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शिक्षा से महरूम बच्चे : राजस्थान के सवा दो लाख से अधिक बच्चे शिक्षा से वंचित, सर्वे में खुलासा...

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Published : May 5, 2022, 6:52 PM IST

राजस्थान में शिक्षा से वंचित बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सालाना योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. बावजूद इसके, भरतपुर समेत प्रदेश के 2 लाख से अधिक (Children Dropped Out from School in Rajasthan) बालक-बालिकाएं शिक्षा से वंचित हैं. इसका खुलासा शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में हुआ है. देखिए ये रिपोर्ट...

Children Dropped Out from School in Rajasthan
शिक्षा से महरूम बच्चे

भरतपुर. प्रदेश में स्कूली शिक्षा के सुधार और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. हर वर्ष शिक्षा विभाग डोर-टू-डोर सर्वे कर प्रवेशोत्सव अभियान चलाता है. बावजूद इसके प्रदेश में लाखों बच्चे आज भी शिक्षा से मेहरूम हैं. इतना ही नहीं, हजारों गरीब बच्चे आज भी स्कूलों से ड्रॉपआउट होकर कचरा बीनने और भिक्षावृत्ति जैसे कार्यों में लगे हुए हैं. शिक्षा विभाग की ओर से गत वर्ष किए गए सर्वे के अनुसार भरतपुर जिले में वर्ष 2021-22 में 9257 बच्चों समेत प्रदेशभर में 2 लाख 29 हजार, 481 स्कूल से ड्रॉपआउट हुए. ऐसे ड्रॉपआउट बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी कमर कस रहा है.

इन जिलों में सर्वाधिक शिक्षा से वंचित बच्चे : प्रदेश में हर वर्ष शैक्षिक सत्र के प्रारंभ में शिक्षा से वंचित बच्चों को (Children Deprived of Education in Rajasthan) सरकारी स्कूलों से जोड़ने के लिए प्रवेशोत्सव अभियान के अंतर्गत सर्वे कार्य करवाया जाता है. विभाग की ओर से वर्ष 2021-22 में भी ऐसा ही एक सर्वे कराया गया, जिसमें सर्वाधिक शिक्षा से वंचित बच्चे जयपुर में 19,907 और अलवर में 19,699 पाए गए. इसके अलावा जोधपुर में 17,549, बीकानेर में 12,930, नागौर में 12,465, बाड़मेर में 10,556 और अजमेर में 10,017 बच्चे शिक्षा से वंचित मिले.

क्या कहा संगीता बेनीवाल ने...

शिक्षा से जोड़ने के विभागीय प्रयास : विभाग की मानें तो प्रदेश में शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए (Child Education in Rajasthan) नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, मिड डे मील योजना चलाई जा रही है. साथ ही शैक्षिक भ्रमण, विद्यार्थी दुर्घटना बीमा, प्रवेशोत्सव, छात्रवृत्ति, ट्रांसपोर्ट वाउचर, बैक टू स्कूल, विशेष प्रशिक्षण शिविर, आवासीय विद्यालय व छात्रावास की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. साथ ही इन दिनों राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और शिक्षा विभाग, 'शिक्षित बचपन सुरक्षित बचपन' संभागस्तरीय कार्यशाला आयोजित कर प्रदेश के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का कार्यक्रम चला रहा है.

पढ़ें : RSCPCR Chairman in Bharatpur: बाल संप्रेक्षण गृह से बच्चों के पलायन को रोकने के लिए बनाए जाएंगे कड़े कानून-संगीता बेनीवाल

बुधवार को भरतपुर दौरे पर आईं आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भी कहा कि स्कूल से ड्रॉपआउट बच्चों, भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी जैसे कार्य में लिप्त शिक्षा से वंचित बच्चों को (Sangeeta Beniwal on Child Education) फिर से शिक्षा से जोड़ने और उनके पुनर्वास के लिए आयोग भी जल्द ही एक प्रोजेक्ट तैयार कर काम शुरू करेगा. हालांकि, जब बेनीवाल से प्रदेश में शिक्षा से वंचित बच्चों का आंकड़ा जानना चाहा तो वो आंकड़ा बताने में असमर्थ रहीं. उन्होंने कहा कि वो विभाग और एनजीओ से जिलेवार आंकड़े जुटाएंगी.

पढ़ें : कोरोना काल ने मासूमों से छीना बचपन और सपने, राजस्थान में बढ़े बालश्रम और भिक्षावृत्ति के मामले

कहां कितने बच्चे शिक्षा से वंचित :

जिला वंचित बच्चे
भरतपुर9257
बांसवाड़ा4545
बारां2116
भीलवाड़ा 7205
बूंदी2637
चित्तौड़गढ़3171
चूरू6593
दौसा4328
धौलपुर6037
डूंगरपुर2812
गंगानगर5366
हनुमानगढ़4427
जैसलमेर3767
जालोर8365
झालावाड़2359
झुंझुनूं4596
करौली3709
कोटा3219
पाली6970
प्रतापगढ़2110
राजसमंद4018
सवाई माधोपुर4053
सीकर9109
सिरोही3981
टोंक3007
उदयपुर8601

भरतपुर. प्रदेश में स्कूली शिक्षा के सुधार और बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. हर वर्ष शिक्षा विभाग डोर-टू-डोर सर्वे कर प्रवेशोत्सव अभियान चलाता है. बावजूद इसके प्रदेश में लाखों बच्चे आज भी शिक्षा से मेहरूम हैं. इतना ही नहीं, हजारों गरीब बच्चे आज भी स्कूलों से ड्रॉपआउट होकर कचरा बीनने और भिक्षावृत्ति जैसे कार्यों में लगे हुए हैं. शिक्षा विभाग की ओर से गत वर्ष किए गए सर्वे के अनुसार भरतपुर जिले में वर्ष 2021-22 में 9257 बच्चों समेत प्रदेशभर में 2 लाख 29 हजार, 481 स्कूल से ड्रॉपआउट हुए. ऐसे ड्रॉपआउट बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी कमर कस रहा है.

इन जिलों में सर्वाधिक शिक्षा से वंचित बच्चे : प्रदेश में हर वर्ष शैक्षिक सत्र के प्रारंभ में शिक्षा से वंचित बच्चों को (Children Deprived of Education in Rajasthan) सरकारी स्कूलों से जोड़ने के लिए प्रवेशोत्सव अभियान के अंतर्गत सर्वे कार्य करवाया जाता है. विभाग की ओर से वर्ष 2021-22 में भी ऐसा ही एक सर्वे कराया गया, जिसमें सर्वाधिक शिक्षा से वंचित बच्चे जयपुर में 19,907 और अलवर में 19,699 पाए गए. इसके अलावा जोधपुर में 17,549, बीकानेर में 12,930, नागौर में 12,465, बाड़मेर में 10,556 और अजमेर में 10,017 बच्चे शिक्षा से वंचित मिले.

क्या कहा संगीता बेनीवाल ने...

शिक्षा से जोड़ने के विभागीय प्रयास : विभाग की मानें तो प्रदेश में शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए (Child Education in Rajasthan) नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, मिड डे मील योजना चलाई जा रही है. साथ ही शैक्षिक भ्रमण, विद्यार्थी दुर्घटना बीमा, प्रवेशोत्सव, छात्रवृत्ति, ट्रांसपोर्ट वाउचर, बैक टू स्कूल, विशेष प्रशिक्षण शिविर, आवासीय विद्यालय व छात्रावास की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं. साथ ही इन दिनों राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग और शिक्षा विभाग, 'शिक्षित बचपन सुरक्षित बचपन' संभागस्तरीय कार्यशाला आयोजित कर प्रदेश के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का कार्यक्रम चला रहा है.

पढ़ें : RSCPCR Chairman in Bharatpur: बाल संप्रेक्षण गृह से बच्चों के पलायन को रोकने के लिए बनाए जाएंगे कड़े कानून-संगीता बेनीवाल

बुधवार को भरतपुर दौरे पर आईं आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भी कहा कि स्कूल से ड्रॉपआउट बच्चों, भिक्षावृत्ति और बाल मजदूरी जैसे कार्य में लिप्त शिक्षा से वंचित बच्चों को (Sangeeta Beniwal on Child Education) फिर से शिक्षा से जोड़ने और उनके पुनर्वास के लिए आयोग भी जल्द ही एक प्रोजेक्ट तैयार कर काम शुरू करेगा. हालांकि, जब बेनीवाल से प्रदेश में शिक्षा से वंचित बच्चों का आंकड़ा जानना चाहा तो वो आंकड़ा बताने में असमर्थ रहीं. उन्होंने कहा कि वो विभाग और एनजीओ से जिलेवार आंकड़े जुटाएंगी.

पढ़ें : कोरोना काल ने मासूमों से छीना बचपन और सपने, राजस्थान में बढ़े बालश्रम और भिक्षावृत्ति के मामले

कहां कितने बच्चे शिक्षा से वंचित :

जिला वंचित बच्चे
भरतपुर9257
बांसवाड़ा4545
बारां2116
भीलवाड़ा 7205
बूंदी2637
चित्तौड़गढ़3171
चूरू6593
दौसा4328
धौलपुर6037
डूंगरपुर2812
गंगानगर5366
हनुमानगढ़4427
जैसलमेर3767
जालोर8365
झालावाड़2359
झुंझुनूं4596
करौली3709
कोटा3219
पाली6970
प्रतापगढ़2110
राजसमंद4018
सवाई माधोपुर4053
सीकर9109
सिरोही3981
टोंक3007
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