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घूसखोर डॉक्टर पर 'मेहरबानी' की Twitter पर खुली पोल, मंत्री जी की कथनी और करनी में अंतर दिखा साफ

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Published : Aug 14, 2021, 7:50 AM IST

Updated : Aug 14, 2021, 8:05 AM IST

घूसखोर सर्जन डॉ अनिल गुप्ता की कहानी सरकारी फाइलों से निकलर सोशल साइट्स पर सुनी और कही जा रही है. चिड़िया उड़ाकर बताया जा रहा है कि भले ही जिले के रसूखदार मंत्री महोदय अपने और सर्जन के रिश्तों को नकारते रहे हों लेकिन कागज पर लिखे ऑर्डर की कॉपी छुपे राज को जाहिर कर ही रही है.

dr anil gupta caught red handed
सर्जन के मंत्री से संबंधों पर रार

भरतपुर: आरबीएम जिला अस्पताल के डॉक्टर अनिल गुप्ता को एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ा लेकिन पांच दिन तक गिरफ्तार नहीं किया. क्यों? इस क्यों को लेकर ही सवाल उठ रहे हैं. राजनीति भी शबाब पर है. अब इस मामले में शुक्रवार को एक नया मोड़ आ गया. नाम चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग का सामने आ रहा है. डॉ सुभाष गर्ग ने बयान दिया था कि उनका भ्रष्ट डॉक्टर अनिल गुप्ता से कोई सीधा संबंध नहीं है. लेकिन उनके इस दावे की पोल खोलता एक मौखिक आदेश twitter पर खूब वायरल हो रहा है.

Minister order on twitter
twitter पर मंत्री जी के मौखिक आदेश की कथित कॉपी

राजस्थान : विवाद के बाद ACB ने अब भ्रष्ट डॉक्टर को किया गिरफ्तार, स्वास्थ्य जांच के लिए RBM अस्पताल लेकर पहुंची टीम

Twitter पर वायरल हो रहा पोस्ट: Twitter पर शेयर की गई कॉपी बताती है कि चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग पहले भी डॉ गुप्ता पर मेहरबान हो चुके हैं. राज्यमंत्री गर्ग जिला अस्पताल PMO (प्रमुख चिकित्सा अधिकारी) को मौखिक आदेश देकर डॉक्टर अनिल गुप्ता की ड्यूटी कटवा चुके हैं. उस समय की एक आदेश की कॉपी शुक्रवार को ट्विटर पर वायरल हो गई.

शुक्रवार को आरबीएम जिला अस्पताल पीएमओ डॉ जिज्ञासा साहनी के आदेश की एक कॉपी टि्वटर पर वायरल हो गई. इसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि- चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग के मौखिक निर्देश पर डॉ अनिल गुप्ता की उम्र 58 वर्ष होने व स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हें कॉल ड्यूटी और मेडिकल लीगल केसेज के कार्य से तुरंत प्रभाव से मुक्त किया जाता है.

और फिर होने लगी मेहरबानी की बात: Twitter पर आदेश की कॉपी वायरल (Copy Viral) होने के साथ ही इस पूरे मामले से फिर से चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग का नाम चर्चाओं में आ गया. सूत्रों का कहना है कि डॉ अनिल गुप्ता चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष के रिश्तेदार हैं. लेकिन चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग पहले ही कह चुके हैं कि उनका डॉ गुप्ता से सीधा संबंध नहीं है.

घूसखोरी की दास्तां : 7 अगस्त को आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) के सर्जरी विभाग के डॉक्टर अनिल गुप्ता को ऑपरेशन करने की एवज में 2 हजार की रिश्वत लेते हुए ट्रैप (Trapped) किया था. लेकिन 12 घंटे बाद ही एसीबी (Anti Corruption Bureau) ने उन्हें छोड़ दिया. बाद में जब पूरे मामले ने तूल पकड़ा तो 5 दिन बाद 11 अगस्त को डॉ अनिल गुप्ता को एसीबी ने गिरफ्तार किया.

भरतपुर: आरबीएम जिला अस्पताल के डॉक्टर अनिल गुप्ता को एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ा लेकिन पांच दिन तक गिरफ्तार नहीं किया. क्यों? इस क्यों को लेकर ही सवाल उठ रहे हैं. राजनीति भी शबाब पर है. अब इस मामले में शुक्रवार को एक नया मोड़ आ गया. नाम चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग का सामने आ रहा है. डॉ सुभाष गर्ग ने बयान दिया था कि उनका भ्रष्ट डॉक्टर अनिल गुप्ता से कोई सीधा संबंध नहीं है. लेकिन उनके इस दावे की पोल खोलता एक मौखिक आदेश twitter पर खूब वायरल हो रहा है.

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twitter पर मंत्री जी के मौखिक आदेश की कथित कॉपी

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Twitter पर वायरल हो रहा पोस्ट: Twitter पर शेयर की गई कॉपी बताती है कि चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग पहले भी डॉ गुप्ता पर मेहरबान हो चुके हैं. राज्यमंत्री गर्ग जिला अस्पताल PMO (प्रमुख चिकित्सा अधिकारी) को मौखिक आदेश देकर डॉक्टर अनिल गुप्ता की ड्यूटी कटवा चुके हैं. उस समय की एक आदेश की कॉपी शुक्रवार को ट्विटर पर वायरल हो गई.

शुक्रवार को आरबीएम जिला अस्पताल पीएमओ डॉ जिज्ञासा साहनी के आदेश की एक कॉपी टि्वटर पर वायरल हो गई. इसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि- चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग के मौखिक निर्देश पर डॉ अनिल गुप्ता की उम्र 58 वर्ष होने व स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्हें कॉल ड्यूटी और मेडिकल लीगल केसेज के कार्य से तुरंत प्रभाव से मुक्त किया जाता है.

और फिर होने लगी मेहरबानी की बात: Twitter पर आदेश की कॉपी वायरल (Copy Viral) होने के साथ ही इस पूरे मामले से फिर से चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग का नाम चर्चाओं में आ गया. सूत्रों का कहना है कि डॉ अनिल गुप्ता चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष के रिश्तेदार हैं. लेकिन चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग पहले ही कह चुके हैं कि उनका डॉ गुप्ता से सीधा संबंध नहीं है.

घूसखोरी की दास्तां : 7 अगस्त को आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) के सर्जरी विभाग के डॉक्टर अनिल गुप्ता को ऑपरेशन करने की एवज में 2 हजार की रिश्वत लेते हुए ट्रैप (Trapped) किया था. लेकिन 12 घंटे बाद ही एसीबी (Anti Corruption Bureau) ने उन्हें छोड़ दिया. बाद में जब पूरे मामले ने तूल पकड़ा तो 5 दिन बाद 11 अगस्त को डॉ अनिल गुप्ता को एसीबी ने गिरफ्तार किया.

Last Updated : Aug 14, 2021, 8:05 AM IST
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