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विदा होते मानसून की बारिश रबी की फसल के लिए मुफीद, किसानों का सिंचाई खर्च बचा

मानसून अब विदाई के दौर में है और इस दौरान हुई बारिश भरतपुर संभाग के किसानों के लिए काफी लाभदायक है. रबी की खेती (Departing monsoon rains good for Rabi crops) के लिए किसानों को अब अतिरिक्त खर्च कर खेतों की सिंचाई नहीं करानी पड़ेगी. एक हेक्टेयर खेत पर सिंचाई में उनका करीब 6 हजार रुपये तक खर्च हो जाता है.

संभाग में रबी की फसल की बुवाई
संभाग में रबी की फसल की बुवाई
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Published : Sep 29, 2022, 6:39 PM IST

भरतपुर. विदा होते मानसून ने भले ही संभाग के किसानों की बाजरे, ज्वार की फसल को नुकसान पहुंचाया हो लेकिन ये बारिश रबी फसलों के लिए रामबाण साबित होगी. अच्छी खासी बरसात से संभाग में रबी की फसल की बुवाई में (Departing monsoon rains good for Rabi crops) किसानों को काफी मदद मिलेगी. इस बारिश की बदौलत रबी की फसलों की पैदावार बढ़ने की पूरी संभावना है. वहीं कृषि अधिकारियों की मानें तो जाते हुए मानसून की बरसात ने संभाग के 5 जिलों के किसान (farmers of Bharatpur Division) के करीब 4 अरब रुपए से अधिक की बचत करा दी है.

नहीं करनी पड़ेगी सिंचाई
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर संभाग में रवि की फसल की बुवाई से पहले खेत में नमी बनाने के लिए किसान को एक बार सिंचाई करनी पड़ती है. तब जाकर रबी की फसलों के बीज की बुवाई हो पाती है, लेकिन इस बार जाते हुए मानसून की मेहरबानी के चलते संभाग के सभी पांचों जिलों में अच्छी बरसात हुई है. इसके चलते करीब डेढ़ सप्ताह बाद होने वाली रबी फसलों की बुवाई में आसानी रहेगी.

संभाग में रबी की फसल की बुवाई

पढ़ें. Special : मिलिए खेती के 'अर्जुन' से...अनार के बाद अब सहजन से कमा रहे लाखों रुपये महीना

संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि फसल बुवाई से पहले किसान को कई बार खेत में नमी बनाने के लिए सिंचाई करनी पड़ती है. ऐसे में एक हेक्टेयर खेत में सिंचाई पर डीजल, बिजली का करीब 2500 रुपए से 6000 रुपए तक का खर्च आता है. संभाग में 15 लाख हेक्टेयर भूमि में इस बार किसान को बुवाई से पहले सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे साफ है कि सिंचाई पर खर्च होने वाला करीब 4 से 9 अरब रुपए तक का खर्च बच गया.

पढ़ें. नींबू की फसल के तीन सीजन मृग, अंबे और हस्त बहार...वॉटर मैनेजमेंट से साल भर कर सकते हैं खेती

5 जिलों में 15 लाख हेक्टेयर में बुवाई
संयुक्त निदेशक ने बताया कि विभाग के पास संभाग के भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और अलवर जिलों में रबी की फसलों की 15 लाख हेक्टेयर भूमि में बुवाई होनी है. इनमें करीब 5 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में गेहूं, करीब 9 लाख हेक्टेयर में सरसों और करीब 1 लाख हेक्टेयर में अन्य फसलों की बुवाई होनी है

पढ़ें. Special : अलवर में सूखा पड़ने से किसानों को भारी नुकसान, ये फसलें हुईं बर्बाद

बढ़ेगी पैदावार
देशराज सिंह ने बताया कि 22, 23 और 24 सितंबर की बरसात की नमी खेतों में लंबे समय तक बरकरार रहेगी. रबी की फसलों का बीज अच्छा अंकुरित होगा औऱ फसलों की बढ़त अच्छी होने से पैदावार भी अच्छे रहने की संभावना होगी.

फैक्ट
किस जिले में कितने क्षेत्र में हो रही बुवाई

भरतपुर में 1.25 लाख हेक्टेयर में गेहूं व जौ, 2.50 लाख हेक्टेयर में सरसों

धौलपुर में 61 हजार हेक्टेयर में गेहूं व जौ, 72 हजार हेक्टेयर में सरसों

करौली में 79 हजार हेक्टेयर में गेहूं व जौ, 86 हजार हेक्टेयर में सरसों व तिलहन

सवाई माधोपुर में 86 हजार हेक्टेयर में गेंहू व जौ, 1.60 लाख हेक्टेयर में सरसों

अलवर में 1.67 लाख में गेंहू व जौ और 2.92 लाख हेक्टेयर में सरसों व तिलहन

भरतपुर. विदा होते मानसून ने भले ही संभाग के किसानों की बाजरे, ज्वार की फसल को नुकसान पहुंचाया हो लेकिन ये बारिश रबी फसलों के लिए रामबाण साबित होगी. अच्छी खासी बरसात से संभाग में रबी की फसल की बुवाई में (Departing monsoon rains good for Rabi crops) किसानों को काफी मदद मिलेगी. इस बारिश की बदौलत रबी की फसलों की पैदावार बढ़ने की पूरी संभावना है. वहीं कृषि अधिकारियों की मानें तो जाते हुए मानसून की बरसात ने संभाग के 5 जिलों के किसान (farmers of Bharatpur Division) के करीब 4 अरब रुपए से अधिक की बचत करा दी है.

नहीं करनी पड़ेगी सिंचाई
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर संभाग में रवि की फसल की बुवाई से पहले खेत में नमी बनाने के लिए किसान को एक बार सिंचाई करनी पड़ती है. तब जाकर रबी की फसलों के बीज की बुवाई हो पाती है, लेकिन इस बार जाते हुए मानसून की मेहरबानी के चलते संभाग के सभी पांचों जिलों में अच्छी बरसात हुई है. इसके चलते करीब डेढ़ सप्ताह बाद होने वाली रबी फसलों की बुवाई में आसानी रहेगी.

संभाग में रबी की फसल की बुवाई

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संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि फसल बुवाई से पहले किसान को कई बार खेत में नमी बनाने के लिए सिंचाई करनी पड़ती है. ऐसे में एक हेक्टेयर खेत में सिंचाई पर डीजल, बिजली का करीब 2500 रुपए से 6000 रुपए तक का खर्च आता है. संभाग में 15 लाख हेक्टेयर भूमि में इस बार किसान को बुवाई से पहले सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे साफ है कि सिंचाई पर खर्च होने वाला करीब 4 से 9 अरब रुपए तक का खर्च बच गया.

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5 जिलों में 15 लाख हेक्टेयर में बुवाई
संयुक्त निदेशक ने बताया कि विभाग के पास संभाग के भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और अलवर जिलों में रबी की फसलों की 15 लाख हेक्टेयर भूमि में बुवाई होनी है. इनमें करीब 5 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में गेहूं, करीब 9 लाख हेक्टेयर में सरसों और करीब 1 लाख हेक्टेयर में अन्य फसलों की बुवाई होनी है

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बढ़ेगी पैदावार
देशराज सिंह ने बताया कि 22, 23 और 24 सितंबर की बरसात की नमी खेतों में लंबे समय तक बरकरार रहेगी. रबी की फसलों का बीज अच्छा अंकुरित होगा औऱ फसलों की बढ़त अच्छी होने से पैदावार भी अच्छे रहने की संभावना होगी.

फैक्ट
किस जिले में कितने क्षेत्र में हो रही बुवाई

भरतपुर में 1.25 लाख हेक्टेयर में गेहूं व जौ, 2.50 लाख हेक्टेयर में सरसों

धौलपुर में 61 हजार हेक्टेयर में गेहूं व जौ, 72 हजार हेक्टेयर में सरसों

करौली में 79 हजार हेक्टेयर में गेहूं व जौ, 86 हजार हेक्टेयर में सरसों व तिलहन

सवाई माधोपुर में 86 हजार हेक्टेयर में गेंहू व जौ, 1.60 लाख हेक्टेयर में सरसों

अलवर में 1.67 लाख में गेंहू व जौ और 2.92 लाख हेक्टेयर में सरसों व तिलहन

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