भरतपुर. शहर के चिकसाना थाने में एक फर्जी IAS को एक कांस्टेबल पर रौब झाड़ना भारी पड़ गया. फर्जी आईएएस रविवार देर रात कांस्टेबल से भिड़ गया. तब उसके बारे में तहकीकात की तो पता लगा कि वह फर्जी IAS है, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. ये फर्जी आईएएस कई पुलिस अधिकारियों को अपने झांसे में लेकर सुरक्षा तंत्र का दुरुपयोग कर चुका है, जिसका पता लगने के बाद आरोपी के खिलाफ कई बार मामले भी दर्ज हुए और उसको जेल भी जाना पड़ा. लेकिन उसके बाद भी आरोपी फर्जी आईएएस बन अधिकारियों पर रौब झाड़ने से बाज नहीं आया.
वहीं चिकसाना थानाधिकारी रामनाथ सिंह ने बताया आरोपी की चिकसाना थाना इलाके में ससुराल है, वह वहां आता-जाता रहता है. आरोपी के ससुराल वालों की चिकसाना थाने के एक पुलिसकर्मी से टसल है, जिसके कारण फर्जी आईएएस ने आईजी और जिला पुलिस अधीक्षक को चिकसाना थाना में तैनात ASI सुरेंद्र सिंह के ट्रांसफर के लिए फोन भी किया था. रविवार को उसने, जो कि अपना नाम सौरभ शर्मा बताता है. वैसे उसका असली नाम विष्णु शर्मा है और वह जिले के लुहासा गांव का रहने वाला है.
क्या था मामला?
रविवार को फर्जी IAS चिकसाना थाना पहुंचा और गेट पर तैनात संतरी को बताया कि वह आईएएस है और उसको सुरेंद्र एएसआई से मिलना है. संतरी ने उसको बैठाया और तुरंत सुरेंद्र कुमार को बुलाने गया. इतने में आरोपी जबरन थाने में घुसने लगा. जैसे-तैसे कर संतरी ने उसे थाने में जाने से रोका. आरोपी ने कांस्टेबल से धक्का-मुक्की भी की. लेकिन जब शोर गुल सुन बाकी के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और पूछताछ की तो पता लगा कि वह फर्जी आईएएस है. उसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी के खिलाफ ठगी के कई मामले भी दर्ज हैं. आरोपी ने सौरभ शर्मा नाम के एक आईएएस की नेम प्लेट के नीचे अपनी फोटो खिंचवा रखी है, जिसके आधार पर ये सभी को अपने झांसे में लेता था.
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पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और उसका मंत्रियों के यहां आना-जाना है, जिसका फायदा उठाकर वह सरकारी कर्मचारियों से ट्रांसफर के नाम पर पैसे ऐंठता है. इतना ही नहीं आरोपी कई बार तत्कालीन जिला कलेक्टर की गाड़ियां भी उपयोग में ले चुका है. इसके अलावा आरोपी को कई बार एस्कोर्ट सिक्योरिटी भी उपलब्ध करवाई गई है. वहीं चिकसाना थाना प्रभारी का कहना है कि फिलहाल आरोपी को पिसी रिमांड पर ले लिया गया है. साथ ही आरोपी की कॉल डिटेल्स भी खंगाली जा रही है. कॉल डिटेल्स के आधार पर पता किया जाएगा कि आरोपी ने किस-किस से ठगी की है, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.