डीग (भरतपुर). शुक्रवार सुबह 11 बजे बजट पेश होने से पहले ही बजट बैठक में अधिशाषी अधिकारी की गैर मौजूदगी रही. शहर में अवैध निर्माण, पार्षदों की तरफ से दिए गए प्रस्तावों पर अमल नहीं करने, वार्डों में नालियों के निर्माण कार्य, वार्डों की सफाई-रोशनी, जमीनों के कनवर्जन, पट्टे, कर्मचारियों का पार्षदों के प्रति अव्यवहार, भवन स्थानांतरण आदि मुद्दों पर करीब एक घंटे के हंगामे के बाद दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 36 करोड़ 31 लाख का बजट पारित किया गया. साथ ही बस स्टैंड पर रोडवेज शुल्क 10 से 20 रुपए किए जाने और मेला मैदान में पार्किंग का सर्व सम्मिति से प्रस्ताव लिया गया. पार्षदों की मांग पर प्रत्येक वार्ड में पार्षद की मौजूदगी में 2-2 सफाईकर्मी लगाए जाने, 10-10 लाख के निर्माण कार्य और 20-20 स्ट्रीट लाइट लगाए जाने का प्रस्ताव लिया गया.
बतौर अधिशाषी अधिकारी राजकुमार, पालिका उपाध्यक्ष मनोहरलाल शर्मा की मौजूदगी में बैठक में चर्चा के दौरान नगर पालिका को मुख्य बाजार स्थित पुराने भवन में स्थानांतरण को लेकर पार्षदों के बीच हल्की नोक-झोंक हुई. साथ ही पार्षद जगदीश यादव, मुकेश सिंह, चन्द्रभान शर्मा, पार्षद प्रतिनिधि बृजेन्द्र जायसवाल, प्रदीप बंटू, राजू प्रधान सहित अन्य पार्षदों ने कहा कि नगर पालिका अब यहीं रहेगी. मुख्य बाजार में न पार्किंग है, न उपयुक्त भवन है. बैठक में पार्षद मुकेश सिंह ने कर्मचारियों को मूल पदों पर लगाए जाने, सफाई-बिजली व्यवस्था में लगे कार्मिकों के फर्जी भुगतान के मुद्दे सहित मेला मैदान में चबूतरों को लेकर किए जा रहे निर्माण कार्य का जमकर विरोध किया.
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पार्षद राहुल लवानियां ने पार्षदों का मानदेय बढ़ाने, कमेटियों का गठन करने की बात कही, जिसका सभी पार्षदों ने समर्थन किया. पार्षद दिनेश पचैरी, मुकुट बिहारी गर्ग ने कहा कि बैठक में निर्णय तो ले लिए जाते हैं, मगर कार्रवाई नहीं होती है. अब आगामी मीटिंग तब शुरू होगी, जब तक पिछली दो मीटिंगों में लिए गए प्रस्तावों की समीक्षा नहीं की जाएगी. बैठक शुरू होने से पहले पालिका प्रशासन द्वारा मीटिंगों में लिए गए प्रस्तावों पर क्या कार्रवाई की गई, इसको सदन के सामने रखा जाएगा.