ETV Bharat / city

नहीं रहे इरफान: मित्र IPS हैदर अली जैदी ने सुनाई संघर्ष की कहानी, 'कई दिनों तक भूखे रहकर करते थे, लोकल ट्रेन में सफर'

अभिनेता इरफान खान का बुधवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. उनके बचपन के मित्र और भरतपुर के एसपी हैदर अली जैदी ने कहा कि इरफान इस दुनिया को छोड़कर चले गए हैं, यह सूचना सहने लायक नहीं है, क्योंकि एक सच्चा मित्र आज साथ छोड़कर चला गया.

इरफान खान के निधन पर हैदर अली ने जताया दुख, Hyder Ali expressed grief over the death of Irfan Khan
इरफान खान के निधन पर हैदर अली ने जताया दुख
author img

By

Published : Apr 29, 2020, 2:33 PM IST

भरतपुर. अनेकों फिल्मों में अपनी बेहतर भूमिका अदा कर लोगों के दिलों पर राज करने वाले अभिनेता इरफान खान ने बुधवार को मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली. अभिनेता के बचपन के मित्र और भरतपुर एसपी हैदर अली जैदी इरफान के इंतकाल पर काफी दुखी हैं. उन्होंने कहा की एक संघर्ष के बाद अपना मुकाम पाने वाले इरफान ने हमेशा जमीन से जुड़कर सभी का साथ दिया और वो बेहतर इंसान रहे.

इरफान खान के निधन पर हैदर अली ने जताया दुख

हैदर अली जैदी ने कहा कि आज वह नहीं रहे लेकिन ऐसा लगता है मानों इरफान का अभी फोन आएगा और हम फिर से साथ साथ खेलेंगे और बचपन की याद ताजा करेंगे. काफी समय पहले भी बीमार हुए इरफान खान से मिलने के लिए उनके मित्र हैदर अली जैदी इंग्लैंड गए थे और काफी समय तक साथ रहे. लेकिन बुधवार को जब सूचना मिली की इरफान इस दुनिया को छोड़कर चले गए हैं, यह सूचना सहने लायक नहीं है, क्योंकि एक सच्चा मित्र आज साथ छोड़कर चला गया.

'शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते दुख'

एसपी जैदी ने कहा कि इरफान के निधन की सूचना मिली तो दुख हुआ, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है. कोरोना संकट के दौरान इरफान से मिलने मुंबई नहीं जा सका और ना ही देख सका. लेकिन उनके परिजनों और भाइयों से लगातार संपर्क रहा और इरफान की तबीयत के बारे में पूछता रहा था.

ये भी पढ़ें- बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता इरफान खान का निधन

उन्होंने कहा कि इस समय हम ईश्वर,अल्लाह और सर्वोच्च शक्ति से दुआ करते है कि इरफान के परिजनों को संकट की इस घड़ी से निकालने की हिम्मत दे. वह बेहद ही अच्छे इंसान थे, जब इंसान आपस में इतना नजदीक होता है, तब उसके बारे में दूर रहकर अपने बयान व्यक्त नहीं कर सकते है.

'स्कूल और कॉलेज में साथ पढ़े'

एसपी जैदी ने कहा कि स्कूल, कॉलेज में हम साथ रहे और वह मेरे पड़ोसी भी रहे हैं. इरफान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में चले गए, जहां उन्होंने काफी संघर्ष किया. संघर्ष के दिनों में भी हम दोनों लगातार मिलते रहे. बाद में वह सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे और एक मुकाम हासिल किया. फिल्मों में आने के बाद उनको बेस्ट एक्टर का खिताब मिला. उन्होंने अनेकों फिल्मों में काम किया, लेकिन इतनी सफलता के बाद भी उनमे जरा भी परिवर्तन देखने को नहीं मिला. जैदी का कहना है की जब-जब हम दोनों कभी मिलते थे, तो पुरानी यादों को याद करते थे और स्कूल, कॉलेज के अपने अन्य मित्रों के बारे में जानकारी लेते थे.

ये भी पढ़ें- इरफान खान कोलन इंफेक्शन की वजह से हुए अस्पताल में भर्ती

हैदर अली जैदी ने बताया कि इरफान खान और मैं बचपन से ही साथ रहे, स्कूल, कॉलेज में साथ पढ़े और खेले. लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं रहे, जो हम सभी के लिए दुख का विषय है. उन्होंने बताया कि जयपुर से उन्होंने अर्थशास्त्र से एमए किया और इरफान खान ने उर्दू से एमए किया था.

इरफान ने बचाई थी जैदी की जान

एसपी जैदी ने बताया कि एक बार हम कॉलेज में थे, तब रास्ते में मुझे करंट ने पकड़ लिया था. इस दौरान अन्य दोस्त भाग गए थे, लेकिन इरफान ने मुझे करंट से छुड़ाकर मेरी जान बचाई थी. संघर्ष के दिनों में इरफान लोकल ट्रेन में सफर करता था और भूखा रहता था. इरफान की मां की भी चार दिन पहले मौत हुई है और उनकी मां चाहती थी की इरफान फिल्म छोड़कर जयपुर आ जाएं और टीचर बन जाए. जिससे हम सभी के साथ वह यहां पुश्तैनी घर जयपुर में ही रहे.

भरतपुर. अनेकों फिल्मों में अपनी बेहतर भूमिका अदा कर लोगों के दिलों पर राज करने वाले अभिनेता इरफान खान ने बुधवार को मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली. अभिनेता के बचपन के मित्र और भरतपुर एसपी हैदर अली जैदी इरफान के इंतकाल पर काफी दुखी हैं. उन्होंने कहा की एक संघर्ष के बाद अपना मुकाम पाने वाले इरफान ने हमेशा जमीन से जुड़कर सभी का साथ दिया और वो बेहतर इंसान रहे.

इरफान खान के निधन पर हैदर अली ने जताया दुख

हैदर अली जैदी ने कहा कि आज वह नहीं रहे लेकिन ऐसा लगता है मानों इरफान का अभी फोन आएगा और हम फिर से साथ साथ खेलेंगे और बचपन की याद ताजा करेंगे. काफी समय पहले भी बीमार हुए इरफान खान से मिलने के लिए उनके मित्र हैदर अली जैदी इंग्लैंड गए थे और काफी समय तक साथ रहे. लेकिन बुधवार को जब सूचना मिली की इरफान इस दुनिया को छोड़कर चले गए हैं, यह सूचना सहने लायक नहीं है, क्योंकि एक सच्चा मित्र आज साथ छोड़कर चला गया.

'शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते दुख'

एसपी जैदी ने कहा कि इरफान के निधन की सूचना मिली तो दुख हुआ, जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है. कोरोना संकट के दौरान इरफान से मिलने मुंबई नहीं जा सका और ना ही देख सका. लेकिन उनके परिजनों और भाइयों से लगातार संपर्क रहा और इरफान की तबीयत के बारे में पूछता रहा था.

ये भी पढ़ें- बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता इरफान खान का निधन

उन्होंने कहा कि इस समय हम ईश्वर,अल्लाह और सर्वोच्च शक्ति से दुआ करते है कि इरफान के परिजनों को संकट की इस घड़ी से निकालने की हिम्मत दे. वह बेहद ही अच्छे इंसान थे, जब इंसान आपस में इतना नजदीक होता है, तब उसके बारे में दूर रहकर अपने बयान व्यक्त नहीं कर सकते है.

'स्कूल और कॉलेज में साथ पढ़े'

एसपी जैदी ने कहा कि स्कूल, कॉलेज में हम साथ रहे और वह मेरे पड़ोसी भी रहे हैं. इरफान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में चले गए, जहां उन्होंने काफी संघर्ष किया. संघर्ष के दिनों में भी हम दोनों लगातार मिलते रहे. बाद में वह सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे और एक मुकाम हासिल किया. फिल्मों में आने के बाद उनको बेस्ट एक्टर का खिताब मिला. उन्होंने अनेकों फिल्मों में काम किया, लेकिन इतनी सफलता के बाद भी उनमे जरा भी परिवर्तन देखने को नहीं मिला. जैदी का कहना है की जब-जब हम दोनों कभी मिलते थे, तो पुरानी यादों को याद करते थे और स्कूल, कॉलेज के अपने अन्य मित्रों के बारे में जानकारी लेते थे.

ये भी पढ़ें- इरफान खान कोलन इंफेक्शन की वजह से हुए अस्पताल में भर्ती

हैदर अली जैदी ने बताया कि इरफान खान और मैं बचपन से ही साथ रहे, स्कूल, कॉलेज में साथ पढ़े और खेले. लेकिन अब वह इस दुनिया में नहीं रहे, जो हम सभी के लिए दुख का विषय है. उन्होंने बताया कि जयपुर से उन्होंने अर्थशास्त्र से एमए किया और इरफान खान ने उर्दू से एमए किया था.

इरफान ने बचाई थी जैदी की जान

एसपी जैदी ने बताया कि एक बार हम कॉलेज में थे, तब रास्ते में मुझे करंट ने पकड़ लिया था. इस दौरान अन्य दोस्त भाग गए थे, लेकिन इरफान ने मुझे करंट से छुड़ाकर मेरी जान बचाई थी. संघर्ष के दिनों में इरफान लोकल ट्रेन में सफर करता था और भूखा रहता था. इरफान की मां की भी चार दिन पहले मौत हुई है और उनकी मां चाहती थी की इरफान फिल्म छोड़कर जयपुर आ जाएं और टीचर बन जाए. जिससे हम सभी के साथ वह यहां पुश्तैनी घर जयपुर में ही रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.