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कैंसर से जंग जीतकर मौत के मुंह से वापस आए, अब जी रहे स्वस्थ जीवन

कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जो जानलेवा है. इस जानलेवा बीमारी के न जाने कितने शिकार हो रहे हैं. इसका कहर भरतपुर में देखने को मिल रहा है. यहां ज्यादा से ज्यादा मरीज कैंसर के ही देखने को मिल रहे हैं. लेकिन इन सभी कैंसर रोगियों के लिए मथुरा का अस्पताल वरदान साबित हो रहा है.

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भरतपुर में बढ़ रहे कैंसर के मरीज
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Published : Feb 14, 2020, 12:03 AM IST

भरतपुर. जिले के उच्चैन कस्बा निवासी श्याम मित्तल को अचानक से शरीर में कपकपी छूटी और पूरा शरीर सुन्न पड़ गया. एक बार तो लगा कि मानव शरीर में जान ही नहीं बची है और उसके बाद होश नहीं रहा. परिजनों ने जब जांच कराईस, तो पता चला कि श्याम को मस्तिष्क कैंसर है. लेकिन अब बेहतर उपचार के चलते श्याम मित्तल कैंसर को मात देकर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहा है.

भरतपुर में बढ़ रहे कैंसर के मरीज

यह सिर्फ श्याम मित्तल की कहानी नहीं, बल्कि भरतपुर जिले से आए दिन कितने ही कैंसर मरीज पड़ोस के उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. अस्पताल के विशेषज्ञों की माने तो मथुरा के इस निजी अस्पताल में 100 में से 18 कैंसर मरीज भरतपुर जिले के पहुंच रहे हैं, जो कि चौंकाने वाली बात है.

यह भी पढ़ें- कांग्रेस शासित सभी प्रदेशों में CAA को वापस लेने की होगी अपील: अविनाश पांडे

मरीज की जुबानी, कैंसर से जीत की कहानी...

जिले के उच्चैन कस्बा निवासी श्याम मित्तल एक व्यवसाई है. उनकी दिनचर्या और खानपान काफी शुद्ध और व्यवस्थित होने के बावजूद वो मस्तिष्क कैंसर की चपेट में आ गए. श्याम मित्तल ने बताया कि करीब 3 साल पहले एक दिन अचानक से उनके शरीर में कपकपी छूटने लगे और पूरा शरीर बेजान से हो कर निढ़ाल हो गए. परिजनों ने तुरंत पहले भरतपुर और उसके बाद मथुरा के निजी कैंसर सेंटर में भर्ती कराकर उपचार कराया. जांच में पता चला कि, उन्हें ब्रेन ट्यूमर है. ऐसे में जयपुर के एक अस्पताल में ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन कराया. उसके बाद हुई जांच में पता चला कि उन्हें मस्तिष्क कैंसर है. इसके बाद उन्होंने मथुरा स्थित निजी कैंसर सेंटर में कैंसर का नियमित उपचार लिया और 2 महीने के उपचार के बाद वह अब स्वस्थ जीवन बिता रहे हैं.

निभाया बेटा का फर्ज, उपचार के बाद मां स्वस्थ...

भरतपुर के सूर्य सिटी निवासी डॉक्टर चित्रेश कुमार निर्मल की मां धनपति निर्मल को स्तन कैंसर हो गया. पता चलते ही उन्होंने जयपुर में मां का ऑपरेशन कराया और उसके बाद मथुरा स्थित है. अस्पताल में नियमित रूप से कीमोथेरेपी और अन्य उपचार लिया. अभी भी डॉक्टर चित्रेश की मां का उपचार जारी है, लेकिन अब वह कैंसर के खतरे से बाहर हैं.

यह भी पढ़ें- केंद्र सरकार राजस्थान के साथ सौतेला व्यवहार कर रही : विश्वेन्द्र सिंह

मथुरा पहुंच रहे कैंसर मरीजों में से 18 % भरतपुर के...

नयति कैंसर सेंटर के चेयरमैन डॉ. शांतनु चौधरी ने बताया कि, उनके यहां हर माहिने पहुंच रहे कैंसर के मरीजों में से 18% मरीज अकेले भरतपुर से पहुंच रहे हैं. इनमें से सर्वाधिक मरीज मुंह, आहार नाल और स्तन कैंसर के हैं. डॉ. चौधरी ने बताया कि गुटखा और खैनी ज्यादा खाने की वजह से भरतपुर के लोगों में मुंह के कैंसर का ज्यादा खतरा है.

ये लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं...

मुंह में छाले, शरीर में कहीं भी गांठ होने पर, आवाज में परिवर्तन, निगलने में दिक्कत, मल-मूत्र में खून आना

भरतपुर. जिले के उच्चैन कस्बा निवासी श्याम मित्तल को अचानक से शरीर में कपकपी छूटी और पूरा शरीर सुन्न पड़ गया. एक बार तो लगा कि मानव शरीर में जान ही नहीं बची है और उसके बाद होश नहीं रहा. परिजनों ने जब जांच कराईस, तो पता चला कि श्याम को मस्तिष्क कैंसर है. लेकिन अब बेहतर उपचार के चलते श्याम मित्तल कैंसर को मात देकर स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहा है.

भरतपुर में बढ़ रहे कैंसर के मरीज

यह सिर्फ श्याम मित्तल की कहानी नहीं, बल्कि भरतपुर जिले से आए दिन कितने ही कैंसर मरीज पड़ोस के उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. अस्पताल के विशेषज्ञों की माने तो मथुरा के इस निजी अस्पताल में 100 में से 18 कैंसर मरीज भरतपुर जिले के पहुंच रहे हैं, जो कि चौंकाने वाली बात है.

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मरीज की जुबानी, कैंसर से जीत की कहानी...

जिले के उच्चैन कस्बा निवासी श्याम मित्तल एक व्यवसाई है. उनकी दिनचर्या और खानपान काफी शुद्ध और व्यवस्थित होने के बावजूद वो मस्तिष्क कैंसर की चपेट में आ गए. श्याम मित्तल ने बताया कि करीब 3 साल पहले एक दिन अचानक से उनके शरीर में कपकपी छूटने लगे और पूरा शरीर बेजान से हो कर निढ़ाल हो गए. परिजनों ने तुरंत पहले भरतपुर और उसके बाद मथुरा के निजी कैंसर सेंटर में भर्ती कराकर उपचार कराया. जांच में पता चला कि, उन्हें ब्रेन ट्यूमर है. ऐसे में जयपुर के एक अस्पताल में ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन कराया. उसके बाद हुई जांच में पता चला कि उन्हें मस्तिष्क कैंसर है. इसके बाद उन्होंने मथुरा स्थित निजी कैंसर सेंटर में कैंसर का नियमित उपचार लिया और 2 महीने के उपचार के बाद वह अब स्वस्थ जीवन बिता रहे हैं.

निभाया बेटा का फर्ज, उपचार के बाद मां स्वस्थ...

भरतपुर के सूर्य सिटी निवासी डॉक्टर चित्रेश कुमार निर्मल की मां धनपति निर्मल को स्तन कैंसर हो गया. पता चलते ही उन्होंने जयपुर में मां का ऑपरेशन कराया और उसके बाद मथुरा स्थित है. अस्पताल में नियमित रूप से कीमोथेरेपी और अन्य उपचार लिया. अभी भी डॉक्टर चित्रेश की मां का उपचार जारी है, लेकिन अब वह कैंसर के खतरे से बाहर हैं.

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मथुरा पहुंच रहे कैंसर मरीजों में से 18 % भरतपुर के...

नयति कैंसर सेंटर के चेयरमैन डॉ. शांतनु चौधरी ने बताया कि, उनके यहां हर माहिने पहुंच रहे कैंसर के मरीजों में से 18% मरीज अकेले भरतपुर से पहुंच रहे हैं. इनमें से सर्वाधिक मरीज मुंह, आहार नाल और स्तन कैंसर के हैं. डॉ. चौधरी ने बताया कि गुटखा और खैनी ज्यादा खाने की वजह से भरतपुर के लोगों में मुंह के कैंसर का ज्यादा खतरा है.

ये लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं...

मुंह में छाले, शरीर में कहीं भी गांठ होने पर, आवाज में परिवर्तन, निगलने में दिक्कत, मल-मूत्र में खून आना

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