भरतपुर. जिले में चिकित्सा विभाग और पुलिस प्रशासन की लापरवाही उस समय सामने आई. एक कोरोना पॉजिटिव कैदी अस्पताल के पॉजिटिव वार्ड से भाग खड़ा हुआ. अस्पताल में 21 पुलिसकर्मी तैनात हैं, लेकिन किसी भी पुलिसकर्मी को कैदी से भागने की भनक तक नहीं लगी. जैसे ही कैदी के भागने की खबर वार्ड के गेट पर खड़े पुलिसकर्मी को पता लगी, वैसे ही उसने अपने अपधिकारियों को घटना से सूचित किया.
इसके बाद शहर में नाकेबंदी भी करवाई गई, लेकिन कैदी का अभी तक कोई पता नहीं लगा. मिली जानकारी के मुताबिक देवराज नाम का कैदी 5 तारीख को अस्पताल के कोरोना पॉजिटिव वार्ड में भर्ती हुआ था. सेंट्रल जेल में भेजने से पहले कैदी की कोरोना जांच करवाई थी, जिसमें वह पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद उसे जिला आरबीएम अस्पताल के कोरोना पॉजिटिव वार्ड में भर्ती कर दिया गया, लेकिन दोपहर करीब 12 बजे वह वार्ड की खिड़की से निकलकर भाग खड़ा हुआ.
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कैदी के भागने की सूचना पर पूरे शहर में नाकेबंदी करवाई गई, लेकिन फिलहाल उसका कोई भी सुराग पता नहीं लग पाया है. कैदी ने एक माह पहले नदवई तहसील में एक पेट्रोल पंप पर लूट की थी, जिसके बाद उसको कुछ दिनों पहले नदवई पुलिस ने गिरफ्तार किया था. सेवर जेल में शिफ्ट करने से पहले उसकी कोरोना जांच करवाई गई थी, लेकिन पॉजिटिव आने के कारण उसे भर्ती किया गया था.
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वहीं पुलिस का कहना है कि कैदी को 5 तारीख को जिला आरबीएम अस्पताल के कोरोना पॉजिटिव वार्ड में भर्ती किया गया था, लेकिन शुक्रवार को वह टूटी हुई खिड़की से निकलकर भाग गया. इसके बाद नाकेबंदी भी करवाई गई है, लेकिन फिलहाल कैदी का कोई पता नहीं है. बता दें कि वार्ड की ज्यादातर खिड़कियां टूटी हुई हैं. इसके अलावा जिला आरबीएम अस्पताल में कैदी और आम आदमी को भी साथ ही रखा जा रहा है.