भरतपुर. न्यायालय के आदेश के बावजूद सार्वजनिक निर्माण विभाग ने अपने कर्मचारी के परिजनों को मृतक आश्रित कोटा में न तो नौकरी दी और न ही न्यायालय की ओर से तय की गई मुआवजा राशि का भुगतान किया. ऐसे में गुरुवार सुबह सार्वजनिक निर्माण विभाग का कार्यालय पूरी न्यायिक प्रक्रिया के तहत अंतिम बोली 1.10 करोड़ में नीलाम कर दिया गया.
पढ़ें- Weather Forecast: राजस्थान में जारी झमाझम, 14 जिलों के लिए Yellow Alert जारी
जानकारी के अनुसार मिथिलेश के पति वीरेंद्र सार्वजनिक निर्माण विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे, लेकिन उनकी करीब 4 वर्ष पूर्व मौत हो गई. इसके बाद मृतक आश्रित मिथलेश ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, लेकिन मृतक आश्रित को नौकरी नहीं दी गई. ऐसे में मिथलेश ने वर्ष 2018 में न्यायालय में केस कर दिय. जिस पर न्यायालय ने 7 फरवरी 2020 को फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि मृतक आश्रित के बेटे को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए. साथ ही पीड़ित को 16 लाख 59 हजार राशि का भुगतान किया जाए.
लेकिन, कोर्ट के आदेश के बावजूद विभाग ने न तो अनुकंपा नियुक्ति दी और न ही आर्थिक भुगतान किया. ऐसे में PWD कार्यालय को 18 फरवरी 2021 को कुर्क भी किया गया, बावजूद इसके न्यायालय के आदेश की पालना नहीं की गई. ऐसे में गुरुवार सुबह सेल अमीन वीरेंद्र गुप्ता ने न्यायालय के आदेश पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के कार्यालय की नीलामी की कार्रवाई की.
नीलामी कार्रवाई के दौरान तीन बोली दाता भीम सिंह, दीनदयाल और हरि सिंह मौजूद रहे. नीलामी के दौरान हरि सिंह ने कार्यालय की अंतिम बोली 1 करोड़ 10 लाख रुपए लगाई. सेल अमीन वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि अंतिम बोली का अनुमोदन न्यायालय करेगा.