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भरतपुर की 80 फीसदी तेल मिलें ठप, 8000 मजदूरों के सामने 'रोटी' का संकट - ETV Bharat Rajasthan news

मंडियों में सरसों की आवक कम होने के कारण भरतपुर में लगभग 80 प्रतिशत (Bharatpur oil mills facing crisis) तेल मिलें ठप पड़ी हैं. बाकी के 20 प्रतिशत भी बंद होने की कगार पर हैं. वहीं इसके कारण जिले में 8000 से ज्यादा मजदूरों के सामने रोजगार का संकट भी खड़ा हो गया है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

Oil Mills affected by arrival of Mustard
भरतपुर में तेल मिलें बंद
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Published : Sep 23, 2022, 8:33 PM IST

भरतपुर. सरसों तेल उत्पादन में देश के सबसे अग्रणी जिले भरतपुर में इन दिनों तेल मिलों को (Bharatpur oil mills facing crisis) संकट का सामना करना पड़ रहा है. इस बार किसान सरसों की फसल मंडियों में लेकर नहीं पहुंच रहा, जिसके चलते जिले की करीब 80% तेल मिलें बंद पड़ गई हैं. इतना ही नहीं तेल मिल बंद होने से करीब 8 हजार से अधिक लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. हालात ये हैं कि यदि जल्द ही मंडियों में सरसों की आवक नहीं बढ़ी तो बाकी के 20% तेल मिलों में भी उत्पादन ठप पड़ जाएगा.

इसलिए किसान ने रोकी सरसों : तेल मिल व्यवसाई अमित गोयल ने बताया कि गत वर्ष किसान (Bharatpur oil mills closed) को मंडी में सरसों के 8300 रुपए प्रति क्विंटल तक भाव मिले थे. लेकिन इस बार मुश्किल से 6100 रुपए का भाव मिल पा रहा है. यानी गत वर्ष की तुलना में किसान को 2200 रुपए तक कम भाव मिल रहा है. ऐसे में किसानों ने भाव कम मिलने की वजह से सरसों को स्टॉक कर लिया है.

भरतपुर की 80 फीसदी तेल मिलें ठप

80% तेल मिल बंद : व्यवसाई अमित ने बताया कि मंडी में सरसों की आवक नहीं होने से तेल मिलों को कच्चा माल नहीं मिल पा रहा है. पहले जहां मंडियों में हर दिन 25 से 30 हजार कट्टे सरसों हर दिन आती थीं, वहीं अब मुश्किल से 500 कट्टे सरसों आ रही हैं. जिसकी वजह से जिले की करीब 125 मिलों में से 80% यानी 95 से अधिक तेल मिल में उत्पादन ठप पड़ा है. बाकी जो तेल मिल संचालित हो रही हैं वो बाहर से सरसों लाकर उत्पादन कर रही हैं. अगर यही हाल रहा और मंडी में सरसों की आवक शुरू नहीं हुई तो बाकी तेल मिल भी बंद पड़ जाएंगी.

पढ़ें. राजस्थानः देश में सबसे सस्ता सरसों तेल भरतपुर में, विदेशी तेलों का आयात बढ़ने से गिरे दाम

विदेशी तेल की वजह से मांग घटी : व्यवसाई अमित ने बताया कि इस बार मिल संचालकों (Mustard Oil Price in Bharatpur) को कच्चे माल की कमी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बाजार में सरसों तेल के भी भाव डाउन चल रहे हैं. बाजार में कोरोना के बाद विदेश से पाम ऑयल का आयात शुरू हुआ है. पाम ऑयल सिर्फ 90 रुपए किलो में उपलब्ध है, जबकि सरसों का तेल थोक में 135 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है. सस्ते पाम ऑयल की वजह से सरसों के तेल की मांग भी घट गई है.

8 हजार से अधिक लोग बेरोजगार : अमित ने बताया कि मिलों के ये हालत करीब डेढ़ माह से बने (Bharatpur Oil Mills stalled) हुए हैं. ऐसे में मिलें बंद होने से इनमें काम करने वाले करीब 8 हजार से अधिक मिल मजदूरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. मजबूरन मिल मजदूरों को घर बैठना पड़ रहा है.

पढे़ं. Mustard Oil Price in Bharatpur : देश में बढ़ रहे खाद्य तेलों के भाव, लेकिन राजस्थान में इस वजह से घट रहे सरसों तेल के दाम...

सरसों तेल उत्पादन से जुड़े फैक्ट्स :

  • प्रदेश में 15 लाख मीट्रिक टन सरसों तेल का उत्पादन होता है..
  • भरतपुर में हर वर्ष 5 लाख मीट्रिक टन सरसों तेल का उत्पादन होता है.
  • भरतपुर जिले में करीब 125 तेल मिले हैं.
  • हर दिन 4000 मीट्रिक टन सरसों की पिराई होती है.
  • करीब 15 हजार मजदूरों को मिलता है रोजगार.

भरतपुर. सरसों तेल उत्पादन में देश के सबसे अग्रणी जिले भरतपुर में इन दिनों तेल मिलों को (Bharatpur oil mills facing crisis) संकट का सामना करना पड़ रहा है. इस बार किसान सरसों की फसल मंडियों में लेकर नहीं पहुंच रहा, जिसके चलते जिले की करीब 80% तेल मिलें बंद पड़ गई हैं. इतना ही नहीं तेल मिल बंद होने से करीब 8 हजार से अधिक लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. हालात ये हैं कि यदि जल्द ही मंडियों में सरसों की आवक नहीं बढ़ी तो बाकी के 20% तेल मिलों में भी उत्पादन ठप पड़ जाएगा.

इसलिए किसान ने रोकी सरसों : तेल मिल व्यवसाई अमित गोयल ने बताया कि गत वर्ष किसान (Bharatpur oil mills closed) को मंडी में सरसों के 8300 रुपए प्रति क्विंटल तक भाव मिले थे. लेकिन इस बार मुश्किल से 6100 रुपए का भाव मिल पा रहा है. यानी गत वर्ष की तुलना में किसान को 2200 रुपए तक कम भाव मिल रहा है. ऐसे में किसानों ने भाव कम मिलने की वजह से सरसों को स्टॉक कर लिया है.

भरतपुर की 80 फीसदी तेल मिलें ठप

80% तेल मिल बंद : व्यवसाई अमित ने बताया कि मंडी में सरसों की आवक नहीं होने से तेल मिलों को कच्चा माल नहीं मिल पा रहा है. पहले जहां मंडियों में हर दिन 25 से 30 हजार कट्टे सरसों हर दिन आती थीं, वहीं अब मुश्किल से 500 कट्टे सरसों आ रही हैं. जिसकी वजह से जिले की करीब 125 मिलों में से 80% यानी 95 से अधिक तेल मिल में उत्पादन ठप पड़ा है. बाकी जो तेल मिल संचालित हो रही हैं वो बाहर से सरसों लाकर उत्पादन कर रही हैं. अगर यही हाल रहा और मंडी में सरसों की आवक शुरू नहीं हुई तो बाकी तेल मिल भी बंद पड़ जाएंगी.

पढ़ें. राजस्थानः देश में सबसे सस्ता सरसों तेल भरतपुर में, विदेशी तेलों का आयात बढ़ने से गिरे दाम

विदेशी तेल की वजह से मांग घटी : व्यवसाई अमित ने बताया कि इस बार मिल संचालकों (Mustard Oil Price in Bharatpur) को कच्चे माल की कमी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बाजार में सरसों तेल के भी भाव डाउन चल रहे हैं. बाजार में कोरोना के बाद विदेश से पाम ऑयल का आयात शुरू हुआ है. पाम ऑयल सिर्फ 90 रुपए किलो में उपलब्ध है, जबकि सरसों का तेल थोक में 135 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है. सस्ते पाम ऑयल की वजह से सरसों के तेल की मांग भी घट गई है.

8 हजार से अधिक लोग बेरोजगार : अमित ने बताया कि मिलों के ये हालत करीब डेढ़ माह से बने (Bharatpur Oil Mills stalled) हुए हैं. ऐसे में मिलें बंद होने से इनमें काम करने वाले करीब 8 हजार से अधिक मिल मजदूरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. मजबूरन मिल मजदूरों को घर बैठना पड़ रहा है.

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सरसों तेल उत्पादन से जुड़े फैक्ट्स :

  • प्रदेश में 15 लाख मीट्रिक टन सरसों तेल का उत्पादन होता है..
  • भरतपुर में हर वर्ष 5 लाख मीट्रिक टन सरसों तेल का उत्पादन होता है.
  • भरतपुर जिले में करीब 125 तेल मिले हैं.
  • हर दिन 4000 मीट्रिक टन सरसों की पिराई होती है.
  • करीब 15 हजार मजदूरों को मिलता है रोजगार.
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