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Flamingo in Ghana National Park : पांचना से पर्याप्त पानी मिला तो 6 साल बाद बड़ी संख्या में घना लौटे राजहंस, रास आई आबोहवा...डेढ़ माह से डाले हैं डेरा

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Published : May 31, 2022, 5:14 PM IST

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में इस बार बड़ी संख्या में फ्लेमिंगो पक्षी नजर आए (Flamingo in Ghana National Park) हैं. अमूमन बमुश्किल 1 सप्ताह तक ठहरने वाले फ्लेमिंगो इस बार डेढ़ माह से रूके हुए हैं. इसकी वजह है इन पक्षियों को पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक भोजन मिलना. पक्षी विशेषज्ञ का कहना है कि पिछले मानसून सीजन में कई साल बाद घना को करौली के पांचना बांध से अच्छी मात्रा में पानी मिला. इस पानी में भरपूर मात्रा में मछली और फीड घना के जलाशयों तक पहुंचा, जो फ्लेमिंगो का भोजन है.

Flamingo in Ghana National Park
पांचना से पर्याप्त पानी मिला तो 6 साल बाद बड़ी संख्या में घना लौटा राजहंस, रास आई आबोहवा...डेढ़ माह से डाले हैं डेरा

भरतपुर. पृथ्वी के सबसे खूबसूरत पक्षियों में से एक राजहंस (फ्लेमिंगो) को वर्षों बाद केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की आबोहवा रास आई है. बीते मानसूनी सीजन में घना को पांचना बांध से पर्याप्त मात्रा में पानी मिला, जिससे पक्षियों के लिए प्राकृतिक भोजन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो रहा है. यही वजह है कि सामान्य तौर पर घना में मुश्किल से 1 सप्ताह रुकने वाले राजहंस इस बार डेढ़ माह से यहां डेरा डाले हुए (Flamingo stayed in Ghana National park more than one month) हैं.

33 राजहंस पहुंचे: पक्षी विशेषज्ञ डीडी शर्मा ने बताया कि इस बार केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 33 राजहंस देखे गए (33 Flamingo seen in Ghana National Park) हैं. इस बार राजहंस ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 10 अप्रैल को आना शुरू कर दिया और 14 अप्रैल तक इनकी संख्या 33 तक पहुंच गई. शर्मा ने बताया कि सामान्य तौर पर अप्रैल में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में राजहंस 3 से 7 दिन के लिए ठहराव करते हैं. लेकिन इस बार ये 10 अप्रैल से यहां डेरा डाले हुए हैं, जो कि अच्छे संकेत हैं.

Flamingo in Ghana National Park
इस बार डेढ़ माह से घना में ठहरे हुए हैं फ्लेमिंगो...

पढ़ें: 'राजहंस' पर भी ग्लोबल वार्मिंग का असर... मार्च तक जाने वाली फ्लेमिंगो तपते जून में भी प्रवास पर

इसलिए डेढ़ माह से रुके हैं: शर्मा ने बताया कि पिछले मानसून सीजन में कई साल बाद घना को करौली के पांचना बांध से अच्छी मात्रा में पानी मिला. पांचना बांध के पानी में भरपूर मात्रा में मछली और फीड घना के जलाशयों तक पहुंचा. यही वजह है कि इस बार फ्लेमिंगो को भी यहां पर्याप्त भोजन मिल रहा है जिसकी वजह से वे डेढ़ माह से रुके हुए हैं. पक्षी प्रेमियों के लिए यह खुशखबरी है कि बीते 6 साल में इस बार सर्वाधिक संख्या में राजहंस घना पहुंचे हैं.

आंकड़ों में राजहंस
201610
201714
201806
201918
202020
20214 से 6 (अनुमानित)
202233

पढ़ें: SPECIAL : सांभर झील से जल्दी विदा हो रहे प्रवासी पक्षी...कम बारिश और मौसम में बदलाव है वजह

गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में राजहंस साल में दो बार (अप्रैल और अक्टूबर) में ठहराव करते हैं. सामान्य तौर पर राजहंस कच्छ के रण में प्रजनन और प्रवास के लिए आते-जाते समय यहां ठहरते हैं. घना में बीते कई वर्षों से पांचना का पानी नहीं आ रहा था. इसलिए पक्षियों को स्वच्छ पानी और भोजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध पूरी नहीं हो पा रहा था. साथ ही घना में गोवर्धन ड्रेन का प्रदूषित पानी पहुंचने की वजह से हैबिटाट भी घट रहा है. जिसका सीधा असर यहां ठहरने वाले पक्षियों की संख्या पर पड़ रहा है.

भरतपुर. पृथ्वी के सबसे खूबसूरत पक्षियों में से एक राजहंस (फ्लेमिंगो) को वर्षों बाद केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की आबोहवा रास आई है. बीते मानसूनी सीजन में घना को पांचना बांध से पर्याप्त मात्रा में पानी मिला, जिससे पक्षियों के लिए प्राकृतिक भोजन भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो रहा है. यही वजह है कि सामान्य तौर पर घना में मुश्किल से 1 सप्ताह रुकने वाले राजहंस इस बार डेढ़ माह से यहां डेरा डाले हुए (Flamingo stayed in Ghana National park more than one month) हैं.

33 राजहंस पहुंचे: पक्षी विशेषज्ञ डीडी शर्मा ने बताया कि इस बार केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 33 राजहंस देखे गए (33 Flamingo seen in Ghana National Park) हैं. इस बार राजहंस ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 10 अप्रैल को आना शुरू कर दिया और 14 अप्रैल तक इनकी संख्या 33 तक पहुंच गई. शर्मा ने बताया कि सामान्य तौर पर अप्रैल में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में राजहंस 3 से 7 दिन के लिए ठहराव करते हैं. लेकिन इस बार ये 10 अप्रैल से यहां डेरा डाले हुए हैं, जो कि अच्छे संकेत हैं.

Flamingo in Ghana National Park
इस बार डेढ़ माह से घना में ठहरे हुए हैं फ्लेमिंगो...

पढ़ें: 'राजहंस' पर भी ग्लोबल वार्मिंग का असर... मार्च तक जाने वाली फ्लेमिंगो तपते जून में भी प्रवास पर

इसलिए डेढ़ माह से रुके हैं: शर्मा ने बताया कि पिछले मानसून सीजन में कई साल बाद घना को करौली के पांचना बांध से अच्छी मात्रा में पानी मिला. पांचना बांध के पानी में भरपूर मात्रा में मछली और फीड घना के जलाशयों तक पहुंचा. यही वजह है कि इस बार फ्लेमिंगो को भी यहां पर्याप्त भोजन मिल रहा है जिसकी वजह से वे डेढ़ माह से रुके हुए हैं. पक्षी प्रेमियों के लिए यह खुशखबरी है कि बीते 6 साल में इस बार सर्वाधिक संख्या में राजहंस घना पहुंचे हैं.

आंकड़ों में राजहंस
201610
201714
201806
201918
202020
20214 से 6 (अनुमानित)
202233

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गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में राजहंस साल में दो बार (अप्रैल और अक्टूबर) में ठहराव करते हैं. सामान्य तौर पर राजहंस कच्छ के रण में प्रजनन और प्रवास के लिए आते-जाते समय यहां ठहरते हैं. घना में बीते कई वर्षों से पांचना का पानी नहीं आ रहा था. इसलिए पक्षियों को स्वच्छ पानी और भोजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध पूरी नहीं हो पा रहा था. साथ ही घना में गोवर्धन ड्रेन का प्रदूषित पानी पहुंचने की वजह से हैबिटाट भी घट रहा है. जिसका सीधा असर यहां ठहरने वाले पक्षियों की संख्या पर पड़ रहा है.

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