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Bharatpur Hotel Business: कोविड में प्रशासन के साथ खड़े होटल संचालक अब भुगतान के लिए लगा रहे चक्कर...झेल रहे दोहरी मार - bharatpur Hotel owners waiting for payment

कोविड की विकट परिस्थिति में प्रशासन के एक आदेश पर हर सहयोग के लिए तैयार रहे होटल व मैरिज होम संचालक (bharatpur Hotel owners waiting for payment) अब भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं. पिछले दो साल से भरतपुर के अधिकतर होटल और मैरिज होम संचालक भुगतान का इंतजार कर रहे हैं. काफी प्रयास के बाद कुछ होटलों को तो भुगतान हो गया, लेकिन अधिकतर आज भी प्रशासन की तरफ उम्मीद लगाए देख रहे हैं.

bharatpur Hotel owners waiting for payment
होटल संचालकों को भुगतान का इंतजार
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Published : Jun 25, 2022, 6:03 AM IST

भरतपुर. कोविड संक्रमण के समय होटल और मैरिज होम संचालकों ने प्रशासन का भरपूर साथ दिया. प्रशासन के हर आदेश पर तैयार रहे. लेकिन इस बात को दो साल गुजरने के बाद भी अब तक अधिकतर होटल और मैरिज होम का प्रशासन ने पूरा भुगतान नहीं किया है. होटल संचालकों के कई बार के प्रयास के बाद प्रशासन ने कुछ का तो भुगतान कर दिया. लेकिन अधिकतर होटल संचालकों को अभी भी भुगतान (bharatpur Hotel owners waiting for payment) का इंतजार है.

जिला प्रशासन ने वर्ष 2020 में 9 होटल व 14 मैरिज होम और वर्ष 2021 में 3 होटलों को क्वारंटाइन के लिए अधिग्रहित किए थे. होटल संचालकों की मानें तो जिला प्रशासन के पास अभी भी करीब एक करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान बकाया है. सनबर्ड होटल संचालक लक्ष्मण सिंह ने बताया कि उनका होटल कोरोना संक्रमण काल में वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में दो बार क्वारंटाइन के लिए अधिग्रहित किया गया. होटल के भुगतान के लिए जिला प्रशासन को कई बार लिखित में भी दिया गया. लेकिन हर बार आश्वासन मिलता रहा और अभी तक जिला प्रशासन ने भुगतान नहीं किया है.

होटल संचालकों को भुगतान का इंतजार

पढ़ें. Rajasthan tourism : कोरोना की वजह से राजस्थान का पर्यटन उद्योग आया जीरो पर, अगले 2 साल डोमेस्टिक टूरिज्म पर सर्वाइव करना पड़ेगा-विश्वेंद्र सिंह

लक्ष्मण सिंह ने बताया कि वर्ष 2020 में 9 होटल 14 मैरिज होम एवं वर्ष 2021 में 3 होटलों को जिला प्रशासन ने क्वारंटाइन के लिए अधिग्रहित किया था. इन सभी होटल और मैरिज होम का करीब डेढ़ करोड़ से अधिक का भुगतान बना था. लेकिन कई बार पत्र लिखने के बावजूद जिला प्रशासन ने एक-दो के अलावा अधिकतर होटल व्यवसायियों का भुगतान नहीं किया है. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि जब बार बार पत्र लिखने पर भी भुगतान नहीं हुआ तो उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की.

पढ़ें. पर्यटन से जुड़ा है चित्तौड़गढ़ का होटल व्यवसाय, रियायत के बाद भी सन्नाटा

लाखों का नुकसानः लक्ष्मण सिंह ने बताया कि जिस समय जिला प्रशासन ने होटलों को क्वारंटाइन के लिए अधिग्रहित किया था, उस समय होटलों में संक्रमण से बचाव के लिए लगातार सैनिटाइजेशन और हाइपोक्लोराइड का छिड़काव किया जाता था. इससे होटल के फर्नीचर बेडशीट और अन्य कीमती सामान भी खराब हुए थे. जिसका नुकसान होटल मालिकों ने ही वहन किया.

होटल संचालक बोले दोहरी मारः होटल संचालक लक्ष्मण सिंह ने बताया कि 2 साल तक कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटन और होटल व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया था. होटल संचालक एक तरफ तो अपने व्यवसाय का घाटा उठा रहे थे और अब दूसरी तरफ जिला प्रशासन से क्वारंटाइन सेंटर का भी भुगतान नहीं हुआ है. ऐसे में होटल मालिकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

होटल मालिकों ने मसला उठाया ही नहींः इस संबंध में जब जिला कलेक्टर आलोक रंजन से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी तक उनसे बकाया के भुगतान के लिए कोई होटल मालिक आकर नहीं मिला. साथ ही न ही किसी ने कोई मसला उठाया. अब आपने यह मामला ध्यान में लाया है. मैं पता करवा लेता हूं कि आखिर किस वजह से भुगतान नहीं हुआ है.

भरतपुर. कोविड संक्रमण के समय होटल और मैरिज होम संचालकों ने प्रशासन का भरपूर साथ दिया. प्रशासन के हर आदेश पर तैयार रहे. लेकिन इस बात को दो साल गुजरने के बाद भी अब तक अधिकतर होटल और मैरिज होम का प्रशासन ने पूरा भुगतान नहीं किया है. होटल संचालकों के कई बार के प्रयास के बाद प्रशासन ने कुछ का तो भुगतान कर दिया. लेकिन अधिकतर होटल संचालकों को अभी भी भुगतान (bharatpur Hotel owners waiting for payment) का इंतजार है.

जिला प्रशासन ने वर्ष 2020 में 9 होटल व 14 मैरिज होम और वर्ष 2021 में 3 होटलों को क्वारंटाइन के लिए अधिग्रहित किए थे. होटल संचालकों की मानें तो जिला प्रशासन के पास अभी भी करीब एक करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान बकाया है. सनबर्ड होटल संचालक लक्ष्मण सिंह ने बताया कि उनका होटल कोरोना संक्रमण काल में वर्ष 2020 और वर्ष 2021 में दो बार क्वारंटाइन के लिए अधिग्रहित किया गया. होटल के भुगतान के लिए जिला प्रशासन को कई बार लिखित में भी दिया गया. लेकिन हर बार आश्वासन मिलता रहा और अभी तक जिला प्रशासन ने भुगतान नहीं किया है.

होटल संचालकों को भुगतान का इंतजार

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लक्ष्मण सिंह ने बताया कि वर्ष 2020 में 9 होटल 14 मैरिज होम एवं वर्ष 2021 में 3 होटलों को जिला प्रशासन ने क्वारंटाइन के लिए अधिग्रहित किया था. इन सभी होटल और मैरिज होम का करीब डेढ़ करोड़ से अधिक का भुगतान बना था. लेकिन कई बार पत्र लिखने के बावजूद जिला प्रशासन ने एक-दो के अलावा अधिकतर होटल व्यवसायियों का भुगतान नहीं किया है. लक्ष्मण सिंह ने बताया कि जब बार बार पत्र लिखने पर भी भुगतान नहीं हुआ तो उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की.

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लाखों का नुकसानः लक्ष्मण सिंह ने बताया कि जिस समय जिला प्रशासन ने होटलों को क्वारंटाइन के लिए अधिग्रहित किया था, उस समय होटलों में संक्रमण से बचाव के लिए लगातार सैनिटाइजेशन और हाइपोक्लोराइड का छिड़काव किया जाता था. इससे होटल के फर्नीचर बेडशीट और अन्य कीमती सामान भी खराब हुए थे. जिसका नुकसान होटल मालिकों ने ही वहन किया.

होटल संचालक बोले दोहरी मारः होटल संचालक लक्ष्मण सिंह ने बताया कि 2 साल तक कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटन और होटल व्यवसाय पूरी तरह से ठप पड़ गया था. होटल संचालक एक तरफ तो अपने व्यवसाय का घाटा उठा रहे थे और अब दूसरी तरफ जिला प्रशासन से क्वारंटाइन सेंटर का भी भुगतान नहीं हुआ है. ऐसे में होटल मालिकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.

होटल मालिकों ने मसला उठाया ही नहींः इस संबंध में जब जिला कलेक्टर आलोक रंजन से बात की तो उन्होंने बताया कि अभी तक उनसे बकाया के भुगतान के लिए कोई होटल मालिक आकर नहीं मिला. साथ ही न ही किसी ने कोई मसला उठाया. अब आपने यह मामला ध्यान में लाया है. मैं पता करवा लेता हूं कि आखिर किस वजह से भुगतान नहीं हुआ है.

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