भरतपुर. शहर में सोमवार मध्य रात्रि राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बाल संप्रेक्षण गृह का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने देखा कि बाल संप्रेक्षण गृह में निवासरत बालकों को जानवरों से भी बुरे हालात में रखा जा रहा है. करीब 14 बालकों को 2 कोठरी में रखा जा रहा है और उन्हें चौक में भी निकलने की अनुमति नहीं है. इतना ही नहीं बालिका गृह की बालिकाओं को तो ना गर्म कपड़े मिलते हैं और ना ही समय पर खाना मिलता है.
बालिकाओं को नहीं हैं गर्म कपड़े
आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि बालिका गृह में रह रही बालिकाओं के लिए विभाग ने सर्दी से बचाव के लिए गर्म कपड़े भी उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. ऐसे में बीते 1 माह से बालिकाएं बिना गर्म कपड़ों के सर्दी में परेशान हैं. जबकि बालिका गृह में बालिकाओं की देखभाल और मॉनिटरिंग के लिए विभाग के करीब 9 अधिकारी कार्यरत हैं. बावजूद इसके लापरवाही बरती जा रही है.
बालकों को पीने के लिए खारा पानी
संगीता बेनीवाल ने बताया कि जब बाल संप्रेक्षण गृह में शराब पार्टी का वीडियो वायरल होने की घटना हुई थी, उस समय उनकी प्रतिक्रिया अलग थी, लेकिन सोमवार मध्य रात्रि को जब वो बाल गृह के बालकों से मिली तो यहां के हालात देखकर हैरान हो गईं. करीब 14 बालकों को कोठरी नुमा दो कमरों में रखा जा रहा है, उन्हें खुले चौक में भी नहीं निकलने दिया जाता. यहां पर बालकों को जानवरों से भी बदतर हालात में रखा जा रहा है. इतना ही नहीं बालक को पीने के लिए खारा पानी दिया जाता है.
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पुलिस से करवाते हैं पिटाई
आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि बालकों ने बताया कि उन्हें कई बार विभाग के अधिकारी पुलिस बुलवाकर पिटवाते हैं. इतने बालकों के बीच सिर्फ एक शौचालय की सुविधा है. अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने यहां के हालातों पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक ली जाएगी और जो भी जिम्मेदार दोषी पाए जाएंगे. उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.