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Exclusive: राकेश टिकैत की करौली में किसान सभा आज, 'यह वैचारिक क्रांति है, डंडे और बंदूक से खत्म नहीं होगी' - Rakesh Tikait exclusive interview

किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) बीते कुछ हफ्तों से लगातार महापंचायतों में हिस्सा ले रहे हैं और सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. अपने हर संबोधन में वो सरकार को चुनौती देते हुए नजर आते हैं. वहीं आज यानी गुरुवार को राकेश टिकैत भरतपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले करौली जिले में किसान सभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

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राकेश टिकैत की करौली में किसान सभा आज
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Published : Feb 25, 2021, 3:57 AM IST

भरतपुर. करौली जिले में आज किसान सभा का आयोजन होगा, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शिरकत करेंगे. टिकैत बुधवार रात भरतपुर में रुके, जहां उन्होंने Etv Bharat से खास बातचीत करते हुए कहा कि कृषि कानून के खिलाफ पूरे देश के किसान एकजुट हैं. इसके अलावा राजस्थान में भी लगातार किसान महापंचायत की जा रही है, जिससे किसान आंदोलन को और तेज गति दी जा सके.

राकेश टिकैत की करौली में किसान सभा आज

बातचीत के दौरान टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज नहीं सुन रही, उसके वावजूद भी किसान लगातार आंदोलन कर रहा है. उन्होंने कहा कि MSP पर कानून बनना चाहिए, कृषि बिल वापस होना चाहिए. उससे देश के किसानों को फायदा होगा और ये देश की आम जनता समझ चुकी है. अगर MSP पर कानून नहीं है तो बड़ी कंपनियां सस्ते में माल खरीदेंगी. अपने गोदाम में स्टॉक करेंगी और महंगे रेट पर बेचेंगी. यह बात आम जनता की समझ में आ गया है, ये आम जनता की लड़ाई है और मजदूरों की लड़ाई है.

यह भी पढ़ें: चारों दिवंगत विधायकों के नाम पर खुलेंगे Girls College, सीएम गहलोत ने की घोषणा

इसके अलावा आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि देश को आजाद करवाने की लड़ाई 90 साल तक चली. लेकिन हमारी लड़ाई को सिर्फ 30 से 35 साल हुए हैं. ये लड़ाई लंबी चलेगी, ये लड़ाई भारत सरकार की पॉलिसी से है किसी पार्टी विशेष के खिलाफ ये लड़ाई नहीं है. ये एक बैचारिक क्रांति है और जो क्रांति विचार से शुरू होती है वह विचार पर ही खत्म होती है. यह क्रांति डंडे से और बंदूक से खत्म नहीं होगी.

गौरतलब है कि मंगलवार को राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) राजस्थान के सीकर में संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, कान खोल कर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे. अबकी बार आह्वान संसद का होगा. कहकर जाएंगे संसद पर. इस बार चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि किसान इंडिया गेट (India Gate) के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा. साथ ही कहा कि संसद को घेरने के लिए तारीख संयुक्त मोर्चा तय करेगा. किसान नेता ने कहा, 26 जनवरी की घटना के मामले में देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश की गई. देश के किसानों को तिरंगे से प्यार है, लेकिन इस देश के नेताओं को नहीं.

भरतपुर. करौली जिले में आज किसान सभा का आयोजन होगा, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शिरकत करेंगे. टिकैत बुधवार रात भरतपुर में रुके, जहां उन्होंने Etv Bharat से खास बातचीत करते हुए कहा कि कृषि कानून के खिलाफ पूरे देश के किसान एकजुट हैं. इसके अलावा राजस्थान में भी लगातार किसान महापंचायत की जा रही है, जिससे किसान आंदोलन को और तेज गति दी जा सके.

राकेश टिकैत की करौली में किसान सभा आज

बातचीत के दौरान टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आवाज नहीं सुन रही, उसके वावजूद भी किसान लगातार आंदोलन कर रहा है. उन्होंने कहा कि MSP पर कानून बनना चाहिए, कृषि बिल वापस होना चाहिए. उससे देश के किसानों को फायदा होगा और ये देश की आम जनता समझ चुकी है. अगर MSP पर कानून नहीं है तो बड़ी कंपनियां सस्ते में माल खरीदेंगी. अपने गोदाम में स्टॉक करेंगी और महंगे रेट पर बेचेंगी. यह बात आम जनता की समझ में आ गया है, ये आम जनता की लड़ाई है और मजदूरों की लड़ाई है.

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इसके अलावा आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि देश को आजाद करवाने की लड़ाई 90 साल तक चली. लेकिन हमारी लड़ाई को सिर्फ 30 से 35 साल हुए हैं. ये लड़ाई लंबी चलेगी, ये लड़ाई भारत सरकार की पॉलिसी से है किसी पार्टी विशेष के खिलाफ ये लड़ाई नहीं है. ये एक बैचारिक क्रांति है और जो क्रांति विचार से शुरू होती है वह विचार पर ही खत्म होती है. यह क्रांति डंडे से और बंदूक से खत्म नहीं होगी.

गौरतलब है कि मंगलवार को राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) राजस्थान के सीकर में संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, कान खोल कर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे. अबकी बार आह्वान संसद का होगा. कहकर जाएंगे संसद पर. इस बार चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे.

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उन्होंने कहा कि किसान इंडिया गेट (India Gate) के पास के पार्कों में जुताई करेगा और फसल भी उगाएगा. साथ ही कहा कि संसद को घेरने के लिए तारीख संयुक्त मोर्चा तय करेगा. किसान नेता ने कहा, 26 जनवरी की घटना के मामले में देश के किसानों को बदनाम करने की साजिश की गई. देश के किसानों को तिरंगे से प्यार है, लेकिन इस देश के नेताओं को नहीं.

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