भरतपुर. नदबई थाना क्षेत्र में करीब 3 साल पूर्व एक 14 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को स्पेशल कोर्ट पॉक्सो संख्या-2 के न्यायाधीश गजेंद्र पाल मोघा ने 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है. अभियुक्त को अदालत के आदेश पर सेवर केंद्रीय कारागार भेज दिया गया.
अपराध पशुवत है
न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा है कि आरोपी द्वारा किया गया अपराध पशुवत है. यदि ऐसे अपराधी के साथ नरमी का रुख अपनाया गया तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा और यह सामाजिक व्यवस्था पर आघात होगा. इसलिए अपराध की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अभियुक्त को 10 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार के अर्थदंड की सजा से दंडित किया जाता है.
विशिष्ट लोक अभियोजक महाराज सिंह सिनसिनवार ने बताया कि 14 वर्षीय नाबालिग बालिका नदबई थाने के एक गांव में अपने बुआ-फूफा के पास गृह प्रवेश के कार्यक्रम में शामिल होने गई थी. 29 नवंबर 2017 की रात जब बालिका को शौच जाने की इच्छा हुई तो वह अपनी बुआ के साथ जंगल की ओर गई. जहां अभियुक्त पहले से ही एक पेड़ के नीचे खड़ा हुआ दिखाई दिया, जो उसका परिचित था. बुआ ने बालिका को आरोपी के साथ शौच कराने भेज दिया. लेकिन काफी देर बाद तक जब बालिका घर नहीं आई तो बुआ उसे खेतों की तरफ देखने गई, जहां बालिका रोती हुई मिली.
बालिका ने रोते हुए बुआ को आरोपी द्वारा किए गए गलत काम के बारे में बताया. जिस पर 30 नवंबर को नदबई थाने में परिजनों ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया. बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया.