भरतपुर: कोरोना संक्रमण काल में सरसों के भाव ने आसमान छू लिया है. साल 2020- 21 में जिले में कृषि विभाग द्वारा तय सरसों फसल की बुवाई के लक्ष्य से 35 हजार हेक्टेयर ज्यादा भूमि में सरसों की बुवाई की गई.
ऐसे बढ़े सरसों के भाव
सरसों मंडी व्यापारी भूपेंद्र गोयल ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पहले फरवरी 2020 में भरतपुर की नई सरसों मंडी में 3700 से 3800 रुपए प्रति क्विंटल तक सरसों की बिक्री हुई थी. लेकिन कोरोना संक्रमण का दौर शुरू होते ही सरसों के भाव में तेजी आना शुरू हो गई. इस साल हालात यह हैं कि भरतपुर की नई सरसों मंडी में सरसों के भाव अधिकतम 7500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं. यह सरसों के इतिहास का सबसे ज्यादा भाव है.
35 हजार हेक्टेयर ज्यादा भूमि में हुई बुवाई
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि साल 2019-20 में जिले में 2 लाख 15 हजार हेक्टेयर भूमि में सरसों की फसल की बुवाई की गई. कृषि विभाग ने साल 2020-21 का सरसों बुवाई का लक्ष्य 2 लाख 15 हजार हेक्टेयर भूमि रखा, लेकिन मंडियों में सरसों के भाव अच्छे मिलने की वजह से लक्ष्य से ज्यादा जिले में 2 लाख 49 हजार 642 हैक्टेयर में सरसों की बुवाई की गई.
पढ़ें-कोरोना काल में दोहरी मार: सरसों के तेल ने बिगाड़ा रसोई का बजट, साल भर में दोगुना बढ़े दाम
क्यों बढ़े सरसों के भाव ?
कोरोना संक्रमण काल में लोगों ने सरसों के तेल का उपयोग काफी अधिक मात्रा में किया, जिससे बाजार में सरसों के तेल की मांग बढ़ गई. यही वजह है कि मिलों में सरसों की मांग और पिराई दोनों बढ़ गई. इससे मंडियों में सरसों की फसल के भाव भी तेजी से बढ़ते हुए दोगुना तक पहुंच गए.
आगामी सीजन में करेंगे ज्यादा सरसों की बुवाई
किसान रामकुमार गुर्जर ने बताया कि मंडियों में सरसों के भाव अच्छे मिलने की वजह से उन्होंने इस पिछले साल से ज्यादा सरसों की फसल की बुवाई की. रामकुमार ने साल 2019-20 में 50 बीघा जमीन में सरसों की फसल बोई थी. साल 2020 -21 में उन्होंने 65 बीघा भूमि में सरसों की फसल बोया. रामकुमार गुर्जर ने बताया कि यदि भविष्य में सरसों के भाव अच्छे मिलते रहे तो वो गेहूं की फसल के बजाय सरसों की फसल लेना ज्यादा पसंद करेंगे.
देश भर में 25 लाख टन ज्यादा सरसों उत्पादन
व्यापारी तारा चंद गोयल ने बताया कि पूरे भारत में साल 2019-20 में 65 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था. लेकिन पिछले 2 साल से सरसों के भाव ज्यादा मिलने की वजह से किसानों ने सरसों की बुवाई भी बढ़ा दी है. साल 2020-21 में देश में 90 लाख टन सरसों उत्पादन हुआ. यह साल 2019-20 से 25 लाख टन ज्यादा है. यदि सरसों के भाव इसी तरह बढ़ते रहे तो आगामी वर्षों में पूरे देश भर में सरसों उत्पादन 120 लाख टन तक पहुंच सकता है.