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कृषि विधेयक से किसानों को फसल बेचने की मिलेगी आजादी, 2022 तक दोगुनी हो जाएगी किसानों की आय: कैलाश चौधरी

एक दिवसीय दौरे पर भरतपुर पहुंचे केंद्रीय कृषि कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने विपक्ष पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों से किसानों को अपनी फसल बेचने की आजादी मिलेगी. साथ ही इन कानूनों से 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी.

Kailash Chaudhary's statement, Kailash Chaudhary in Bharatpur
कैलाश चौधरी ने कृषि कानूनों को बताया किसानों के लिए फायदेमंद
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Published : Oct 3, 2020, 4:56 PM IST

भरतपुर. कृषि कानूनों से किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी मिलेगी. इन कानूनों से ही वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा. ये कहना है केंद्रीय कृषि कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का. एक दिन के दौरे पर भरतपुर आए मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि विपक्ष किसानों को भड़काने में लगा हुआ है, लेकिन हकीकत में कृषि कानून किसानों के लिए करामाती साबित होंगे.

कैलाश चौधरी ने कृषि कानूनों को बताया किसानों के लिए फायदेमंद

मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक एवं कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे. उन्होंने कहा कि इस कानून के बाद देश का किसान अपनी फसल को मंडी के बाहर कहीं भी, किसी भी व्यक्ति को और किसी भी कीमत पर बेच सकेगा. इससे मंडी के अंदर और बाहर के व्यापारियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिसका लाभ किसान को मिलेगा.

पढ़ें- सवाई माधोपुर सेक्स स्कैंडल पर बोले राजस्थान सेवादल अध्यक्ष, अगर इस मामले में महिला कांग्रेस सेवादल की हुई तो दे दूंगा इस्तीफा

मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ, लेकिन किसानों को आजादी 2020 में मोदी सरकार के कृषि कानून के कारण मिली. उन्होंने कहा कि कृषि विधेयक से किसानों को मंडी में दिए जाने वाले टैक्स से भी मुक्ति मिल जाएगी. किसानों को मंडी में अपनी फसल को औने-पौने दाम में बेचना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषक कीमत आश्वासन कानून के तहत किसान कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग का लाभ ले सकेगा. इसके तहत किसान को अपनी फसल का निर्धारित दाम मिल सकेगा. साथ ही यदि बाजार में फसल के अधिक दाम मिलने पर किसान अपनी फसल बाजार में भी बेच सकेगा.

पढ़ें- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग, पायटल ने पीएम को लिखा पत्र

कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी किसानों को गुमराह कर रही है कि कॉन्ट्रेक्ट करने के तहत कॉरपोरेट उनकी जमीन पर अतिक्रमण कर लेंगे, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के तहत किसान की फसल का कॉन्ट्रेक्ट होगा. उसमें जमीन को शामिल नहीं किया जाएगा. इससे किसानों को लाभ होगा, नुकसान नहीं होगा. जमीनें भी पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगी.

केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने एक लाख करोड़ से अधिक का बजट किसानों के लिए रखा है. अब दशकों बाद किसान को अपनी उपज पर सही हक मिल सकेगा.

भरतपुर. कृषि कानूनों से किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी मिलेगी. इन कानूनों से ही वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा. ये कहना है केंद्रीय कृषि कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का. एक दिन के दौरे पर भरतपुर आए मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि विपक्ष किसानों को भड़काने में लगा हुआ है, लेकिन हकीकत में कृषि कानून किसानों के लिए करामाती साबित होंगे.

कैलाश चौधरी ने कृषि कानूनों को बताया किसानों के लिए फायदेमंद

मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक एवं कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होंगे. उन्होंने कहा कि इस कानून के बाद देश का किसान अपनी फसल को मंडी के बाहर कहीं भी, किसी भी व्यक्ति को और किसी भी कीमत पर बेच सकेगा. इससे मंडी के अंदर और बाहर के व्यापारियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिसका लाभ किसान को मिलेगा.

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मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ, लेकिन किसानों को आजादी 2020 में मोदी सरकार के कृषि कानून के कारण मिली. उन्होंने कहा कि कृषि विधेयक से किसानों को मंडी में दिए जाने वाले टैक्स से भी मुक्ति मिल जाएगी. किसानों को मंडी में अपनी फसल को औने-पौने दाम में बेचना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषक कीमत आश्वासन कानून के तहत किसान कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग का लाभ ले सकेगा. इसके तहत किसान को अपनी फसल का निर्धारित दाम मिल सकेगा. साथ ही यदि बाजार में फसल के अधिक दाम मिलने पर किसान अपनी फसल बाजार में भी बेच सकेगा.

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कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी किसानों को गुमराह कर रही है कि कॉन्ट्रेक्ट करने के तहत कॉरपोरेट उनकी जमीन पर अतिक्रमण कर लेंगे, लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है. कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के तहत किसान की फसल का कॉन्ट्रेक्ट होगा. उसमें जमीन को शामिल नहीं किया जाएगा. इससे किसानों को लाभ होगा, नुकसान नहीं होगा. जमीनें भी पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगी.

केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने एक लाख करोड़ से अधिक का बजट किसानों के लिए रखा है. अब दशकों बाद किसान को अपनी उपज पर सही हक मिल सकेगा.

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