भरतपुर. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की मार देश के हर क्षेत्र और वर्ग पर पड़ी है. लॉकडाउन के प्रभाव से जिले के मासूम भी अछूते नहीं रहे हैं. यही वजह है कि जिले में बच्चों को पोलियो बीमारी से बचाने के लिए अप्रैल माह में भरतपुर में पल्स पोलियो अभियान आयोजित होना था, लेकिन यह अभियान लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया. जिससे बच्चों को 'दो बूंद जिंदगी की' नहीं मिल पाई. साथ ही बच्चों के अन्य टीकाकरण भी प्रभावित हुए हैं.
आरसीएचओ डॉ. अमर सिंह ने बताया कि जिले में जनवरी के बाद अप्रैल में पल्स पोलियो अभियान आयोजित होना था. इसके तहत जिले के 3 लाख 80 हजार बच्चों (0 से 5 साल तक) को पोलियो की खुराक पिलानी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते यह अभियान आयोजित नहीं हो सका. विभाग के सभी चिकित्साकर्मी, नर्सिंग स्टाफ और आशा सहयोगिनी कोरोना संक्रमण रोकथाम और उसके सर्वे कार्य में लगे हुए थे. अब विभाग सितंबर में पोलियो अभियान के तहत बच्चों को खुराक पिलाएगा.
90 कंटेनमेंट जोन में नहीं होगा टीकाकरण...
डॉ. अमर सिंह ने बताया कि जिले में 2 जुलाई को मातृ शिशु स्वास्थ्य और पोषण (MCHN) के लिए टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित होगा, लेकिन जिले में 90 कंटेनमेंट जोन हैं, जिनमें बच्चों का टीकाकरण नहीं होगा. हालांकि, यदि कोई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचेगा तो उसका टीकाकरण जरूर किया जाएगा.
टीकाकरण के 59 प्रतिशत सत्र आयोजित....
डॉ. सिंह ने बताया कि जिले में मातृ शिशु स्वास्थ्य और पोषण (MCHN) के तहत होने वाला टीकाकरण भी प्रभावित हुआ. इस बार 450 सत्र आयोजित होने थे, लेकिन जिले की 213 एएनएम 90 कंटेनमेंट जोन में कोरोना सर्वे कार्य में लगी हुई हैं. ऐसे में जिले में गुरुवार को 450 के बजाय सिर्फ 264 सत्र (59%) ही आयोजित हो सके.
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बच्चों में टीकाकरण...
- एक वर्ष तक के बच्चों को : पोलियो, रोटा, बीसीजी, आईपीवी, पेंटा, पीसीवी, एमआर 1, विटामिन ए का टीका
- डेढ़ वर्ष तक के बच्चों को : डीपीटी बूस्टर और पोलियो बूस्टर का टीका
- 5 से 7 साल तक बच्चों को : डीपीटी 2 बूस्टर का टीका
गौरतलब है कि जिले में अब तक कुल 1,637 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं. जिनमें से 37 की मौत हो चुकी है. ऐसे में जिले में टीकाकरण अभियान के साथ ही स्कूल, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय का शिक्षा सत्र भी बाधित हुआ है.