भरतपुर: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) के साथ ही भरतपुर (Bharatpur) में ऐसा बहुत कुछ है जो समृद्ध विरासत की कहानी कहता है. नक्काशीदार महल, किला, राजकीय संग्रहालय से लेकर मंदिर तक ऐसे कई दर्शनीय स्थल हैं जो विकास की बाट तक रहे हैं. व्यवसायी मानते हैं कि थोड़ी सी तवज्जो सूरत बदल कर रख सकती है.जाने-माने पर्यावरणविद् और पर्यटन व्यवसायी राज सिंह ने ईटीवी भारत (ETV Bharat) को बताया कि जिले में कौन-कौन से नए पर्यटन स्थलों तक आसान पहुंच बनाकर पर्यटकों को ज्यादा समय के लिए रोका जा सकता है.
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इन पर्यटन स्थलों तक बने आसान पहुंच
इन पर्यटनस्थलों तक बने आसान पहुंच केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keola Dev Rashtriya Udyan) के अलावा भरतपुर (Bharatpur) जिले में आने वाले पर्यटकों को लोहागढ़ किला, राजकीय संग्रहालय, गंगामन्दिर, लक्ष्मण मंदिर, बिहारीजी मंदिर से जोड़ना चाहिए. साथ ही डीग के जलमहल, कामां का विमल कुंड और अन्य मंदिर, बयाना का किला, बंध बारैठा वाइल्डलाइफ सेंचुरी आदि स्थलों तक पर्यटकों की पहुंच आसान बनाएं.
सप्ताह में एक दिन चलें जलमहल के फव्वारे
डीग (Deeg) तक पर्यटक को ले जाने के साथ ही डीग के जल महलों में सप्ताह में एक दिन फव्वारे चलने चाहिए, जिससे पर्यटकों के लिए आकर्षण रहे. साथ ही भरतपुर के लोकल फ़ूड कचौरी, गजक आदि को भी प्रमोट करने चाहिए.
गंगामन्दिर से लक्ष्मण मन्दिर तक रिक्शा राइड
राज सिंह ने बताया कि भरतपुर आने वाले पर्यटकों को राजकीय संग्रहालय (State Museum) और किला घुमाने के बाद गंगा मंदिर से लक्ष्मण मंदिर तक रिक्शा राइड भी कराना चाहिए. इससे पर्यटकों को दो नए पर्यटन स्थल देखने के साथ ही स्थानीय बाजार घूमने और खरीदारी करने का मौका भी मिलेगा.
एयरपोर्ट स्थापित हो
राज सिंह ने बताया कि भरतपुर पर्यटन (Tourism In Bharatpur) की दृष्टि से काफी समृद्ध जिला है और इसके आसपास किसी अन्य जिले में एयरपोर्ट (Airport) भी नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार को भरतपुर संभाग मुख्यालय (Bharatpur Division Headquarter) पर एक एयरपोर्ट स्थापित करना चाहिए, जिससे भरतपुर के अलावा सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर समेत अन्य जनों का भी विकास हो सके. साथ ही पर्यटकों की पहुंच आसान बने.
5 गुना बढ़ जाएगा पर्यटन व्यवसाय
पर्यावरणविद एवं पर्यटन व्यवसाई राज सिंह ने बताया कि यदि भरतपुर (Bharatpur) आने वाले पर्यटकों को एक रात के बजाय 2-3 रात तक रोका जाए, तो जिले का पर्यटन व्यवसाय करीब 5 गुना तक बढ़ सकता है. वर्तमान में जिले में पर्यटन से सालाना करीब 50 करोड़ रुपए तक की आय होती है, जो बढ़कर 250 करोड़ तक पहुंच सकती है.