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शर्मनाक! भरतपुर के ट्रोमा सेंटर में मृत व्यक्ति की बॉडी को ही करते रहे वार्डों में शिफ्ट और रैफर - भरतपुर अस्पताल

भरतपुर स्थित संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में एक हैरान करने वाली और स्टाफ की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है. जिसमें एक मृत व्यक्ति के शव को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करते रहे तो कभी रैफर कर दिया, लेकिन करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद जाकर चिकित्सकों ने उसे लिखित रूप में मृत घोषित कर शव परिजनों को सौंपा.

भरतपुर के अस्पताल में मृत व्यक्ति को ही वार्डों में करते रहे शिफ्ट
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Published : Aug 2, 2019, 5:49 PM IST

भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में स्टाफ की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाने वाली और इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है. दरअसल, यहां स्टाफ एक मृत व्यक्ति के शव को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करते रहे तो कभी उसे रैफर तक कर दिया, लेकिन करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद जाकर चिकित्सकों ने उसे लिखित रूप में मृत घोषित कर परिजनों को सौंपा. वहीं अस्पताल प्रशासन के इस रवैये से इंसानियत शर्मशार हो गई.

भरतपुर के अस्पताल में मृत व्यक्ति को ही वार्डों में करते रहे शिफ्ट

मामला जिला राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल का है. जहां उद्योग नगर थाना इलाके के गांव जघीना निवासी 45 वर्षीय बदन सिंह अचानक चलते हुए रास्ते में बेहोश हो गया था. जानकारी के अनुसार जिसे वहां से गुजर रहे 3-4 व्यक्ति उठाकर अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती करा गए थे.

जहां उस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी, लेकिन फिर भी वहां तैनात चिकित्सक ने चेकअप करने के बाद उसे रैफर कर दिया और परिजनों ने एम्बुलेंस किराए पर ली. जिससे उसे जयपुर ले जाया जा सके. लेकिन तभी एम्बुलेंस के कर्मियों ने देखा तो वह मृत हो चुका था और फिर परिजनों ने देखा तो उसकी सांसे बंद थी. इस पर परिजन उसे ट्रोमा सेंटर लेकर पहुंचे और चिकित्सकों को कहा कि वह तो मृत हो चुका है फिर आपने इसे रैफर क्यों किया.

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इसके बाद भी चिकित्सक ने उसे मृत घोषित करने की बजाए सर्जिकल वार्ड में भर्ती कर दिया. फिर उसे अन्य वार्ड में भर्ती कर दिया गया और शव को लेकर परिजन अस्पताल में इधर से उधर भटकते रहे. बाद में जब परिजनों ने अपनी नाराजगी जताई. तब जाकर खानापूर्ति करते हुए चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया. हालांकि अब अस्पताल के अधिकारी इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

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वहीं इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कालीचरण बंसल का कहना है कि कल जो चिकित्सक ट्रोमा पर ड्यूटी पर लगा हुआ था, वह नया आया है. उसको अभी इन चीजों के बारे में जानकारी नहीं थी और जो कम्पाउंडर लगे हुए थे, उन्होंने उसे सही तरीके से गाइड नहीं किया. इस वजह से इसमें समय लग गया. इसके बाद उन्होंने ट्रोमा के स्टाफ को निर्देशित कर दिया है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. साथ ही अन्य चिकित्सकों को भी निर्देशित कर रहे हैं. हालांकि अभी इस मामले की जांच की जा रही है.

भरतपुर. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में स्टाफ की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाने वाली और इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है. दरअसल, यहां स्टाफ एक मृत व्यक्ति के शव को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करते रहे तो कभी उसे रैफर तक कर दिया, लेकिन करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद जाकर चिकित्सकों ने उसे लिखित रूप में मृत घोषित कर परिजनों को सौंपा. वहीं अस्पताल प्रशासन के इस रवैये से इंसानियत शर्मशार हो गई.

भरतपुर के अस्पताल में मृत व्यक्ति को ही वार्डों में करते रहे शिफ्ट

मामला जिला राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल का है. जहां उद्योग नगर थाना इलाके के गांव जघीना निवासी 45 वर्षीय बदन सिंह अचानक चलते हुए रास्ते में बेहोश हो गया था. जानकारी के अनुसार जिसे वहां से गुजर रहे 3-4 व्यक्ति उठाकर अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में भर्ती करा गए थे.

जहां उस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी, लेकिन फिर भी वहां तैनात चिकित्सक ने चेकअप करने के बाद उसे रैफर कर दिया और परिजनों ने एम्बुलेंस किराए पर ली. जिससे उसे जयपुर ले जाया जा सके. लेकिन तभी एम्बुलेंस के कर्मियों ने देखा तो वह मृत हो चुका था और फिर परिजनों ने देखा तो उसकी सांसे बंद थी. इस पर परिजन उसे ट्रोमा सेंटर लेकर पहुंचे और चिकित्सकों को कहा कि वह तो मृत हो चुका है फिर आपने इसे रैफर क्यों किया.

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इसके बाद भी चिकित्सक ने उसे मृत घोषित करने की बजाए सर्जिकल वार्ड में भर्ती कर दिया. फिर उसे अन्य वार्ड में भर्ती कर दिया गया और शव को लेकर परिजन अस्पताल में इधर से उधर भटकते रहे. बाद में जब परिजनों ने अपनी नाराजगी जताई. तब जाकर खानापूर्ति करते हुए चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया. हालांकि अब अस्पताल के अधिकारी इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

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वहीं इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कालीचरण बंसल का कहना है कि कल जो चिकित्सक ट्रोमा पर ड्यूटी पर लगा हुआ था, वह नया आया है. उसको अभी इन चीजों के बारे में जानकारी नहीं थी और जो कम्पाउंडर लगे हुए थे, उन्होंने उसे सही तरीके से गाइड नहीं किया. इस वजह से इसमें समय लग गया. इसके बाद उन्होंने ट्रोमा के स्टाफ को निर्देशित कर दिया है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. साथ ही अन्य चिकित्सकों को भी निर्देशित कर रहे हैं. हालांकि अभी इस मामले की जांच की जा रही है.

Intro:भरतपुर_02-08-2019

Summery- भरतपुर में स्थित संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में एक अजीव वाक्यांश घटित हुआ जहाँ मृत व्यक्ति के शव को एक वार्ड से दुसरे वार्ड में भर्ती करते रहे तो कभी रेफर कर दिया लेकिन करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद जाकर चिकित्सकों ने उसे लिखित रूप में मृतक घोषित कर परिजनों को सौंपा

एंकर - भरतपुर में स्थित संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में एक अजीव वाक्यांश घटित हुआ जहाँ मृत व्यक्ति के शव को एक वार्ड से दुसरे वार्ड में भर्ती करते रहे तो कभी रेफर कर दिया लेकिन करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद जाकर चिकित्सकों ने उसे लिखित रूप में मृतक घोषित कर परिजनों को सौंपा और अस्पताल प्रशासन के इस रवैये से इंसानियत शर्मशार हो गयी | 
मामला जिला राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल का है जहाँ उद्योग नगर थाना इलाके के गाँव जघीना निवासी 45 वर्षीय बदन सिंह अचानक चलते हुए रास्ते में बेहोश हो गया था जिसे वहां से गुजर रहे तीन चार व्यक्ति उठाकर अस्पताल के ट्रामा सेंटर पर भर्ती करा गए थे जहाँ उस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी लेकिन फिर भी वहां तैनात चिकित्सक ने चेक अप करने के बाद उसे रेफर कर दिया और परिजनों ने एम्बुलेंस किराये पर ली जिससे उसे जयपुर ले जाया जाए लेकिन तभी एम्बुलेंस के कर्मियों ने देखा तो वह मृत हो चूका था और फिर परिजनों ने देखा तो वह मर चूका था जिस पर परिजन उसे ट्रामा सेंटर पर लेकर पहुंचे और चिकित्सकों को कहा की वह तो मृत हो चुका है फिर आपने इसे रेफर क्यों किया | 
इसके बाद भी चिकित्सक ने उसे मृत घोषित करने की बजाय सर्जिकल वार्ड में भर्ती कर दिया फिर उसे अन्य वार्ड में भर्ती कर दिया और शव को लेकर परिजन अस्पताल में इधर से उधर भटकते रहे बाद में जब परिजनों ने अपनी नाराजगी जताई तब जाकर खानापूर्ति करते हुए चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया | हालाँकि अब अस्पताल के अधिकारी इस मामले की जांच कर कार्यबाही करने की बात कह रहे है | 
वही इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कालीचरण बंसल का क्या कहना है ज़रा वह भी सुन लीजिये--कल जो चिकित्सक ट्रामा पर ड्यूटी पर लगा हुआ था वह नया आया है उसको अभी इन चीजों के बारे में जानकारी नहीं थी और जो कम्पाउंडर लगे हुए थे उन्होंने उसको सही तरीके से गाइड नहीं किया इस बजह से इसमें समय लग गया | इसके बाद हमने ट्रामा के सटाफ को निर्देशित कर दिया है और उनके खिलाफ कार्यबाही की भी जाएगी साथ ही अन्य चिकित्सकों को भी निर्देशित कर रहे है | हालाँकि अभी इस मामले की जांच की जा रही है |
बाइट - जवाहर सिंह,मृतक का परिजन
बाइट - मृतक के परिजन 
बाइट-कालीचरण बंसल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी भरतपुर


Body:डॉक्टर रेफर एंड एडमिट बॉडी 


Conclusion:
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