अलवर. लॉकडाउन के दौरान आम लोग परेशान हैं. वहीं पूरे देश में काम धंधा ठप हो गया है. साथ ही आवागमन भी बंद है. ऐसे में आमजनों ने अपने परिजनों का अंतिम संस्कार तो कर दिया पर लॉकडाउन के कारण अस्थियां नहीं ले जा पा रहे हैं. ऐसे में जिले के शमशान घाटों पर अस्थियां भी मोक्ष का इंतजार कर रही हैं.
लॉकडाउन के चलते पूरा देश रुक गया है. ट्रेन और बस सहित सभी सार्वजनिक जगह बंद हैं. उद्योग कारखाने बंद होने से गरीबों के सामने दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है. वहीं लोग कोरोना के संक्रमण से बचने के कारण घर में बंद हैं. इन सबके बीच अलवर के श्मशान घाटों में मृतकों की अस्थियां भी अपने लोगों का इंतजार कर रही हैं. लॉकडाउन से पहले इनका अंतिस संस्कार तो हो गया लेकिन अस्थि विसर्जन नहीं हो पाया. लोग घरों में बंद हैं, ऐसे में श्मशान घाट में अस्थियां रखी हुई है.
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अलवर शहर की बात करें तो अलवर शहर में पांच बड़े श्मशान घाट हैं. एक श्मशान घाट में प्रतिदिन 4 से 5 अंतिम संस्कार प्रक्रिया होती है. ऐसे में प्रत्येक श्मशान घाट में 15 से 20 लोगों की अस्थियां रखी हुई है. प्रशासन की तरफ से पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है. ऐसे में अंतिम संस्कार के बाद होने वाली प्रक्रिया रुक गई है. इस तरह के हालात अकेले अलवर शहर में नहीं पूरे जिले में पूरे प्रदेश प्रदेश के बने हुए हैं.
सभी जगहों पर शमशान घाटों की बैठकों में अस्थियां रखी हुई हैं. ऐसे में लॉकडाउन के दौरान आमजन के साथ ही अस्थियां भी लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रही हैं.