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Special: करोड़ों की लागत से हेरिटेज लुक वाला बृज विवि का नया भवन तैयार, अगले सप्ताह लोकार्पण

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Published : Jan 2, 2020, 3:19 PM IST

शहर से करीब 18 किलोमीटर दूर बैलारा के पास महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय का हेरिटेज लुक वाला नया भवन बनकर तैयार हो गया है. करीब साढ़े 12 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए गए भवन के प्रथम चरण में एकेडमिक ब्लॉक, गेस्ट हाउस और परीक्षा खंड का निर्माण कराया गया है.

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करोड़ों की लागत से हेरिटेज लुक वाला बृज विवि का नया भवन तैयार

भरतपुर. राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) की ओर से तैयार कराये गए इस भवन का जल्द ही विश्वविद्यालय प्रशासन को हस्तांतरण कर दिया जाएगा. उसके बाद संभवतः इसी माह अगले सप्ताह इसका लोकार्पण कराया जाएगा.

परीक्षा और एफिलिएशन शाखा होगी शिफ्ट...

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अश्वनी कुमार बंसल ने बताया कि भवन का जल्द ही हस्तांतरण हो जाएगा. उसके बाद इसी माह के दूसरे सप्ताह में भवन का लोकार्पण कराया जाएगा. नए भवन में सबसे पहले विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा और एफिलिएशन शाखा को शिफ्ट किया जाएगा. नए भवन में अभी परिवहन सुविधा के अभाव के चलते कक्षाओं का संचालन नहीं किया जाएगा. साथ ही विवि का प्रसाशनिक कार्य फिलहाल एमएसजे कॉलेज भवन से ही जारी रहेगा.

भवन को दिया हेरिटेज लुक, 2 करोड़ से द्वार का निर्माण...

महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के भवन को आकर्षक बनाने के लिए हेरिटेज लुक दिया गया है. साथ ही नए भवन के मुख्य द्वार के निर्माण के लिए करीब दो करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. हैरिटेज लुक देने के लिए भवन के मुख्य द्वार और एकेडमिक ब्लॉक के ऊपर छतरियों का निर्माण किया गया है.

करोड़ों की लागत से हेरिटेज लुक वाला बृज विवि का नया भवन तैयार

खार से बचाएगी विशेष ईंट...

विश्वविद्यालय के नए भवन में सीलन और खार की समस्या से निजात पाने के लिए विशेष प्रकार की 'फ्लाई ऐश' की ईंटों का इस्तेमाल किया गया है. थर्मल पावर में बिजली उत्पादन के लिए काम में लिए जाने वाले कोयले की राख में चूना मिलाकर फ्लाई ऐश की ईंटों का निर्माण किया जाता है. इसमें कभी भी खार नहीं लगती और ना ही सीलन आती है. गौरतलब है कि भरतपुर जिले के भवनों में खार और सीलन की बड़ी समस्या है.

1 साल की देरी से तैयार हुआ है भवन...

विश्वविद्यालय के नए भवन का निर्माण 31 दिसंबर 2018 में पूरा होना था. लेकिन यह निर्माण कार्य करीब 1 साल की देरी से पूरा हो पा रहा है. आरएसआरडीसी के जिम्मेदारों की माने तो भवन परिसर में बरसात के जलभराव की समस्या के चलते कई बार निर्माण कार्य प्रभावित रहा. साथ ही कई बार सीमेंट की उपलब्धता भी नहीं हो पाई, जिसकी वजह से निर्माण कार्य की गति धीमी हो गई. यही वजह है कि जो निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2018 को पूरा होना था, वह जनवरी 2020 में पूरा हो पा रहा है.

यह भी पढ़ेंः स्पेशल: तापमान, Oxygen और ग्लूकोज की कमी से दम तोड़ रहे बच्चे...

गौरतलब है कि फिलहाल महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय का संचालन भरतपुर के महारानी श्री जया महाविद्यालय के परिसर से किया जा रहा है. वहीं कक्षाओं का संचालन अलग-अलग महाविद्यालय के परिसर और किराए के भवन में किया जा रहा है. ऐसे में विवि का नया भवन तैयार होने से विवि संचालन और विद्यार्थियों की पढ़ाई में सुविधा मिलेगी.

भरतपुर. राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) की ओर से तैयार कराये गए इस भवन का जल्द ही विश्वविद्यालय प्रशासन को हस्तांतरण कर दिया जाएगा. उसके बाद संभवतः इसी माह अगले सप्ताह इसका लोकार्पण कराया जाएगा.

परीक्षा और एफिलिएशन शाखा होगी शिफ्ट...

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अश्वनी कुमार बंसल ने बताया कि भवन का जल्द ही हस्तांतरण हो जाएगा. उसके बाद इसी माह के दूसरे सप्ताह में भवन का लोकार्पण कराया जाएगा. नए भवन में सबसे पहले विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा और एफिलिएशन शाखा को शिफ्ट किया जाएगा. नए भवन में अभी परिवहन सुविधा के अभाव के चलते कक्षाओं का संचालन नहीं किया जाएगा. साथ ही विवि का प्रसाशनिक कार्य फिलहाल एमएसजे कॉलेज भवन से ही जारी रहेगा.

भवन को दिया हेरिटेज लुक, 2 करोड़ से द्वार का निर्माण...

महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के भवन को आकर्षक बनाने के लिए हेरिटेज लुक दिया गया है. साथ ही नए भवन के मुख्य द्वार के निर्माण के लिए करीब दो करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. हैरिटेज लुक देने के लिए भवन के मुख्य द्वार और एकेडमिक ब्लॉक के ऊपर छतरियों का निर्माण किया गया है.

करोड़ों की लागत से हेरिटेज लुक वाला बृज विवि का नया भवन तैयार

खार से बचाएगी विशेष ईंट...

विश्वविद्यालय के नए भवन में सीलन और खार की समस्या से निजात पाने के लिए विशेष प्रकार की 'फ्लाई ऐश' की ईंटों का इस्तेमाल किया गया है. थर्मल पावर में बिजली उत्पादन के लिए काम में लिए जाने वाले कोयले की राख में चूना मिलाकर फ्लाई ऐश की ईंटों का निर्माण किया जाता है. इसमें कभी भी खार नहीं लगती और ना ही सीलन आती है. गौरतलब है कि भरतपुर जिले के भवनों में खार और सीलन की बड़ी समस्या है.

1 साल की देरी से तैयार हुआ है भवन...

विश्वविद्यालय के नए भवन का निर्माण 31 दिसंबर 2018 में पूरा होना था. लेकिन यह निर्माण कार्य करीब 1 साल की देरी से पूरा हो पा रहा है. आरएसआरडीसी के जिम्मेदारों की माने तो भवन परिसर में बरसात के जलभराव की समस्या के चलते कई बार निर्माण कार्य प्रभावित रहा. साथ ही कई बार सीमेंट की उपलब्धता भी नहीं हो पाई, जिसकी वजह से निर्माण कार्य की गति धीमी हो गई. यही वजह है कि जो निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2018 को पूरा होना था, वह जनवरी 2020 में पूरा हो पा रहा है.

यह भी पढ़ेंः स्पेशल: तापमान, Oxygen और ग्लूकोज की कमी से दम तोड़ रहे बच्चे...

गौरतलब है कि फिलहाल महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय का संचालन भरतपुर के महारानी श्री जया महाविद्यालय के परिसर से किया जा रहा है. वहीं कक्षाओं का संचालन अलग-अलग महाविद्यालय के परिसर और किराए के भवन में किया जा रहा है. ऐसे में विवि का नया भवन तैयार होने से विवि संचालन और विद्यार्थियों की पढ़ाई में सुविधा मिलेगी.

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भरतपुर.
शहर से करीब 18 किलोमीटर दूर बैलारा के पास महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय का हेरिटेज लुक वाला नया भवन बनकर तैयार हो गया है। साढ़े 12 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किए गए भवन के प्रथम चरण में एकेडमिक ब्लॉक, गेस्ट हाउस व परीक्षा खंड का निर्माण कराया गया है। राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) की ओर से तैयार कराये गए इस भवन का जल्द ही विश्वविद्यालय प्रशासन को हस्तांतरण कर दिया जाएगा। उसके बाद संभवतः इसी माह अगले सप्ताह इसका लोकार्पण कराया जाएगा।



Body:परीक्षा और एफिलिएशन शाखा होगी शिफ्ट
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अश्वनी कुमार बंसल ने बताया कि भवन का जल्द ही हस्तांतरण हो जाएगा और उसके बाद इसी माह के दूसरे सप्ताह में भवन का लोकार्पण कराया जाएगा। नए भवन में सबसे पहले विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा और एपीलेशन शाखा को शिफ्ट किह जाएगा। नए भवन गक अभी परिवहन सुविधा के अभाव के चलते कक्षाओं के संचालन नही किया जाएगा। साथ ही विवि का प्रसाशनिक कार्य फिलहाल एमएसजे कॉलेज भवन से ही जारी रहेगा।

भवन को दिया हैरिटेज लुक, 2 करोड़ से द्वार का निर्माण
महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के भवन को आकर्षक बनाने के लिए हेरिटेज लुक दिया गया है। साथ ही नए भवन के मुख्य द्वार के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
हैरिटेज लुक देने के लिए भवन के मुख्य द्वार व एकेडमिक ब्लॉक के ऊपर छतरियों का निर्माण किया गया है।

खार से बचाएगी विशेष ईंट
विश्वविद्यालय के नए भवन में सीलन और खार की समस्या से निजात पाने के लिए विशेष प्रकार की 'फ्लाई ऐश' की ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। थर्मल पावर में बिजली उत्पादन के लिए काम में लिए जाने वाले कोयले की राख में चूना मिलाकर फ्लाई ऐश की ईंटों का निर्माण किया जाता है। इहमें कभी भी कहर नहीं लगती और ना ही सीलन आती है। गौरतलब है कि भरतपुर जिले के भवनों में खार और सीलन की बड़ी समस्या है।

1 साल की देरी से तैयार हुआ है भवन
विश्वविद्यालय के नए भवन का निर्माण 31 दिसंबर 2018 में पूरा होना था लेकिन यह निर्माण कार्य करीब 1 साल की देरी से पूरा हो पा रहा है। आरएसआरडीसी के जिम्मेदारों की माने तो भवन परिसर में बरसात के जलभराव की समस्या के चलते कई बार निर्माण कार्य प्रभावित रहा। साथ ही कई बार सीमेंट की उपलब्धता भी नहीं हो पाई जिसकी वजह से निर्माण कार्य की गति धीमी हो गई। यही वजह है कि जो निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2018 को पूरा होना था वह जनवरी 2020 में पूरा हो पा रहा है।


Conclusion:गौरतलब है कि फिलहाल महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय का संचालन भरतपुर के महारानी श्री जया महाविद्यालय के परिसर से किया जा रहा है। वहीं कक्षाओं का संचालन अलग-अलग महाविद्यालय के परिसर और किराए के भवन में किया जा रहा है। ऐसे में विवि का नया भवन तैयार होने से विवि संचालन और विद्यार्थियों की पढ़ाई में सुविधा मिलेगी।

बाईट - प्रो अश्वनी कुमार बंसल, कुलपति, महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय, भरतपुर।
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