भरतपुर. कोरोना महामारी के चलते देशभर में हुए लॉकडाउन ने देश की जनता की कमर तोड़ कर रख दी है. सभी कारखाने और सरकारी कार्यालय बंद हो गए. लेकिन अब धीरे-धीरे सभी पटरी पर आने में लगे हुए है. करीब 2 महीने के बाद आरटीओ विभाग में फिर से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लेकिन आरटीओ विभाग के कर्मचारी महामारी को देखते हुए पूरे एहतियात बरत रहे हैं.
इसके लिए आरटीओ विभाग में जो भी व्यक्ति ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आ रहा है, सबसे पहले उन व्यक्तियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. इसके साथ ही उन्हें सैनिटाइज भी करवाया जा रहा है. इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का भी खासा ध्यान रखा जा रहा है.
परिवहन विभाग में कुछ शर्तों के साथ शुरू हुई लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया
- फोटो लेते समय सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जाए.
- आवेदकों को हैंड सैनिटाइजर करवाना और मास्क लगाना अनिवार्य है.
- पूरे कार्यालय में थर्मल स्कैनर की उपलब्धता के साथ लर्निंग लाइसेंस सहित अन्य शाखाओं में रोजाना सैनिटाइजेशन करवाना अनिवार्य है.
- लर्निंग लाइसेंस जारी करने से पहले लिए जाने वाले टेस्ट के दौरान कार्यालय का इंस्पेक्टर या सूचना सहायक ही टच स्क्रीन को आवेदक की ओर से बताए गए विकल्प के अनुसार टच करेगा. आवेदक को स्क्रीन छूने की अनुमति नहीं मिलेगी.
वहीं, जब इस बारे में परिवहन विभाग के निरीक्षण अधिकारी शिवराम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि करीब 2 महीने के लंबे समय के बाद परिवहन विभाग का कार्यालय खुला है. कार्यालय खुलने से पहले पूरे कार्यालय को सैनिटाइज करवाया गया है. इसके अलावा इतने दिनों बाद कार्यालय खुलने से अब ज्यादा आवेदकों की भीड़ देखी जा रही हैं.