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17 दिन में अस्त हो गया पूनम का 'चांद', वीरांगना ने दिया शहीद पति सौरभ की अर्थी को कांधा - रूपवास के बरौली ब्राह्मण गांव

हजारों की भीड़ का सैलाब...हर आंख में पानी था और जुबान पर भारत माता के जयकारे. देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले रूपवास के बरौली ब्राह्मण गांव निवासी सौरभ कटारा को अंतिम विदाई देने के लिए गुरुवार सुबह हजारों की भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा. शहीद सौरभ कटारा की अंतिम यात्रा जिस किसी गली से गुजरी उधर ही महिलाओं के क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया. हर किसी की आंखें इस दौरान नम नजर आई. वहीं अंतिम यात्रा के दौरान शहीद की वीरांगना पूनम ने पार्थिव देह को कांधा दिया.

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नम आंखों से दी गई शहीद सौरभ को अंतिम विदाई
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Published : Dec 26, 2019, 4:04 PM IST

Updated : Dec 26, 2019, 5:22 PM IST

भरतपुर. जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सोमवार रात को बम विस्फोट में शहीद हुए भरतपुर जिले के रूपवास क्षेत्र के बरौली ब्राह्मण गांव निवासी सौरभ कटारा की पार्थिव देह गुरुवार सुबह करीब 9 बजे उसके पैतृक गांव ले जाई गयी. गांव से करीब 4 किलोमीटर पहले ही गांव के लोग शहीद सौरव की पार्थिव देह के लिए पहुंच गए और गांव तक रैली के रूप में जयकारे लगाते हुए पहुंचे.

गांव की गलियों से होकर जैसे-जैसे शहीद सौरभ कटारा की अंतिम यात्रा गुजरी वैसे-वैसे महिलाओं, युवतियों के रुदन की आवाजें तेज होने लगी. बच्चे हाथों में तिरंगा झंडा लेकर 'भारत माता की जय और जब तक सूरज चांद रहेगा सौरभ तेरा नाम रहेगा' के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे. शहीद सौरभ कटारा की पार्थिव देह जैसे ही उनके घर ले जाई गई तो महिलाओं के रोने से पूरा माहौल गमगीन हो गया.

नम आंखों से दी गई शहीद सौरभ को अंतिम विदाई

सैनिक सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

परिजनों को अंतिम दर्शन कराने के बाद पार्थिव देह को अंत्येष्टि स्थल पर ले जाया गया. यहां कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह, संसद रंजीत कोली, जिला कलेक्टर नथमल डिडेल, पुलिस अधीक्षक हैदर अली जैदी, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ शैलेश सिंह समेत पुलिस, प्रशासन और सैन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. जिसके बाद छोटे भाई ने शहीद सौरभ कटारा को मुखाग्नि देकर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.

यह भी पढ़ें : कोटा जिला परिषद घूसकांड: जिला प्रमुख को पूछताछ के लिए ACB ने किया तलब

17 दिन में अस्त हो गया 'पूनम' का 'चांद'

शहीद सौरभ कटारा की अपने बड़े भाई के साथ 8 दिसंबर 2019 को ही शादी हुई थी. सौरभ कटारा ने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पास स्थित जाजमपट्टी निवासी पूनम के साथ सात फेरे लिए थे, लेकिन उनका यह 'चांद' सिर्फ 17 दिन में ही अस्त हो गया. अभी पूनम के हाथों की मेहंदी का रंग उतरा भी नहीं था कि उससे पहले ही उसकी मांग सूनी हो गई. बता दें कि अंतिम यात्रा के दौरान शहीद की वीरांगना पूनम ने पार्थिव देह को कांधा दिया. लेकिन अंत्येष्टि स्थल पर अपने पति शहीद सौरभ कटारा की पार्थिव देह देखकर पूनम बेहोश होकर गिर पड़ी.

'देश पर हजारों सौरभ कुर्बान'

शहीद के परिजन सियाराम ने कहा कि पाकिस्तान चाहे हमारे सैनिकों के लिए आईईडी बिछाए या फिर बम से हमला करें हम उसके हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैं. देश के लिए एक सौरभ, एक बेटा तो क्या हजारों बेटा और भाई कुर्बान करने के लिए हम तैयार हैं. वही शहीद के चाचा लक्ष्मण कटारा ने कहा कि हमने तो देश की सेवा करने के लिए संविधान की कसम खाई हुई है और हम सिर्फ देश की सेवा के लिए ही बने हैं.

यह भी पढ़ें. स्पेशल रिपोर्ट: श्रीगंगानगर में ड्रिंक एंड ड्राइव मामलों में इजाफा, समझाइश अभियान का भी नहीं कोई असर

मोदी जी अब 10 आतंकियों के सिर लाएं

शहीद सौरभ कटारा के अंत्येष्टि स्थल पर एक ग्रामीण ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यदि हमारा एक सैनिक मरेगा तो हम 10 आतंकवादियों के सिर लेकर आएंगे. ग्रामीण ने कहा कि हमारा 1 जवान शहीद हुआ है. अब मोदी 10 आतंकवादियों के सिर लेकर आए हैं.

गौरतलब है कि सौरभ कटारा जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके में सोमवार रात को हुए बम विस्फोट में घायल हो गए थे. बाद में 24 दिसंबर को उपचार के दौरान सेना के अस्पताल में शहीद हो गए. सौरभ कटारा का 25 दिसंबर को जन्मदिन भी था. शहीद सौरभ कटारा के पिता नरेश कटारा सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. वहीं बड़ा भाई खेतीबाड़ी करता है जबकि छोटा भाई बीकानेर से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. कुछ दिन पहले ही शहीद की दो बहनों की भी शादी हुई थी.

भरतपुर. जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सोमवार रात को बम विस्फोट में शहीद हुए भरतपुर जिले के रूपवास क्षेत्र के बरौली ब्राह्मण गांव निवासी सौरभ कटारा की पार्थिव देह गुरुवार सुबह करीब 9 बजे उसके पैतृक गांव ले जाई गयी. गांव से करीब 4 किलोमीटर पहले ही गांव के लोग शहीद सौरव की पार्थिव देह के लिए पहुंच गए और गांव तक रैली के रूप में जयकारे लगाते हुए पहुंचे.

गांव की गलियों से होकर जैसे-जैसे शहीद सौरभ कटारा की अंतिम यात्रा गुजरी वैसे-वैसे महिलाओं, युवतियों के रुदन की आवाजें तेज होने लगी. बच्चे हाथों में तिरंगा झंडा लेकर 'भारत माता की जय और जब तक सूरज चांद रहेगा सौरभ तेरा नाम रहेगा' के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे. शहीद सौरभ कटारा की पार्थिव देह जैसे ही उनके घर ले जाई गई तो महिलाओं के रोने से पूरा माहौल गमगीन हो गया.

नम आंखों से दी गई शहीद सौरभ को अंतिम विदाई

सैनिक सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई

परिजनों को अंतिम दर्शन कराने के बाद पार्थिव देह को अंत्येष्टि स्थल पर ले जाया गया. यहां कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह, संसद रंजीत कोली, जिला कलेक्टर नथमल डिडेल, पुलिस अधीक्षक हैदर अली जैदी, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ शैलेश सिंह समेत पुलिस, प्रशासन और सैन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. जिसके बाद छोटे भाई ने शहीद सौरभ कटारा को मुखाग्नि देकर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई.

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17 दिन में अस्त हो गया 'पूनम' का 'चांद'

शहीद सौरभ कटारा की अपने बड़े भाई के साथ 8 दिसंबर 2019 को ही शादी हुई थी. सौरभ कटारा ने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पास स्थित जाजमपट्टी निवासी पूनम के साथ सात फेरे लिए थे, लेकिन उनका यह 'चांद' सिर्फ 17 दिन में ही अस्त हो गया. अभी पूनम के हाथों की मेहंदी का रंग उतरा भी नहीं था कि उससे पहले ही उसकी मांग सूनी हो गई. बता दें कि अंतिम यात्रा के दौरान शहीद की वीरांगना पूनम ने पार्थिव देह को कांधा दिया. लेकिन अंत्येष्टि स्थल पर अपने पति शहीद सौरभ कटारा की पार्थिव देह देखकर पूनम बेहोश होकर गिर पड़ी.

'देश पर हजारों सौरभ कुर्बान'

शहीद के परिजन सियाराम ने कहा कि पाकिस्तान चाहे हमारे सैनिकों के लिए आईईडी बिछाए या फिर बम से हमला करें हम उसके हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैं. देश के लिए एक सौरभ, एक बेटा तो क्या हजारों बेटा और भाई कुर्बान करने के लिए हम तैयार हैं. वही शहीद के चाचा लक्ष्मण कटारा ने कहा कि हमने तो देश की सेवा करने के लिए संविधान की कसम खाई हुई है और हम सिर्फ देश की सेवा के लिए ही बने हैं.

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मोदी जी अब 10 आतंकियों के सिर लाएं

शहीद सौरभ कटारा के अंत्येष्टि स्थल पर एक ग्रामीण ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यदि हमारा एक सैनिक मरेगा तो हम 10 आतंकवादियों के सिर लेकर आएंगे. ग्रामीण ने कहा कि हमारा 1 जवान शहीद हुआ है. अब मोदी 10 आतंकवादियों के सिर लेकर आए हैं.

गौरतलब है कि सौरभ कटारा जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके में सोमवार रात को हुए बम विस्फोट में घायल हो गए थे. बाद में 24 दिसंबर को उपचार के दौरान सेना के अस्पताल में शहीद हो गए. सौरभ कटारा का 25 दिसंबर को जन्मदिन भी था. शहीद सौरभ कटारा के पिता नरेश कटारा सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. वहीं बड़ा भाई खेतीबाड़ी करता है जबकि छोटा भाई बीकानेर से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. कुछ दिन पहले ही शहीद की दो बहनों की भी शादी हुई थी.

Intro:भरतपुर.
हजारों की भीड़ का सैलाब...हर आंख में पानी था और जुबान पर भारत माता के जयकारे। देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले रूपवास के बरौली ब्राह्मण गांव निवासी सौरभ कटारा को अंतिम विदाई देने के लिए गुरुवार सुबह हजारों की भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा। शहीद सौरभ कटारा की अंतिम यात्रा जिस किसी गली से गुजरी उधर ही महिलाओं के क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया। घर की देहरी पर जैसे ही शहीद का ताबूत पहुंचा घर की महिलाएं चीत्कार कर उठीं। हर तरफ लोगों की भीड़ थी और हर किसी की आंख नम थी। पूरा गांव अपने वीर की विदाई पर आंसू बहा रहा था।


Body:सैनिक सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सोमवार रात को बम विस्फोट में शहीद हुए भरतपुर जिले के रूपवास क्षेत्र के बरौली ब्राह्मण गांव निवासी सौरभ कटारा की पार्थिव देह गुरुवार सुबह करीब 9:00 बजे उसके पैतृक गांव ले जाई गयी। गांव से करीब 4 किलोमीटर पहले ही गांव के लोग शहीद सौरव की पार्थिव देह के लिए पहुंच गए और गांव तक रैली के रूप में जयकारे लगाते हुए पहुंचे। गांव की गलियों से होकर जैसे-जैसे शहीद सौरभ कटारा की अंतिम यात्रा गुजरी वैसे-वैसे महिलाओं, युवतियों के रुदन की आवाजें तेज होने लगी। बच्चे हाथों में तिरंगा झंडा लेकर 'भारत माता की जय और जब तक सूरज चांद रहेगा सौरभ तेरा नाम रहेगा' के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। शहीद सौरभ कटारा की पार्थिव देह जैसे ही उनके घर ले जाई गई तो मगिलाओं के क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो गया। परिजनों को अंतिम दर्शन कराने के बाद पार्थिव देह को अंत्येष्टि स्थल पर ले जाया गया। यहां कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह, संसद रंजीत कोली, जिला कलेक्टर नथमल डिडेल, पुलिस अधीक्षक हैदर अली जैदी, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ शैलेश सिंह समेत पुलिस, प्रशासन और सैन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। जिसके बाद छोटे भाई ने शहीद सौरभ कटारा को मुखाग्नि देकर पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

17 दिन में अस्त हो गया 'पूनम' का 'चांद'
शहीद सौरभ कटारा की अपने बड़े भाई के साथ 8 दिसंबर 2019 को ही शादी हुई थी। सौरभ कटारा ने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पास स्थित जाजमपट्टी निवासी पूनम के साथ सात फेरे लिए थे लेकिन उनका यह 'चांद' सिर्फ 17 दिन में ही अस्त हो गया। अभी पूनम के हाथों की मेहंदी का रंग उतरा भी नहीं था कि उससे पहले ही उसकी मांग सूनी हो गई। अंत्येष्टि स्थल पर अपने पति शहीद सौरभ कटारा की पार्थिव देह देखकर पूनम बेहोश होकर गिर पड़ी।

'देश पर हजारों सौरभ कुर्बान'
शहीद के परिजन सियाराम ने कहा कि पाकिस्तान चाहे हमारे सैनिकों के लिए आईईडी बिछाए या फिर बम से हमला करें हम उसके हर हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैं। देश के लिए एक सौरभ, एक बेटा तो क्या हजारों बेटा और भाई कुर्बान करने के लिए हम तैयार हैं। वही शहीद के चाचा लक्ष्मण कटारा ने कहा कि हमने तो देश की सेवा करने के लिए संविधान की कसम खाई हुई है और हम सिर्फ देश की सेवा के लिए ही बने हैं।


Conclusion:गौरतलब है कि सौरभ कटारा जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा इलाके में सोमवार रात को हुए बम विस्फोट में घायल हो गया। बाद में 24 दिसंबर को उपचार के दौरान सेना के अस्पताल में शहीद हो गया। सौरभ कटारा का 25 दिसंबर को जन्मदिन भी था। शहीद सौरभ कटारा के पिता नरेश कटारा सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वही बड़ा भाई खेतीबाड़ी करता है जबकि छोटा भाई बीकानेर से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। कुछ दिन पहले ही शहीद की दो बहनों की भी शादी हुई थी।

बाईट - सियाराम, शाहिद का परिजन( डार्क ट्रैक शूट)

बाईट2 - लक्ष्मण कटारा, शहीद का चाचा (ग्रे ट्रैक शूट, हाथ जोड़ते हुए)

सादर

श्यामवीर सिंह
भरतपुर
Last Updated : Dec 26, 2019, 5:22 PM IST
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