भरतपुर. राजा मानसिंह हत्याकांड के सभी दोषी पुलिसकर्मियों को बुधवार को मथुरा कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके बाद भरतपुर की जनता में खुशी का माहौल है. जिले में जगह-जगह राजा मानसिंह को श्रदांजलि दी जा रही है. मानसिंह की दोनों बेटियां और नवासे कुंवर दुष्यंत सिंह शहर के मानसिंह सर्किल पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे. इस दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद रहे.
जिले में कई जगह राजा मानसिंह की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी. इस दौरान पूर्व पर्यटन मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा ने कहा कि राजा मानसिंह जी की हत्याकांड में फैसला आ गया है. देर भले ही हुई है, लेकिन न्याय मिला जिसकी हमें बेहद खुशी है. कुंवर दुष्यंत सिंह ने कहा कि राजा मानसिंह को 35 साल बाद न्याय मिला है, लेकिन इसमें राजपरिवार और भरतपुर की जनता ने पूरा साथ दिया है. भरतपुर की जनता के साथ के लिए पूरा राजपरिवार उनका आभारी रहेगा. भरतपुर की जनता की सहानुभूति राजा मानसिंह के प्रति थी, इसलिए ये दिन सभी के लिए भावनात्मकपूर्ण है.
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गौरतलब है कि 35 साल पहले 20 फरवरी 1985 को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डीग से लगातार सात बार निर्दलीय विधायक रहे राज परिवार के सदस्य राजा मानसिंह के राजशाही झंडे को चुनाव प्रचार के दौरान हटाने की गलती कर दी थी. उसी दिन राजस्थान की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर डीग में जनसभा को सम्बोधित करने आए थे. जहां पहुंच कर नाराज राजा मानसिंह ने अपनी जीप से पहले सीएम की जनसभा के मंच को तोड़ दिया और उसके बाद सीएम के हेलीकॉप्टर को भी जीप से टक्कर मारकर तोड़ डाला था.
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उसके बाद सुरक्षा बल सीएम शिवचरण माथुर को सुरक्षा के बीच सड़क के रास्ते जयपुर ले गया था. इस घटना के बाद 21 फरवरी 1985 को राजा मानसिंह अपने दामाद और दो अन्य साथियों को जीप में लेकर डीग जा पहुंचे जहां डीएसपी कान सिंह भाटी के नेतृत्व में हथियारों से लैस पुलिस फाेर्स ने राजा मानसिंह की जीप को चारों तरफ से घेर लिया और फायरिंग शुरू कर दी. इसमें राजा मान सिंह और दो समर्थक सुमेर सिंह और हरी सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी.