भरतपुर. जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है जबकि संभाग के सबसे बड़े आरबीएम अस्पताल के ब्लड बैंक में बीते 1 सप्ताह से सिंगल डोनर प्लेटलेट्स किट (एसडीपी) भी उपलब्ध नहीं है. ताज्जुब की बात यह है कि आरबीएम अस्पताल और जनाना अस्पताल से हर दिन डेंगू मरीजों के लिए 35 से 40 यूनिट प्लेटलेट्स की मांग की जा रही है, जिसके बदले में ब्लड बैंक मुश्किल से हर दिन 15-20 यूनिट रेंडम डोनर प्लेटलेट (आरडीपी) ही उपलब्ध करा पा रहा है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि ब्लड बैंक के जिम्मेदारों ने 1 माह पहले एसडीपी किट की डिमांड भेजी थी, बावजूद इसके अब तक किट उपलब्ध नहीं कराई जा पाई है.
हर दिन 35-40 यूनिट प्लेटलेट्स की मांग
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि हर दिन जनाना अस्पताल और आरबीएम जिला अस्पताल से करीब 35 से 40 यूनिट प्लेटलेट की मांग आती है. डॉ. पुनीत ओझा ने बताया कि रोजाना आने वाली प्लेटलेट की मांग में से 15 से 20 यूनिट आरडीपी ही उपलब्ध करा पा रहे हैं. इनमें से जनाना अस्पताल से शिशु रोगियों के लिए करीब 10 यूनिट प्लेटलेट की हर दिन जरूरत पड़ रही है. ऐसे में करीब 50 फीसदी डेंगू मरीजों को तो प्लेटलेट उपलब्ध ही नहीं हो पा रही है.
एक माह पहले भेजी मांग
प्रभारी डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि 23 अक्टूबर तक ब्लड बैंक में एसडीपी उपलब्ध थी, उसके बाद से एसडीपी किट समाप्त हो गई. 10 एसडीपी किट के लिए उच्च अधिकारियों को करीब 1 माह पहले ही मांग भेज दी गई थी. बावजूद इसके अब तक किट उपलब्ध नहीं हो पाई है.
इसलिए एसडीपी किट जरूरी
विशेषज्ञों की माने तो डेंगू मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी आ जाती है, जिसकी वजह से मरीजों को आरडीपी और एसडीपी चढ़ाई जाती है. यदि डेंगू मरीज को आरडीपी चढ़ाई जाती है तो एक यूनिट आरडीपी से मरीज के रक्त में करीब 5000 प्लेटलेट्स तक बढ़ जाती हैं. जबकि एक यूनिट एसडीपी से मरीज के रक्त में 35 हजार से 50 हजार तक प्लेटलेट बढ़ सकती हैं. ऐसे में एसडीपी डेंगू मरीजों के लिए जीवन रक्षक का काम करती है.
गौरतलब है कि भरतपुर जिले में तेजी से डेंगू मरीज बढ़ रहे हैं. 29 अक्टूबर तक जिले में 710 लोग डेंगू की गिरफ्त में आ चुके हैं. ऐसे में संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल में एसडी टिकट उपलब्ध नहीं होना चिंता की बात है.