भरतपुर. जिले के डीग क्षेत्र में आदिबद्री धाम और कनकाचल में हो रहे अवैध खनन के खिलाफ साधु संतों का आंदोलन बुधवार को भी जारी (Saints movement against illegal mining) है. मंगलवार को टावर पर चढ़े बाबा नारायण दास ने पूरी रात टावर पर गुजारी. आज प्रशासन की समझाइश के बाद 30 घंटे बाद बाबा नारायण दास टावर से नीचे उतरे. वहीं, संभावना जताई जा रही है कि आंदोलन में शामिल होने के लिए बुधवार को वृंदावन से 200 और साधु संत पासोपा पहुंचेंगे.
बता दें, मंगलवार सुबह मोबाइल टावर पर चढ़े बाबा नारायण दास ने पूरी रात टावर पर गुजारी. दिनभर बाबा नारायण दास को टावर पर ही ग्लूकोस और अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाई. रातभर मौके पर पुलिस जाप्ता तैनात रहा. साथ ही काफी संख्या में साधु संत भी पासोपा में रहे. आज आईजी और एसपी की समझाइश के बाद बाबा नारायण दास टावर से नीचे उतरे. एक साधु के आत्मदाह के प्रयास के बाद प्रशासन मौके पर पहुंचा और समझाइश की. इसके बाद साधु की स्वास्थ्य जांच की गई.
आज 200 संतों के पहुंचने की संभावना- संत राधा प्रिया ने बताया कि मंगलवार को वृंदावन से आंदोलन में शामिल होने के लिए 200 साधु संत आने वाले थे, लेकिन उन्हें समझा कर रोक दिया गया. उनका कहना है कि बुधवार को सभी 200 साधु संत आंदोलन में शामिल होने के लिए पासोपा पहुंचेंगे. वहीं, मंगलवार शाम को वार्ता के लिए आईजी कार्यालय पहुंचे. यहां पर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा, आईजी गौरव श्रीवास्तव, जिला कलेक्टर आलोक रंजन के साथ ही संत गोपेश्वर दास, राधा प्रिया समेत तीन साधु संत भी मौजूद रहे. देर शाम तक वार्ता का दौर चला लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला.
लिखित की मांग पर अड़े- संत राधा पिया ने बताया कि टावर पर बैठे बाबा नारायण दास सरकार से लिखित में देने की मांग पर अड़े हुए हैं. क्षेत्र में चल रहे अवैध खनन, संरक्षित वन क्षेत्र में हो रही पेड़ों की कटाई को रुकवाने के लिए सरकार से लिखित आदेश मिलने के बाद ही धरना खत्म करेंगे.
इसलिए चल रहा आंदोलन- असल में डीग के धार्मिक स्थल आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में वैध की आड़ में धड़ल्ले से और लंबे समय से अवैध खनन चल रहा है. जिससे यहां के वन क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंच रहा है. अवैध खनन रुकवाने की मांग को लेकर साधु संत बीते करीब 550 दिन से आंदोलनरत हैं. साधु संतों की मांग है कि इस पूरे क्षेत्र को वन क्षेत्र में शामिल कर खनन रुकवाया जाए.