भरतपुर. कोरोना महामारी से निजात पाने के लिए तरह-तरह के प्रयत्न किए जा रहे हैं. चिकित्सा विभाग की कोशिश है कि जल्द से जल्द इस महामारी के चंगुल से मुक्त हो सके. इसी कड़ी में कोरोना पर काबू पाने में भरतपुर जिला एक मिसाल बनकर उभरा है. जिसकी चर्चा राज्य में ही नहीं बल्कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में भी हो रही है. साथ ही आईसीएमआर भरतपुर मॉडल को देश में रिप्रजेंट करना चाहती है.
सीएमएचओ कप्तान सिंह सोलंकी ने बताया कि भरतपुर जिले पर कोरोना पर काबू पाने के बाद ICMR से उनके पास फोन आया और उनसे पूरी प्लाइनिंग के बारे में जाना. ICMR भरतपुर की प्लाइनिंग को पूरे देश के सामने रखना चाहता है, जिससे कि सभी राज्य कोरोना पर जीत पा सकें.
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भरतपुर में अभी तक 119 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे. जिसमें से 114 मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके हैं. जिसमें से 2 मरीज भरतपुर के जिला आरबीएम अस्पताल में भर्ती हैं. वहीं हाल ही में जिले के अगाहपुर गांव में मरीज को जयपुर भर्ती रखा गया है. सीएमएचओ के अनुसार आने वाले चार, पांच दिनों के अंदर भरतपुर जिला कोरोना से मुक्त हो जाएगा.
सीएमएचओ कप्तान सिंह सोलंकी ने बताया कि जो मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो रहे हैं. उनको एहतियात के तौर पर 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन पीरियड में रखा जा रहा है. डिस्चार्ज होने के बाद उनको 10 दिन के लिए होम क्वॉरेंटाइन के लिए भेजा जा रहा है. साथ ही सभी प्रोटोकॉल्स के बारे में सभी मरीजों को बताया जा रहा है. जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना, बिना किसी काम के घर से बाहर न घूमना, समय समय पर हाथ धोना. क्योंकि आने वाले समय में अगर लॉकडाउन हटाया जाता है तो सावधानी बरतकर ही इस महामारी से बचा सकता है.
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वहीं सीएमएचओ ने बताया कि जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलता है, सबसे पहले वहां की जनसंख्या के अनुसार सभी को क्वॉरेंटाइन करना. सभी को क्वॉरेंटाइन करने के बाद उस इलाके में कोई भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं निकलेगा. अगर कोई निकलता भी है तो वह पहले से आपके पास क्वॉरेंटाइन होता है. ये सब प्लानिंग पहले से की जाती है. इस प्लानिंग को बयाना में लागू किया गया था, जिसके बाद पूरा बयाना कोरोना मुक्त हो गया.