भरतपुर. नगर विकास न्यास (यूआईटी) में बीते करीब डेढ़ साल से मनमर्जी के नियम चल रहे हैं. स्थानीय स्तर पर मुख्य नियमों को तोड़ मरोड़ कर तैयार किए गए इन नए नियमों के पीछे सिर्फ एक ठेका फर्म को लाभ पहुंचाना है. इसको लेकर अब यूआईटी ठेकेदारों के विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं. अन्य ठेकेदारों ने सही नियमों के तहत ही ठेका देने की मांग भी की है.
ऐसे बदले नियम
नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग और आरएसआरडीसी के नियमों की पालना की जाती है. पीडब्ल्यूडी और आरएसआरडीसी के नियमानुसार किसी भी टेंडर प्रक्रिया के लिए कम से कम 2 और अधिकतम 4 क्वॉन्टिटीज(आइटम) को ही बिड में सम्मिलित कर सकते हैं, लेकिन भरतपुर यूआईटी ने करीब डेढ़ साल पहले इन नियमों को बदलकर टेंडर प्रक्रिया में आइटम की संख्या 4 से बढ़ाकर 9 कर दी. ऐसे में अब इन नए नियमों का सिर्फ एक फर्म लाभ उठा रही है. बाकी ठेकेदारों को काम नहीं मिल पा रहा है.
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वहीं ठेकेदार वैभव चौधरी ने बताया कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के अनुसार किसी भी टेंडर में कम से कम दो आइटम और ज्यादा से ज्यादा चार आइटम को बिड में सम्मिलित कर सकते हैं. जैसे -
- wbm/wmm
- DBM/BC/PMC/BM
- DLC/PCC
- CC/ INTERLOCKING
ऐसे बदले नियम
ठेकेदार वैभव चौधरी ने बताया कि भरतपुर यूआईटी ने करीब डेढ़ साल पहले इन नियमों को मनमर्जी से बदल दिया, जबकि नियमानुसार सभी सरकारी कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग के नियमों के अनुसार ही होते हैं. मनमर्जी के नियम में आइटम की संख्या बढ़कर 9 कर दी गई.
- embankment
- WBM
- WET MIX MACADAM
- bituminous macadam
- dense bituminous macadam
- Primix carpet
- Bituminous concrete
- interlocking concrete block 100mm thick
- precast concrete kerb stone
8 में से सिर्फ एक ठेकेदार को मिल रहे ठेका
ठेकेदार वैभव चौधरी ने बताया कि भरतपुर यूआईटी में AA+ क्लास के करीब आठ ठेकेदार हैं, लेकिन मनमर्जी के नियमों के चलते नई टेंडर प्रक्रिया में सिर्फ एक ही ठेका फर्म को लाभ मिल रहा है. बीते करीब डेढ़ साल में सिर्फ एक ही ठेका फर्म को बड़े-बड़े 12-13 करोड़ के टेंडर मिले हैं, जबकि बाकी ठेकेदारों को काम नहीं मिल पा रहा.
रद्द किए जाएं टेंडर
यूआईटी सचिव नीलिमा तक्षक ने बताया कि ठेकेदारों की मांग है कि सिर्फ एक ही ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए बने नियमों को बदला जाए. तब तक सभी टेंडर रद्द किए जाएं या फिर उनकी अवधि बढ़ाई जाए. ठेकेदारों की मांग है कि सभी ठेके सार्वजनिक निर्माण विभाग के सही नियम के तहत ही किए जाएं. सचिव नीलिमा तक्षक ने बताया कि ठेकेदारों की मांग यूआईटी चेयरमैन एवं जिला कलेक्टर नथमल डिडेल के ध्यानार्थ भेजी जाएगी.