भरतपुर. जिले में पुलिस की तरफ से चरित्र प्रमाण पत्र के सत्यापन की प्रक्रिया ऑनलाइन करने के बाद सुविधा अब दुविधा बन गई है. चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब लोगों को थाने के चक्कर काटने पड़ रहे है और वो भी इसलिए क्योंकि चरित्र प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए वह आवेदन ई-मित्र से जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय भेजा जाता है, लेकिन काम का भार ज्यादा होने के कारण और अकसर सर्वर डाउन होने के कारण वह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है और लोगों को परेशान होना पड़ रहा है.
वहीं, लोगों को अकसर चरित्र प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ जाती है और पहले चरित्र प्रमाण पत्र थाने से बनाये जाते थे. थाने से चरित्र प्रमाण पत्र बनवाने वाले व्यक्ति के आपराधिक रिकॉर्ड देख कर तुरंत चरित्र प्रमाण पत्र बना दिया जाता था. साथ ही इसका कोइ खर्च भी नहीं आता था. लेकिन जब से ये प्रक्रिया ऑनलाइन की गई है तब से चरित्र प्रमाण पत्र के लिए लोगों को थाने, कोर्ट, कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे है. इसके अलावा लोगों के पैसे भी खर्च हो रहे है, लेकिन उसके वावजूद भी उनके चरित्र प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं.
पढ़ें- भरतपुर : पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बैठक आयोजित, बढ़ते साइबर क्राइम पर जाहिर की चिंता
बता दें कि लेखक अभिभाषक संघ के अध्यक्ष कान्तिस्वरूप ने बताया कि युवक नौकरी के लिए सेलेक्ट हो जाते है और उसके कागजात पूरे करने के लिए उनको चरित्र प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है, लेकिन पुलिस विभाग की लापरवाही के चलते उनका प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा. जिसकी वजह से उनको पैसे भी खर्च करने पड़ते है. पुलिस के लापरवाह रवैये के कारण उनके प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे.