भरतपुर. कोरोना संक्रमण के दौरान प्रवासी परिवारों को राशन उपलब्ध कराने के लिए आवंटित 3047 क्विंटल गेहूं और 186 क्विंटल चने के गबन का मामला सामने आया है. क्रय विक्रय सहकारी समिति प्रबंधक राशन सामग्री को प्रभावित परिवारों को उपलब्ध कराने के बजाय खुद ही डकार गया. जांच के बाद नायब तहसीलदार मानवेंद्र सिंह जायसवाल ने समिति के प्रबंधक मनोज सोनी के खिलाफ बयाना थाने में गबन का मामला दर्ज कराया है.
नायब तहसीलदार मानवेंद्र सिंह जायसवाल ने बताया कि प्रवासी परिवारों को खाद्यान्न वितरण के लिए क्रय विक्रय सहकारी समिति बयाना को 3047.39 क्विंटल गेहूं और 186 क्विंटल चना आवंटित किया गया था. सहकारी समिति को यह खाद्यान्न 11 जून तक उचित मूल्य की दुकानों पर आपूर्ति करना था और 12 जून से राशन डीलरों द्वारा पात्र प्रवासी परिवारों को वितरित करना था. लेकिन समय निकलने के बावजूद लाभार्थियों तक खाद्यान्न नहीं पहुंचा और लोगों की शिकायतें आने लगी.
ऐसे में जिला रसद अधिकारी के आदेश पर नायब तहसीलदार मानवेंद्र सिंह जायसवाल ने क्रय विक्रय समिति के गोदाम और कारोबार परिसर की जांच की. साथ ही उचित मूल्य की दुकानों के डीलरों से भी बात कर पड़ताल की. जांच में नायब तहसीलदार को ना तो समिति के गोदाम पर गेहूं और चने का स्टॉक मिला और ना ही उचित मूल्य की दुकानों पर आपूर्ति करना पाया गया.
थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में लिखा है कि एफसीआई से उठाव किए गए गेहूं और चना का उचित मूल्य की दुकानों पर आपूर्ति नहीं हुआ है. क्रय विक्रय समिति के गोदाम पर भी स्टॉक नहीं मिला. जिसके बाद साफ जाहिर है कि समिति के व्यवस्थापक मनोज सोनी ने 3047.39 क्विंटल गेहूं और 186 क्विंटल चना का गबन कर दिया है. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस प्रशासन पूरे मामले की छानबीन में जुट गया है.