भरतपुर. शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य और बीमारियों के उपचार की भारतीय पद्धति से ईको विलेज में इलाज किया जाएगा. यह विलेज 3 महीने में तैयार होने के दावे किए जा रहे हैं.
प्रोग्रेसिव यूनिवर्सल सोसायटी (प्रायुस) की ओर विकसित किए जा रहे ईको विलेज के कोषाध्यक्ष का दावा है कि इसमें बेहद कम कीमत पर इलाज किया जाएगा. संस्था का उद्देश्य लाभ कमाना नहीं बल्कि व्यवस्थाओं का सुचारू संचालन है. ईको विलेज में हवा को शुद्ध और लाभदायक बनाने के लिए कई किस्मों के औषधीय पौधे लगाए जाएंगे. साथ ही यहां ऐसी किसी भी वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा जो वातावरण के लिए हानिकारक हो. ईको विलेज में एक रेस्टोरेंट भी होगा जहां न केवल सात्विक भोजन मिलेगा बल्कि सात्विक भोजन बनाना भी सिखाया जाएगा.
सोसायटी कोषाध्यक्ष आचार्य शुद्ध चित्तानंद ने बताया कि ईको विलेज में मॉडर्न साइंस का इस्तेमाल करते हुए वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान उपलब्ध कराने की व्यवस्था विकसित की जा रही है. यहां भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित कर उसमें सात चक्र मूलाधार, स्वाधिष्ठान,मणिपुर, अनाहद, विशुद्ध, आज्ञा चक्र और सहस्रार चक्र दिखाया जाएगा. लोगों को कुंडलिनी जागरण, योग, मेडिटेशन आदि का भी अभ्यास कराया जाएगा.
सोसायटी सचिव साध्वी आनंद हितैषणा ने बताया कि अरोमा थैरेपी से भी उपचार किया जाएगा. जिससे डिप्रेशन, इस्क्रिजोफेनिया, अकेलेपन, तनाव का इलाज किया जाएगा. हर इलाज में वीजुअलाइजेशन का इस्तेमाल किया जाएगा.
लगाए जाएंगे 55 प्रकार के औषधीय पौधे
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ चंद्र प्रकाश दीक्षित ने बताया कि ईको विलेज में अशोक, अश्वगंधा, अर्जुन, सहजना, गिलोय, तुलसी आदि 55 प्रकार के औषधीय पौधों को चिह्नित किया है. इन सभी औषधीय पौधों को वास्तु के अनुसार लगाया जाएगा.