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जमीन मुआवजाः 14 साल पहले भूमि अवाप्त का किसानों को नहीं मिला मुआवज...कर रहे प्रदर्शन

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Published : Aug 20, 2019, 5:01 PM IST

भरतपुर यूआईटी के स्कीम सं. 13 बनाने के लिए 14 साल पहले किसानों से अवाप्त की गई भूमि का कई किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. जिसको लेकर किसानों ने नगर सुधार न्यास कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया है. वहीं, यूआईटी सचिव ने इसको लेकर किसानों को आश्वासन दिया है.

protest at UIT office bharatpur ,यूआईटी कार्यालय पर प्रदर्शन

भरतपुर. जिले में अवाप्त की गयी जमीन पर मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने मंगलवार को नगर सुधार न्यास कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. नारेबाजी करते हुए मुआवजा और अवाप्त भूमि में से 25 प्रतिशत भूमि देने की मांग की.

भरतपुर में किसानों का प्रदर्शन

बता दें, यूआईटी के स्कीम सं. 13 बनाने के लिए 14 साल पहले कई गाँव की हजारों बीघा भूमि अवाप्त की थी. इतना समय बीत जाने के बावजूद आज तक ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया है. और ना ही नियम के मुताविक उनको विकसित भूमि में से 25 प्रतिशत भूमि दिया गया है. जिसके लिए ग्रामीण कई वर्षों से मांग कर रहे है. इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजी है.

ये पढ़ें: भरतपुर : पार्षद पर दिखाई पुलिस ने सख्ती...बाल खींचकर मारे थप्पड़

ग्रामीणों का आरोप है की उनकी जमीन यूआईटी ने कई वर्षों पहले अवाप्त की थी मगर उनको आजतक मुआवजा नहीं दिया गया है. जिसके लिए ग्रामीण अबतक इंतजार कर रहे है. वहीं, अधिकारीयों और जनप्रतिनिधियों से शिकायत के बाद भी उनकी मांग को आज तक पूरा नहीं किया गया है. किसानों का आरोप है की, उनकी कृषि भूमि अवाप्त कर ली गयी है. जिससे किसानों के पास खेती के लिए जमीन नहीं है और ना ही उनको इसका मुआवजा दिया गया है. जिससे किसानों की आर्थिक हालत खराब है. उनके बच्चों की पढाई और उनकी शादी करने में किसानों के समस्या हो रहे है.

ये पढ़ें: हथियारबंद बदमाशों ने की भैंस और बाइक की चोरी...विरोध करने पर वृद्ध को मारी गोली

यूआईटी के सचिव दाताराम ने बताया की भूमि आवंटन कमिटी इस पर कार्रवाई कर रही है. जल्दी ही इसका निपटारा कर दिया जायेगा. किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया काफी समय से विचाराधीन है, जिस पर जल्दी विचार किया जायेगा. जिला कलेक्टर से बात कर इसमें कार्रवाई की जाएगी. जिससे किसानों को उनका मुआवजा दिया जाए.

भरतपुर. जिले में अवाप्त की गयी जमीन पर मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने मंगलवार को नगर सुधार न्यास कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. नारेबाजी करते हुए मुआवजा और अवाप्त भूमि में से 25 प्रतिशत भूमि देने की मांग की.

भरतपुर में किसानों का प्रदर्शन

बता दें, यूआईटी के स्कीम सं. 13 बनाने के लिए 14 साल पहले कई गाँव की हजारों बीघा भूमि अवाप्त की थी. इतना समय बीत जाने के बावजूद आज तक ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया है. और ना ही नियम के मुताविक उनको विकसित भूमि में से 25 प्रतिशत भूमि दिया गया है. जिसके लिए ग्रामीण कई वर्षों से मांग कर रहे है. इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजी है.

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ग्रामीणों का आरोप है की उनकी जमीन यूआईटी ने कई वर्षों पहले अवाप्त की थी मगर उनको आजतक मुआवजा नहीं दिया गया है. जिसके लिए ग्रामीण अबतक इंतजार कर रहे है. वहीं, अधिकारीयों और जनप्रतिनिधियों से शिकायत के बाद भी उनकी मांग को आज तक पूरा नहीं किया गया है. किसानों का आरोप है की, उनकी कृषि भूमि अवाप्त कर ली गयी है. जिससे किसानों के पास खेती के लिए जमीन नहीं है और ना ही उनको इसका मुआवजा दिया गया है. जिससे किसानों की आर्थिक हालत खराब है. उनके बच्चों की पढाई और उनकी शादी करने में किसानों के समस्या हो रहे है.

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यूआईटी के सचिव दाताराम ने बताया की भूमि आवंटन कमिटी इस पर कार्रवाई कर रही है. जल्दी ही इसका निपटारा कर दिया जायेगा. किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया काफी समय से विचाराधीन है, जिस पर जल्दी विचार किया जायेगा. जिला कलेक्टर से बात कर इसमें कार्रवाई की जाएगी. जिससे किसानों को उनका मुआवजा दिया जाए.

Intro:भरतपुर_20-08-2019 

Summery- यूआईटी द्वारा स्कीम 13 बनाने के लिए 14 वर्ष पूर्व कई गाँव की हजारों बीघा भूमिअवाप्त की थी मगर इतना समय बीत जाने के बाबजूद भी आज तक ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया है और ना ही नियम के मुताविक उनको विकसित भूमि में से 25 प्रतिशत भूमि दी गयी है जिसकी ग्रामीण कई वर्षों से मांग कर रहे है 

एंकर- भरतपुर में अवाप्त की गयी जमीन पर मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने नगर सुधार न्यास कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी करते हुए मुआवजा व् अवाप्त भूमि में से 25 प्रतिशत भूमि देने की मांग की | 
यूआईटी द्वारा स्कीम 13 बनाने के लिए 14 वर्ष पूर्व कई गाँव की हजारों बीघा भूमिअवाप्त की थी मगर इतना समय बीत जाने के बाबजूद भी आज तक ग्रामीणों को मुआवजा नहीं दिया गया है और ना ही नियम के मुताविक उनको विकसित भूमि में से 25 प्रतिशत भूमि दी गयी है जिसकी ग्रामीण कई वर्षों से मांग कर रहे है और उन्होंने इसके लिए कई बार मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजी है | 
ग्रामीणों का आरोप है की उनकी जमीन यूआईटी ने कई वर्षों पहले अवाप्त की थी मगर उनको मुआवजा नहीं दिया गया और इसके लिए ग्रामीण आज तक इन्तजार कर रहे है मगर अधिकारीयों व् जनप्रतिनिधियों से शिकायत के बाबजूद उनकी मांग को आज तक पूरा नहीं किया गया है | 
वहीँ किसानों का आरोप है की उनकी कृषि भूमि अवाप्त कर ली गयी जिससे किसानों के पास खेती नहीं है और ना ही उनको इसका मुआवजा दिया गया है जिससे किसानों की आर्थिक हालत ख़राब है और उनके बच्चों की पढाई व् उनकी शादी करने में किसान विफल हो रहे है | 
यूआईटी के सचिव दाताराम ने बताया की भूमि आवंटन कमिटी इस पर कार्यबाही कर रही है और जल्दी ही इसका निपटारा कर दिया जायेगा | किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया काफी समय से विचाराधीन थी जिस पर जल्दी विचार किया जायेगा और जिला कलेक्टर से बात कर इसमें कार्यबाही की जाएगी जिससे किसानों को उनका मुआवजा दिया जाए |
बाइट - सुरेश, किसान
बाइट- सोन देवी, ग्रामीण महिला
बाइट - दाताराम,सचिव,यूआईटी



Body:14 वर्ष बाद भी अवाप्त की गयी कृषि भूमि का मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने यूआईटी पर किया विरोध प्रदर्शन


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