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कोरोना की तीसरी लहर के लिए RBM और जनाना अस्पताल कितना तैयार, देखें GROUND REPORT - Preparations of RBM and Janana Hospital

राजस्थान (Rajasthan) में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर कम होने के साथ ही अब तीसरी लहर (third wave of Corona ) की आशंका जताई जा रही है. जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं. वहीं आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) और जनाना अस्पताल (Janana Hospital) कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के उपचार के लिए कितना तैयार है? इन्हीं व्यवस्थाओं का ईटीवी भारत ने जायजा लिया.

जानिए भरतपुर के अस्पताल कितने तैयार, Know how ready the hospitals of Bharatpur are
जानिए भरतपुर के अस्पताल कितने तैयार
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Published : Jun 21, 2021, 1:46 PM IST

भरतपुर. कोरोना संक्रमण (corona infection) की तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. लेकिन संभाग का सबसे बड़ा आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) अभी तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं है. अस्पताल प्रबंधन को तीसरी लहर के तहत बच्चों के उपचार के संसाधन जुटाने में अभी 2 हफ्ते का वक्त लगेगा.

अभी अस्पताल प्रबंधन की ओर से न तो कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार के लिए आईसीयू तैयार किया जा सका है और न ही पर्याप्त विशेषज्ञ चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध है. संभाग का सबसे बड़ा आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) और जनाना अस्पताल (Janana Hospital) कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के उपचार के लिए अब भी तैयारियां नाकाफी नजर आई.

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आरबीएम में 128 बेड की सुविधा

आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) पीएमओ डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि तीसरी लहर को देखते हुए जिला अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार के लिए 128 बेड की व्यवस्थाएं विकसित की जा रही हैं. अस्पताल के नए भवन के तीसरे और पांचवे फ्लोर पर वार्ड तैयार किए जाएंगे. इनमें से NICU (नवजात शिशु के लिए) में 32 बेड और PICU (बच्चों के लिए) में 31 बेड की सुविधा विकसित की जाएगी. इसके अलावा सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा की जाएगी.

Preparations of RBM and Janana Hospital, कोरोना की तीसरी लहर जनाना अस्पताल
आरबीएम और जनाना अस्पताल में इन संसाधनों की जरूरत

एक माह का वक्त लगेगा

हालांकि अभी तक आरबीएम जिला अस्पताल की नए भवन के तीसरे फ्लोर पर सामान्य मरीजों का उपचार चल रहा है और पांचवें फ्लोर के वार्ड बंद पड़े हैं। अभी तक के हालात यह हैं कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से इन दोनों फ्लोर पर कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. डॉक्टर जिज्ञासा साहनी का कहना है कि आरबीएम और जनाना अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार की सुविधाएं विकसित करने में अभी करीब एक माह का और वक्त लग जाएगा.

Preparations of RBM and Janana Hospital, कोरोना की तीसरी लहर जनाना अस्पताल
भरतपुर का अस्पताल कितना तैयार

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जनाना अस्पताल में 60 बेड की सुविधा

डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि आरबीएम जिला अस्पताल के अलावा जनाना अस्पताल में कोरना पॉजिटिव बच्चों के उपचार के लिए 60 बेड की क्षमता की सुविधाएं रखेंगे. जिनमें से 20 बेड के एनआईसीयू और 12 बेड का पीआईसीयू स्थापित करेंगे.

Preparations of RBM and Janana Hospital, कोरोना की तीसरी लहर जनाना अस्पताल
भरतपुर अस्पतालों में तीसरी लहर की तैयारियां

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शिशु रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टाफ की जरूरत

डॉक्टर जिज्ञासा साहनी ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में सिर्फ 6 शिशु रोग विशेषज्ञ काम कर रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की जरूरतों को देखते हुए आरबीएम और जनाना अस्पताल में कुल 12 शिशु रोग विशेषज्ञों की जरूरत है. इसी तरह से दोनों अस्पताल में कुल 86 और नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता है.

गौरतलब है कि सरकार और विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक हो सकती है. ऐसे में प्रदेश और देश में बच्चों के उपचार की व्यवस्था को बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

भरतपुर. कोरोना संक्रमण (corona infection) की तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. लेकिन संभाग का सबसे बड़ा आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) अभी तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं है. अस्पताल प्रबंधन को तीसरी लहर के तहत बच्चों के उपचार के संसाधन जुटाने में अभी 2 हफ्ते का वक्त लगेगा.

अभी अस्पताल प्रबंधन की ओर से न तो कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार के लिए आईसीयू तैयार किया जा सका है और न ही पर्याप्त विशेषज्ञ चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध है. संभाग का सबसे बड़ा आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) और जनाना अस्पताल (Janana Hospital) कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के उपचार के लिए अब भी तैयारियां नाकाफी नजर आई.

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आरबीएम में 128 बेड की सुविधा

आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) पीएमओ डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि तीसरी लहर को देखते हुए जिला अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार के लिए 128 बेड की व्यवस्थाएं विकसित की जा रही हैं. अस्पताल के नए भवन के तीसरे और पांचवे फ्लोर पर वार्ड तैयार किए जाएंगे. इनमें से NICU (नवजात शिशु के लिए) में 32 बेड और PICU (बच्चों के लिए) में 31 बेड की सुविधा विकसित की जाएगी. इसके अलावा सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा की जाएगी.

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आरबीएम और जनाना अस्पताल में इन संसाधनों की जरूरत

एक माह का वक्त लगेगा

हालांकि अभी तक आरबीएम जिला अस्पताल की नए भवन के तीसरे फ्लोर पर सामान्य मरीजों का उपचार चल रहा है और पांचवें फ्लोर के वार्ड बंद पड़े हैं। अभी तक के हालात यह हैं कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से इन दोनों फ्लोर पर कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. डॉक्टर जिज्ञासा साहनी का कहना है कि आरबीएम और जनाना अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार की सुविधाएं विकसित करने में अभी करीब एक माह का और वक्त लग जाएगा.

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जनाना अस्पताल में 60 बेड की सुविधा

डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि आरबीएम जिला अस्पताल के अलावा जनाना अस्पताल में कोरना पॉजिटिव बच्चों के उपचार के लिए 60 बेड की क्षमता की सुविधाएं रखेंगे. जिनमें से 20 बेड के एनआईसीयू और 12 बेड का पीआईसीयू स्थापित करेंगे.

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शिशु रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टाफ की जरूरत

डॉक्टर जिज्ञासा साहनी ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में सिर्फ 6 शिशु रोग विशेषज्ञ काम कर रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की जरूरतों को देखते हुए आरबीएम और जनाना अस्पताल में कुल 12 शिशु रोग विशेषज्ञों की जरूरत है. इसी तरह से दोनों अस्पताल में कुल 86 और नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता है.

गौरतलब है कि सरकार और विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक हो सकती है. ऐसे में प्रदेश और देश में बच्चों के उपचार की व्यवस्था को बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

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