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Bharatpur News: नया टीबी मरीज ढूंढने और उसकी जांच कराने वाले को मिलेंगे 500 रुपए, दो माह में 53 लोगों ने दी थी जानकारी - राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम

भरतपुर में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत नए टीबी रोगी की खोज (Those who find new TB patients will get 500 rupees ) करने वाले आम लोगों, आशा सहयोगनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रति मरीज 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से दी जाएगी. इस योजना के तहत 2 महीने में 53 लोगों ने मरीजों की जानकारी दी है.

TB patient will get Rs 500
नया टीबी मरीज ढूंढने और उसकी जांच कराने वाले को मिलेंगे 500 रुपए
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Published : Apr 8, 2022, 7:43 PM IST

भरतपुर. राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत अब नए टीबी रोगी की खोज करने वाले आम लोगों, आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रति मरीज 500 रुपए प्रोत्साहन (Those who find new TB patients will get 500 rupees ) राशि दी जाएगी. साथ ही यदि कोई मरीज स्वयं अस्पताल पहुंचकर खुद की जांच कराता है तो उसके लिए भी 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि (TB patient will get Rs 500) दी जाएगी. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से यह योजना बीते करीब 3 वर्ष पूर्व से संचालित की जा रही है. लेकिन राजस्थान की बात करें तो दिसंबर 2021 से चिकित्सा विभाग को इस संबंध में मुख्यालय से लिखित आदेश मिले हैं. जिसके बाद अब विभाग लोगों को जागरूक कर योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अविरल सिंह ने बताया कि प्रदेश को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों को अस्पताल तक लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी की तहत गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचने वाली आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का नए टीबी रोगी खोजने में प्रमुख योगदान रहा है. इसलिए इनको प्रोत्साहित करने एवं ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों को अस्पताल तक लाने के लिए अब इन सभी को भी नए टीबी मरीज लाने पर प्रति मरीज 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. साथ ही टीबी मरीज को अस्पताल लाने पर आम आदमी और खुद मरीज को भी यह राशि प्रदान की जाएगी.

पढ़ेंः भीलवाड़ा: WHO की टीम ने किया सर्वे...120 लोगों का लिया सैंपल, 8 मरीजों को टीबी

ऐसे मिलेगी प्रोत्साहन राशि: डॉ अविरल ने बताया कि प्रोत्साहन राशि क्लेम करने के लिए कम्युनिटी वॉलंटियर,आशा सहयोगिनी,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या आम आदमी की ओर से संभावित टीबी मरीज को चिह्नित कर रेफरेल प्रपत्र के साथ नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र डीएमसी में बलगम जांच के लिए ले जाया जाएगा. यदि रेफर किए गए सम्भावित मरीज में टीबी रोग की पुष्टि होती है, तो सम्बंधित कार्यकर्ता या व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि 500 रुपए का भुगतान किया जाएगा. इसी तरह यदि मरीज किसी भी जांच केन्द्र पर खुद जांच करवाने जाता है और उसमें टीबी रोग की पुष्टि होती है, तो वह मरीज खुद के लिए प्रोत्साहन राशि 500 रुपए प्राप्त करने के लिए योग्य माना जाएगा।

दो माह में 53 सूचनादाताओं को दी राशि: चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग निदेशालय की ओर से 24 दिसंबर 2021 को एक पत्र भेजकर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को राष्ट्रीय 6 उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वॉलंटियर, आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि देने के आदेश जारी किए गए. इसके बाद विभाग की ओर से जनवरी और फरवरी 2022 में जिले के 53 आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आम लोगों को नए टीबी मरीज अस्पताल तक पहुंचने पर 26,500 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई. जबकि सत्र 2021- 22 में प्रोत्साहन राशि के लिए 1 लाख 19 हजार रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था. लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते 92,500 रुपए का बजट लेप्स हो गया.

भरतपुर. राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत अब नए टीबी रोगी की खोज करने वाले आम लोगों, आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रति मरीज 500 रुपए प्रोत्साहन (Those who find new TB patients will get 500 rupees ) राशि दी जाएगी. साथ ही यदि कोई मरीज स्वयं अस्पताल पहुंचकर खुद की जांच कराता है तो उसके लिए भी 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि (TB patient will get Rs 500) दी जाएगी. हालांकि केंद्र सरकार की ओर से यह योजना बीते करीब 3 वर्ष पूर्व से संचालित की जा रही है. लेकिन राजस्थान की बात करें तो दिसंबर 2021 से चिकित्सा विभाग को इस संबंध में मुख्यालय से लिखित आदेश मिले हैं. जिसके बाद अब विभाग लोगों को जागरूक कर योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अविरल सिंह ने बताया कि प्रदेश को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों को अस्पताल तक लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी की तहत गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचने वाली आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का नए टीबी रोगी खोजने में प्रमुख योगदान रहा है. इसलिए इनको प्रोत्साहित करने एवं ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों को अस्पताल तक लाने के लिए अब इन सभी को भी नए टीबी मरीज लाने पर प्रति मरीज 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. साथ ही टीबी मरीज को अस्पताल लाने पर आम आदमी और खुद मरीज को भी यह राशि प्रदान की जाएगी.

पढ़ेंः भीलवाड़ा: WHO की टीम ने किया सर्वे...120 लोगों का लिया सैंपल, 8 मरीजों को टीबी

ऐसे मिलेगी प्रोत्साहन राशि: डॉ अविरल ने बताया कि प्रोत्साहन राशि क्लेम करने के लिए कम्युनिटी वॉलंटियर,आशा सहयोगिनी,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या आम आदमी की ओर से संभावित टीबी मरीज को चिह्नित कर रेफरेल प्रपत्र के साथ नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र डीएमसी में बलगम जांच के लिए ले जाया जाएगा. यदि रेफर किए गए सम्भावित मरीज में टीबी रोग की पुष्टि होती है, तो सम्बंधित कार्यकर्ता या व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि 500 रुपए का भुगतान किया जाएगा. इसी तरह यदि मरीज किसी भी जांच केन्द्र पर खुद जांच करवाने जाता है और उसमें टीबी रोग की पुष्टि होती है, तो वह मरीज खुद के लिए प्रोत्साहन राशि 500 रुपए प्राप्त करने के लिए योग्य माना जाएगा।

दो माह में 53 सूचनादाताओं को दी राशि: चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग निदेशालय की ओर से 24 दिसंबर 2021 को एक पत्र भेजकर चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को राष्ट्रीय 6 उन्मूलन कार्यक्रम के तहत वॉलंटियर, आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 500 रुपए की प्रोत्साहन राशि देने के आदेश जारी किए गए. इसके बाद विभाग की ओर से जनवरी और फरवरी 2022 में जिले के 53 आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आम लोगों को नए टीबी मरीज अस्पताल तक पहुंचने पर 26,500 रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई. जबकि सत्र 2021- 22 में प्रोत्साहन राशि के लिए 1 लाख 19 हजार रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था. लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते 92,500 रुपए का बजट लेप्स हो गया.

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