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119 में से 114 मरीजों ने जीती जंग, ICMR भरतपुर मॉडल को करेगी देश में रिप्रेजेंट

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Published : May 12, 2020, 9:06 PM IST

Updated : May 14, 2020, 10:44 AM IST

भरतपुर जिले में मिले 119 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 114 मरीज कोरोना नेगेटिव हो गए. भरतपुर सीएमएचओ ने कहा है कि अगले 4-5 दिनों में जिला कोरोना मुक्त हो जाएगा. इसको देखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भरतपुर मॉडल को देश के सामने रखने की इच्छा जताई है.

IMCR praised Bharatpur model, Bharatpur Model News
ICMR भरतपुर मॉडल को करेगी देश में रिप्रजेंट

भरतपुर. कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए तरह-तरह के प्रयत्न किए जा रहे हैं. चिकित्सा विभाग की कोशिश है कि जल्द से जल्द इस महामारी के चंगुल से मुक्त हो सके. इसी कड़ी में कोरोना पर काबू पाने में भरतपुर जिला एक मिसाल बनकर उभरा है. जिसकी चर्चा राज्य में ही नहीं बल्कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में भी हो रही है. साथ ही आईसीएमआर भरतपुर मॉडल को देश में रिप्रजेंट करना चाहती है.

ICMR भरतपुर मॉडल को करेगी देश में रिप्रजेंट

सीएमएचओ कप्तान सिंह सोलंकी ने बताया कि भरतपुर जिले पर कोरोना पर काबू पाने के बाद ICMR से उनके पास फोन आया और उनसे पूरी प्लाइनिंग के बारे में जाना. ICMR भरतपुर की प्लाइनिंग को पूरे देश के सामने रखना चाहता है, जिससे कि सभी राज्य कोरोना पर जीत पा सकें.

पढ़ें- सीएम गहलोत ने BJP पर साधा निशाना, कहा- यह वक्त हिन्दू-मुस्लिम करने का नहीं है

भरतपुर में अभी तक 119 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे. जिसमें से 114 मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके हैं. जिसमें से 2 मरीज भरतपुर के जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं हाल ही में जिले के अगाहपुर गांव में मरीज को जयपुर भर्ती रखा गया है. सीएमएचओ के अनुसार आने वाले चार, पांच दिनों के अंदर भरतपुर जिला कोरोना से मुक्त हो जाएगा.

सीएमएचओ कप्तान सिंह सोलंकी ने बताया कि जो मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो रहे हैं. उनको एहतियात के तौर पर 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन पीरियड में रखा जा रहा है. डिस्चार्ज होने के बाद उनको 10 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन के लिए भेजा जा रहा है. साथ ही सभी प्रोटोकॉल्स के बारे में सभी मरीजों को बताया जा रहा है. जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना, बिना किसी काम के घर से बाहर न घूमना, समय समय पर हाथ धोना. क्योंकि आने वाले समय में अगर लॉकडाउन हटाया जाता है तो सावधानी बरतकर ही इस महामारी से बचा सकता है.

पढ़ें- बस और ट्रेन की सुविधा नहीं मिली तो पैदल ही अपने गांव पलायन करने को मजबूर हुए प्रवासी मजदूर

वहीं सीएमएचओ ने बताया कि जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलता है, सबसे पहले वहां की जनसंख्या के अनुसार सभी को क्वॉरेंटाइन करना. सभी को क्वॉरेंटाइन करने के बाद उस इलाके में कोई भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं निकलेगा. अगर कोई निकलता भी है तो वह पहले से आपके पास क्वॉरेंटाइन होता है. ये सब प्लानिंग पहले से की जाती है. इस प्लानिंग को बयाना में लागू किया गया था, जिसके बाद पूरा बयाना कोरोना मुक्त हो गया.

भरतपुर. कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए तरह-तरह के प्रयत्न किए जा रहे हैं. चिकित्सा विभाग की कोशिश है कि जल्द से जल्द इस महामारी के चंगुल से मुक्त हो सके. इसी कड़ी में कोरोना पर काबू पाने में भरतपुर जिला एक मिसाल बनकर उभरा है. जिसकी चर्चा राज्य में ही नहीं बल्कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में भी हो रही है. साथ ही आईसीएमआर भरतपुर मॉडल को देश में रिप्रजेंट करना चाहती है.

ICMR भरतपुर मॉडल को करेगी देश में रिप्रजेंट

सीएमएचओ कप्तान सिंह सोलंकी ने बताया कि भरतपुर जिले पर कोरोना पर काबू पाने के बाद ICMR से उनके पास फोन आया और उनसे पूरी प्लाइनिंग के बारे में जाना. ICMR भरतपुर की प्लाइनिंग को पूरे देश के सामने रखना चाहता है, जिससे कि सभी राज्य कोरोना पर जीत पा सकें.

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भरतपुर में अभी तक 119 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे. जिसमें से 114 मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके हैं. जिसमें से 2 मरीज भरतपुर के जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं हाल ही में जिले के अगाहपुर गांव में मरीज को जयपुर भर्ती रखा गया है. सीएमएचओ के अनुसार आने वाले चार, पांच दिनों के अंदर भरतपुर जिला कोरोना से मुक्त हो जाएगा.

सीएमएचओ कप्तान सिंह सोलंकी ने बताया कि जो मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो रहे हैं. उनको एहतियात के तौर पर 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन पीरियड में रखा जा रहा है. डिस्चार्ज होने के बाद उनको 10 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन के लिए भेजा जा रहा है. साथ ही सभी प्रोटोकॉल्स के बारे में सभी मरीजों को बताया जा रहा है. जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना, बिना किसी काम के घर से बाहर न घूमना, समय समय पर हाथ धोना. क्योंकि आने वाले समय में अगर लॉकडाउन हटाया जाता है तो सावधानी बरतकर ही इस महामारी से बचा सकता है.

पढ़ें- बस और ट्रेन की सुविधा नहीं मिली तो पैदल ही अपने गांव पलायन करने को मजबूर हुए प्रवासी मजदूर

वहीं सीएमएचओ ने बताया कि जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलता है, सबसे पहले वहां की जनसंख्या के अनुसार सभी को क्वॉरेंटाइन करना. सभी को क्वॉरेंटाइन करने के बाद उस इलाके में कोई भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं निकलेगा. अगर कोई निकलता भी है तो वह पहले से आपके पास क्वॉरेंटाइन होता है. ये सब प्लानिंग पहले से की जाती है. इस प्लानिंग को बयाना में लागू किया गया था, जिसके बाद पूरा बयाना कोरोना मुक्त हो गया.

Last Updated : May 14, 2020, 10:44 AM IST
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