर टिकट मैनेजमेंट का काम देखने के साथ ही घर-घर सुंदर कांड का पाठ भी करते हैं. इससे होने वाली आय से ही वे अपने दोनों बच्चों को शिक्षा दिला रहे हैं और पूरे परिवार का पालन कर रहे हैं. लक्ष्मीकांत के परिवार में पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं. बड़ा बेटा दसवीं कक्षा में तो छोटा बेटा सातवीं कक्षा में पढ़ रहा है.

Certificates of Laxmikant Sharma
लक्ष्मीकांत शर्मा के प्रमाण पत्र...

नहीं करा पा रहे घर का जीर्णोद्धार : लक्ष्मीकांत शर्मा जिस घर में रह रहे हैं, वह जीर्णशीर्ण हालत में है. पूछने पर उन्होंने बताया कि घर की रिपेयरिंग कराने के लिए (Bharatpur National Player Financial Crisis) उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं है. यही वजह है कि उन्हें टूटे-फूटे मकान में परिवार के साथ रहना पड़ रहा है.

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