भरतपुर. कुछ माताओं के प्रसव के बाद दूध नहीं आता तो कुछ नवजात शिशुओं के सिर से जन्म के साथ ही मां का साया उठ जाता है. ऐसे ही नवजात शिशुओं के लिए भरतपुर के जनाना अस्पताल की मदर मिल्क बैंक ' आंचल ' जीवनदायिनी बनी हुई है. दो साल पहले ऐसे ही शिशुओं के लिए मां का दूध उपलब्ध कराने के लिए जनाना अस्पताल में स्थापित की गई मदर मिल्क बैंक में अब तक 4 हजार 579 यशोदाएं अमृत समान अपना दूध दान कर चुकी हैं. जिससे अब तक 4 हजार 413 नवजात लाभान्वित हो चुके हैं और अब स्वस्थ जीवन जी रहे हैं.
दो साल में 9 लाख 88 हजार 620 मिलीलीटर दूध मिला दान में
मदर मिल्क बैंक की मैनेजर अंजना शर्मा ने बताया कि अक्टूबर 2017 में स्थापित की गई बैंक में अब तक 4 हजार 579 माताओं ने अपना 9 लाख 88 हजार 620 मिलीलीटर दूध दान किया. इस दूध से अस्पताल के आईसीयू में भर्ती नवजात, बाल कल्याण समिति घरों पर रहने वाले 4 हजार 413 नवजात शिशओं को दूध उपलब्ध कराया जा चुका है. अंजना शर्मा ने बताया कि बैंक में 600 से 700 यूनिट ( प्रति यूनिट 30 मिली ) मां का दूध सुरक्षित रखने की क्षमता है और फिलहाल यहां 586 यूनिट दूध उपलब्ध है.
ऐसी माताएं करती हैं दूध का दान
- - जिन माताओं के अधिक दूध आता है, वह अपना अतिरिक्त दूध मदर मिल्क बैंक में दान कर जाती हैं.
- - जिन माताओं के प्रसव के बाद दूध कम आता है या बिल्कुल नहीं आता ऐसी माताओं का मशीनों से दूध निकलवाया जाता है. यह माताएं अपने नवजात शिशु के लिए दूध ले जाने के साथ ही बैंक में भी दूध दान कर जाती हैं.
रखा जाता है विशेष ख्याल
प्रबंधक अंजना शर्मा ने बताया कि दूध में किसी तरह का कोई इंफेक्शन ना हो इसके लिए सबसे पहले माता के एचआईवी, पीलिया और हेपेटाइटिस की जांच कराई जाती है. उसके बाद दूध की कल्चर जांच कराई जाती है. सब कुछ सही पाए जाने पर ही नवजात शिशुओं को दान का दूध उपलब्ध कराया जाता है.
यह है मदर मिल्क बैंक का उद्देश्य
जनाना अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ और मदर मिल्क बैंक के प्रभारी डॉ एलके मिश्रा ने बताया कि मदर मिल्क बैंक स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य ऐसे नवजात शिशुओं को मां का दूध उपलब्ध कराना है जिनको किसी परिस्थितिवश अपनी मां का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता. कई बच्चे प्रीमेच्योर होते हैं तो कई कुपोषित, कई नवजात शिशुओं की मां के दूध नहीं आता तो कई की प्रसव के दौरान मां गुजर जाती है. ऐसे नवजात शिशुओं के लिए मदर मिल्क बैंक के माध्यम से मां का दूध निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है. ताकि वो बच्चे स्वस्थ जीवन जी सकें.
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अजमेर को उपलब्ध कराया था 1000 यूनिट मां का दूध
जानकारी के अनुसार मदर मिल्क बैंक ना केवल भरतपुर के जरूरतमंद नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध उपलब्ध कराती है. बल्कि, अजमेर जिले के नवजात बच्चों के लिए भी यहां से दो बार मां का दूध भेजा जा चुका है. अंजना शर्मा ने बताया कि अब तक अजमेर जिले को दो बार में एक हजार यूनिट मां का दूध भेजा जा चुका है.
सरकारी व निजी अस्पतालों में जन्म लेने वाले नवजात जरूरतमंद शिशुओं को मदर मिल्क बैंक से निशुल्क मां का दूध उपलब्ध कराया जाता है. इस महत्वपूर्ण कार्य में कई प्रसूता है जो निस्वार्थ भाव से यशोदा की भूमिका निभाते हुए अपना दूध दान करती हैं. कई माताएं तो ऐसी हैं जिन्होंने बड़ी मात्रा में अपना दूध दान किया. जिनमें प्रसूता ऊषा ने 7 हजार 905 मिलीलीटर, नीतू ने 6 हजार145 मिली और निरमा प्रसूता ने 1 हजार 920 मिलीलीटर दूध दान किया.