भरतपुर. लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 और बालक अधिकार का संरक्षण अधिनियम 2005 न्यायालय पोक्सो कोर्ट संख्या-2 के न्यायाधीश गजेन्द्रपाल मोघा ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में आरोपी को आजीवन कठोर कारावास और 30 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है.
आरोपी के खिलाफ नाबालिक के परिजनों ने साढ़े 5 साल पहले मामला दर्ज कराया था. वरिष्ठ लोक अभियोजक महाराज सिंह सिनसिनवार ने बताया कि जिले के ग्रामीण थाने में एक परिवादी ने 9 जून 2015 को मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें बताया कि 7 जून की दोपहर उसके पड़ोसी की पुत्री घर आई और उसकी नाबालिग पुत्री को बुलाकर अपने घर ले गई, यहां पर तीन नामजद लोग मौजूद थे.
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वह जब घर पर आया तो पुत्री नहीं मिली. बाद में पुत्री ने एक आरोपी का नाम लेते बताया कि वह तांत्रिक है और उसने उसके साथ बलात्कार किया है. पुलिस ने बाद में आरोपी किशनलाल उर्फ किशन तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट ने गिरफ्तार आरोपी को भादसं. की धारा 363 में 5 साल की सजा और 5 हजार का जुर्माना, 366 में 7 साल और 10 हजार रुपए जुर्माना और पोस्को एक्ट की धारा 4/5 में कठोर आजीवन कारावास की सजा और 30 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है. साथ ही कोर्ट ने पीड़िता को प्रतिकार राशि दिलाने के लिए जिला विधिक प्राधिकरण को फैसले की प्रति भेज कर अनुशंषा करने की बात कही है.