भरतपुर. भाजपा सांसद रंजीता कोली पर रविवार रात को चौथी बार हमला (BJP MP Ranjeeta Koli Attack) हुआ. चार हमलों में से तीन हमलों में तो सांसद की गाड़ी के शीशे क्षतिग्रस्त हुए जबकि एक अन्य हमले में सांसद के निवास पर खाली कारतूस चस्पा हुए मिले. लेकिन ताज्जुब की बात ये है कि किसी भी हमले में बाहर का कोई व्यक्ति चश्मदीद नहीं है. ऐसे में सांसद पर हमले पुलिस (Bharatpur police) के लिए भी पहेली बने हुए हैं. अब तक पूर्व के तीनों मामलों में पुलिस किसी निर्णय पर भी नहीं पहुंच पाई कि तब तक सांसद पर चौथा हमला हो गया. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर सांसद पर ही बार-बार हमले क्यों हो रहे हैं और उन हमलों का कोई बाहरी चश्मदीद क्यों नहीं है. आखिर इन हमलों के पीछे का जिम्मेदार कौन है?
तथ्य और जानकारी में नहीं मेल- हमले को लेकर तथ्य और सांसद की ओर से पुलिस को दी गई जानकारी मेल नहीं खा रही. हमले को लेकर सांसद का कहना है कि अवैध खनन से भरे 200 ट्रकों की सूचना मिली. जब मैं दिल्ली से आ रही थी तो धिलावटी बॉर्डर पर अवैध खनन से भरे करीब 100 से अधिक ट्रक मिले. मैंने रोकने की कोशिश की तो रविवार रात 11.20 बजे खनन माफियाओं ने हमला (BJP MP Ranjeeta Koli Attack) बोल दिया. मैं गाड़ी से उतर गई और तभी डंपर ने गाड़ी को टक्कर मारी. सांसद का कहना है कि सूचना के बाद भी पुलिस एक घंटे देरी से पहुंची. एसपी ने तो संतोषजनक जबाव तक नहीं दिया.
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इधर, एसपी श्याम सिंह का कहना है कि पुलिस कंट्रोल को सांसद के आने का प्रोग्राम रविवार रात 11.29 बजे मिला. हमने एस्कॉर्ट के लिए 1-5 का जाप्ता रारह बॉर्डर पर भेजा. एस्कॉर्ट पूछती रहीं लेकिन सांसद ने लोकेशन नहीं दी. कुछ देर बाद लोकेशन धिलावटी बॉर्डर पर बताई, जिस पर कामां पुलिस को एस्कॉर्ट के लिए भेजा गया. उसके कुछ देर बाद ही पुलिस को सांसद पर हमले की सूचना मिली. पुलिस मौके पर महज 20 मिनट बाद ही पहुंच गई और उसके बाद कामां एसएचओ व सीओ भी मौके पर पहुंच गए. रात 3 बजे मैं स्वयं भी मौके पर पहुंच गया, जहां सांसद धरने पर बैठी मिली. जिला कलेक्टर भी मौके पर आ गए और सांसद से समझाइश और आश्वासन के बाद सुबह 7.30 बजे धरने को समाप्त कराया गया.
सांसद का कहना है कि हमलावरों ने पत्थर मार कर गाड़ी के शीशे तोड़ दिए. ट्रक ने मेरी गाड़ी को टक्कर मार दी. इधर, एसपी श्याम सिंह का कहना है कि मौके पर गाड़ी के शीशे जरूर टूटे मिले, लेकिन गाड़ी में एक भी पत्थर नहीं मिला है. वहीं प्रारंभिक जांच में कोई ग्रामीण भी चश्मदीद नहीं है. यहां तक कि स्वयं सांसद की एस्कॉर्ट भी सांसद पर हमले की बात होने को स्वीकार नहीं कर रही है.
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वहीं, सांसद का आरोप है कि अवैध खनन से भरे 100-150 ट्रक निकल रहे थे, हमले के बाद कुछ ट्रक चालक ट्रक छोड़कर भी भाग गए. इधर, एसपी का कहना है कि मौके पर जो ट्रक मिले वे वैध खनन सामग्री से भरे थे, उनके पास बाकायदा रवन्ना आदि थे.
पुलिस टीम साक्ष्य जुटा रही- एसपी श्याम सिंह ने बताया कि सांसद हमले (BJP MP Ranjeeta Koli Attack) को लेकर पुलिस टीम साक्ष्य जुटा रही है. वाहनों के निकलने का कामां होकर एक ही रास्ता है. जहां बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, पुलिस टीम कैमरों को खंगाल रही है. साथ ही पूछताछ कर चश्मदीद की तलाश की जा रही है. फिलहाल, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं और घटना की वास्तविकता तक पहुंचने के लिए प्रयासरत हैं. पूर्व के हमलों की अनुसंधान जारी है.
नहीं मिल रहा सांसद का सहयोग- एसपी श्याम सिंह ने बताया की 29 मई को नांगल क्रेशर जोन में हुए हमले के मामले में सांसद की ओर से जांच में अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है. जांच अधिकारी के बार-बार निवेदन के बावजूद सांसद मौका नक्शा बनवाने नहीं पहुंची हैं. इसलिए उसकी जांच भी अटकी हुई है.