भरतपुर: भरतपुर के सैनिक राकेश फौजदार का पार्थिव शरीर (Bharatpur soldier died) आज सुबह उनके पैतृक निवास पहुंचा. गांव के सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. शहीद को अंतिम बिदाई देने मंत्री डॉ सुभाष गर्ग समेत कई गणमान्य लोग मौके पर पहुंचे. 25 अगस्त (बुधवार) को श्रीनगर के हाई एल्टीट्यूड एरिया काजीकुंड में आतंकियों के सर्च ऑपरेशन के दौरान सांस रुकने से वो शहीद हुए थे.
भरतपुर के सैनिक की श्रीनगर में हार्ट अटैक से मौत, कल गांव पहुंचेगा पार्थिव शरीर
सैनिक राकेश जम्मू कश्मीर के श्रीनगर की 9आरआर में तैनात (Deployed in Srinagar) थे. वो भरतपुर के हथैनी के रहने वाले थे. उनकी अचानक मौत से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है. आज जब उनके पार्थिव शरीर को सैनिक सम्मान के साथ गांव लाया गया तो आसपास के कई गांवों के सैकड़ों की तादाद में लोग इकट्ठा हुए. पूरा गांव ' जब तक सूरज चांद रहेगा, राकेश तेरा नाम रहेगा' के नारों से गूंज उठा.
अधिकारियों ने दी शहादत की खबर
25 अगस्त को छोटे भाई मुकेश के पास सैन्य अधिकारियों का कॉल आया, जिन्होंने बताया कि सैनिक राकेश की तबीयत खराब है और उसे अस्पताल ले जा रहे हैं. बाद में सैनिक राकेश कुमार की शहादत की सूचना परिजनों को मिली. शहीद के परिवार में उनकी पत्नी, 2 बेटे तस्यम (17), बौद्धिक (13) और एक बेटी भारती (15)है.
सैनिक का शव गुरुवार शाम श्रीनगर से हवाई मार्ग के माध्यम से दिल्ली पहुंचा था. दिल्ली से सड़क मार्ग से उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह हथैनी पहुंचा.
सैनिक राकेश को मिला शहीद का दर्जा
जिला सैनिक कल्याण बोर्ड अधिकारी केवीएस ठैनुआ ने बताया कि सैनिक राकेश कुमार फौजदार ऊंची पहाड़ियां पर पेट्रोलिंग के दौरान बीमार हुए थे. जिसके बाद हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. क्योंकि सैनिक राकेश कुमार फौजदार की पेट्रोलिंग के दौरान तबीयत बिगड़ने से मौत हुई इसलिए उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया है. कर्नल केवीएस ठैनुआ ने बताया कि इस संबंध में शहीद राकेश कुमार फौजदार के कमांडिंग ऑफिसर से बात हो गई है. जल्द ही बीसी सर्टिफिकेट प्राप्त हो जायेगा.