भरतपुर. कोरोना संक्रमण (corona infection) की तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. लेकिन संभाग का सबसे बड़ा आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) अभी तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं है. अस्पताल प्रबंधन को तीसरी लहर के तहत बच्चों के उपचार के संसाधन जुटाने में अभी 2 हफ्ते का वक्त लगेगा.
अभी अस्पताल प्रबंधन की ओर से न तो कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार के लिए आईसीयू तैयार किया जा सका है और न ही पर्याप्त विशेषज्ञ चिकित्सक और नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध है. संभाग का सबसे बड़ा आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) और जनाना अस्पताल (Janana Hospital) कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के उपचार के लिए अब भी तैयारियां नाकाफी नजर आई.
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आरबीएम में 128 बेड की सुविधा
आरबीएम जिला अस्पताल (RBM District Hospital) पीएमओ डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि तीसरी लहर को देखते हुए जिला अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार के लिए 128 बेड की व्यवस्थाएं विकसित की जा रही हैं. अस्पताल के नए भवन के तीसरे और पांचवे फ्लोर पर वार्ड तैयार किए जाएंगे. इनमें से NICU (नवजात शिशु के लिए) में 32 बेड और PICU (बच्चों के लिए) में 31 बेड की सुविधा विकसित की जाएगी. इसके अलावा सभी बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा की जाएगी.
![Preparations of RBM and Janana Hospital, कोरोना की तीसरी लहर जनाना अस्पताल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12207272_bharatpur-info.jpg)
एक माह का वक्त लगेगा
हालांकि अभी तक आरबीएम जिला अस्पताल की नए भवन के तीसरे फ्लोर पर सामान्य मरीजों का उपचार चल रहा है और पांचवें फ्लोर के वार्ड बंद पड़े हैं। अभी तक के हालात यह हैं कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से इन दोनों फ्लोर पर कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. डॉक्टर जिज्ञासा साहनी का कहना है कि आरबीएम और जनाना अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव बच्चों के उपचार की सुविधाएं विकसित करने में अभी करीब एक माह का और वक्त लग जाएगा.
![Preparations of RBM and Janana Hospital, कोरोना की तीसरी लहर जनाना अस्पताल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12207272_bharat.png)
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जनाना अस्पताल में 60 बेड की सुविधा
डॉ. जिज्ञासा साहनी ने बताया कि आरबीएम जिला अस्पताल के अलावा जनाना अस्पताल में कोरना पॉजिटिव बच्चों के उपचार के लिए 60 बेड की क्षमता की सुविधाएं रखेंगे. जिनमें से 20 बेड के एनआईसीयू और 12 बेड का पीआईसीयू स्थापित करेंगे.
![Preparations of RBM and Janana Hospital, कोरोना की तीसरी लहर जनाना अस्पताल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12207272_info.png)
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शिशु रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टाफ की जरूरत
डॉक्टर जिज्ञासा साहनी ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में सिर्फ 6 शिशु रोग विशेषज्ञ काम कर रहे हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की जरूरतों को देखते हुए आरबीएम और जनाना अस्पताल में कुल 12 शिशु रोग विशेषज्ञों की जरूरत है. इसी तरह से दोनों अस्पताल में कुल 86 और नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता है.
गौरतलब है कि सरकार और विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक हो सकती है. ऐसे में प्रदेश और देश में बच्चों के उपचार की व्यवस्था को बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं.