भरतपुर. सीएमएचओ और डिप्टी सीएमएचओ में चल रहे विवाद के बाद दोनों अधिकारियों को APO कर दिया गया. लेकिन राज्य सरकार की इस कार्रवाई के बाद चिकित्सक CMHO कप्तान सिंह के समर्थन में उतर आए. सभी चिकित्सकों और चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों ने हाथ पर काली पट्टी बांध कर राज्य सरकार से कप्तान सिंह को बहाल करने की मांग की और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
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चिकित्सकों ने कहा कि गुरुवार देर शाम राज्य सरकार की तरफ से आदेश निकाला गया, जिसमें CMHO कप्तान सिंह को APO कर दिया गया. जबकि चिकित्सकों का कहना है कि बिना किसी जांच के किसी भी कर्मचारी को APO नहीं किया जा सकता. जबकि कोरोना में डॉ. कप्तान सिंह ने काफी सराहनीय काम किया है. राज्य सरकार के इस कदम से चिकित्सकों का मनोबल टूटा है. अब सभी चिकित्सकों की मांग है सरकार अपने आदेश को जल्द वापस ले नहीं तो चिकित्सक आंदोलन करने को मजबूर होंगे और सामूहिक कार्य बहिष्कार किया जाएगा.
डॉ. कप्तान सिंह को बहाल करने के लिए अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ, राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघ और राजस्थान राज्य LHV ANM एसोशिएशन ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी दिया. दरअसल डिप्टी सीएमएचओ मनीष चौधरी की पत्नी डॉ. ऋतु अहलावत ऋग्वेद हॉस्पिटल चलाती है, जिसको लेकर CMHO कप्तान सिंह ने 16 अक्टूबर को डॉ. ऋतु अहलावत द्वारा उनके कार्यालय में उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों एवं वेतन भुगतान के प्रमाणीकरण के संबंध में नोटिस जारी कर दिया था. जिसके बाद डॉ. ऋतु अहलावत के पति डिप्टी सीएमएचओ डॉ. मनीष चौधरी ने सोशल मीडिया पर सीएमएचओ के नोटिस को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे. जिसके बाद गुरुवार शाम को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ग्रुप-2 विभाग एवं पंचायतीराज (चिकित्सा) विभाग के शासन उप सचिव संजय कुमार ने सीएमएचओ और डिप्टी सीएमएचओ को एपीओ कर दिया.