भरतपुर. जिला आरबीएम अस्पताल प्रशासन में लापरवाही का आलम इस कदर व्याप्त है कि पहले तो मरीज का इलाज नहीं किया और जब उसकी मौत हो गई. तो उसके करीब 40 घंटे के बाद उसका कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजा गया. मृतक कानपुर का रहने वाला था और दो दिन से उसके परिजन उसका शव लेने के लिए इधर-उधर भटक रहा हैं, लेकिन अभी भी उन्हें करीब 1 दिन और इंतजार करना पड़ेगा.
दरअसल, 7 अप्रैल को जिला आरबीएम अस्पताल में एक बुजुर्ग का शव डॉक्टर की गाड़ी पर मिला था. जिसके बाद आरबीएम चौकी पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवाया. साथ ही आसपास के लोगों ने बताया कि मृतक ओमप्रकाश दो दिन से दवा का पर्चा लिए इधर-उधर भटक रहा था. 7 तारीख को वह एक गाड़ी पर गश खाकर गिर गया. जिसके बाद उसकी मौत हो गई.
जिसके बाद पुलिस ने इस घटना की सूचना मृतक के परिजनों को दी. सूचना मिलते ही परिजन भरतपुर पहुंचे, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने शव देने से इनकार कर दिया, ओमप्रकाश की मौत के करीब 40 घंटे बाद डॉक्टर्स ने उसका कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया और जयपुर भेजा. बता दें कि अभी तक उसकी जांच रिपोर्ट नहीं आई है. उधर, मृतक का बेटा अपने पिता के शव के लिए भटक रहा है.
परिजनों का कहना है कि 2 दिन से वह शव लेने के लिए भटक रहे हैं. वहीं डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक कोरोना रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक शव को परिजनों को सुपुर्द नहीं किया जाएगा. अगर डॉक्टर्स को जांच के लिए सैंपल भेजना था तो वे जब वो खत्म हुए, तब भी सैंपल भेज सकते थे.
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मृतक के बेटे ने बताया कि उसके पिता 18 मार्च से भरतपुर में रह रहे थे और लॉकडाउन की वजह से वह अपने घर नहीं जा सके. इसके अलावा उनकी तबीयत भी खराब थी. जिसकी वजह से वह 2 दिन से जिला आरबीएम अस्पताल में भटक रहे थे, लेकिन उनको सही इलाज नहीं मिला और उन्होंने दम तोड़ दिया.