भरतपुर. कोई मानसिक बीमारी के चलते अपनों से बिछड़ गया तो किसी को अपनों ने दुत्कार दिया. अपनों से दूर असहाय और लावारिस स्थिति में अपना घर आश्रम पहुंचे ऐसे ही 3700 से अधिक प्रभुजनों के जीवन में शुक्रवार को होली ने रंग भर दिए. आश्रम के सभी प्रभुजनों और सेवादारों ने एक-दूसरे को रंग गुलाल लगाकर हर्षोल्लास (Holi festival celebrated with gaiety ) के साथ होली का त्योहार मनाया. अपना घर आश्रम के संस्थापक डॉक्टर बी एम भारद्वाज ने आश्रम के प्रत्येक प्रभुजन के पास पहुंच कर, उन्हें गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी.
अपना घर आश्रम में सुबह से ही होली के त्यौहार धुलंडी की धूम रही. आश्रम संस्थापक डॉ बी एम भारद्वाज ने आश्रम के अलग-अलग शाखाओं में जाकर प्रभु जनों को गुलाल लगाया. आश्रम के प्रभुजन भी डीजे की धुन पर जमकर नाचे. एक दूसरे को गुलाल लगाकर और गले मिलकर होली की शुभकामनाएं दीं. बच्चों ने जमकर धूम मचाईः आश्रम में फिलहाल 133 बच्चे हैं. इनमें से अधिकतर बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने आश्रम में ही जन्म लिया. धुलंडी के अवसर पर शुक्रवार को इन बच्चों ने डीजे की धुन पर जमकर डांस किया. डॉ भारद्वाज जैसे ही बच्चों के बीच में पहुंचे, सभी बच्चों के बीच डॉक्टर भारद्वाज को गुलाल लगाने की होड़ लग गई. वहीं डॉ भारद्वाज ने बच्चों का मुंह मीठा कराया तो बच्चों ने भी डॉ भारद्वाज को गुंजिया और मिठाई खिलाई.
3700 से अधिक प्रभुजन आवासितः डॉक्टर बी एम भारद्वाज ने बताया कि बझेरा स्थित अपना घर आश्रम में फिलहाल 3714 से अधिक महिला, पुरुष और बच्चे प्रभुजन आवासित हैं. इनमें 2096 मानसिक अस्वस्थ, 133 बच्चे, 38 नेत्रहीन समेत कुल 3714 प्रभुजन निवास कर रहे हैं. अपनों की कमी ना महसूस होः आश्रम संस्थापक डॉ बीएम भारद्वाज ने बताया आश्रम में होली, दीपावली, रक्षाबंधन, ईद सभी त्योहार एक साथ मनाए जाते हैं. अपनों से बिछड़ कर आश्रम में रहने वाले प्रभुजनों को हर खुशी देने की कोशिश की जाती है ताकि उन्हें अपनों की कमी का अहसास ना हो.