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Rajasthan : नहीं थम रहा जाली नोटों का खेल, बीते 6 साल में Fake Currency के 309 मामले दर्ज - Game of Fake Currency is not Stopping in Rajasthan

देश में 2016 में हुई नोटबंदी को 5 साल से ज्यादा समय बीत चुका है. बावजूद इसके, जाली/नकली नोटों का खेल (Fake Currency News) बदस्तूर जारी है. राजस्थान में पिछले 6 साल में नकली नोटों के 309 मामले दर्ज हुए हैं.

Fake Currency News
नहीं थम रहा जाली नोटों का खेल
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Published : Mar 29, 2022, 8:44 PM IST

भरतपुर. नोटबंदी के कई साल बाद भी जाली/नकली नोटों का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा. आरबीआई समय-समय पर नोटों की सिक्योरिटी को लेकर सतर्क रहती है और उसमें बढ़ोतरी भी करती रहती है. बावजूद इसके, बाजार में नकली नोटों का आना बंद (Condition of Fake Currency After Demonetisation) नहीं हो रहा है. प्रदेश की बात करें तो बीते 6 साल में भरतपुर समेत अलग-अलग जिलों में नकली नोटों के 309 मामले दर्ज हुए हैं.

ताज्जुब की बात यह है कि नकली नोटों से जुड़े शातिर बदमाश सिर्फ कलर फोटो कॉपी की मशीन से ही जाली नोट बनाकर लोगों और देश की अर्थव्यवस्था को चूना लगा रहे हैं. ऐसे में आम लोगों को असली और नकली नोटों का अंतर (Game of Fake Currency is not Stopping in Rajasthan) पता होना बेहद जरूरी है.

क्या कहते हैं बैंक अधिकारी...

सबसे ज्यादा 100 और 200 के नोट जालीः कई बार बैंकों में उपभोक्ताओं की ओर से लाए जाने वाले नोटों की जांच के दौरान नकली नोट सामने आते हैं. इनमें सबसे ज्यादा 100, 200 जैसे माध्यम रेंज के नोट नकली पाए जाते हैं. इसके पीछे खास वजह है कि शातिर बदमाश छोटे नोट और बड़े नोट का जाली नोट तैयार करने से बचता है. क्योंकि छोटे नोट का जाली नोट तैयार करने में खर्चा ज्यादा आता है और बड़ा जाली नोट आसानी से पकड़ में आ जाता है. मध्यम रेंज के नोट आसानी से खपा दिए जाते हैं.

ऐसे तैयार करते हैं जाली नोटः अभी तक बैंकों में पकड़े गए जाली नोटों से यह बात सामने आई है कि अधिकतर जाली नोट कलर फोटो कॉपी से बड़े ही सावधानीपूर्वक तैयार किए गए होते हैं. यह शातिर बदमाश उच्च गुणवत्ता वाली कलर फोटो कॉपी से इतनी बारीकी से जाली नोट तैयार करते हैं कि आम लोग उसको (Bank Officers on Fake Currency) आसानी से पकड़ नहीं पाता.

पढ़ें : बैंकों की लापरवाही! RBI जयपुर में मिली नकली नोटों की खेप

पढे़ं : जानिए कहां मिले पांच करोड़ के जाली नोट, बोरियों में भरकर ले गई पुलिस

यहां इतने मामले :

  • जयपुर - 93
  • जोधपुर - 16
  • भरतपुर - 5
  • अजमेर - 10
  • सीकर - 11
  • बीकानेर - 12
  • गंगानगर - 13
  • पाली - 13
  • उदयपुर - 9
  • हनुमानगढ़ - 8
  • अलवर - 7
  • कोटा - 6
  • बाड़मेर - 5
  • जैसलमेर - 5
  • भीलवाड़ा - 4

वर्षवार जाली नोटों के मामले :

  • 2017 में 49
  • 2018 में 66
  • 2019 में 92
  • 2020 में 48
  • 2021 में 54

ऐसे करें नकली नोट की पहचानः पंजाब नेशनल बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक केके फौजदार ने बताया कि असली और नकली नोट का अंतर बैंक कर्मचारी आसानी से पहचान लेता है. लेकिन आम लोगों को इसके अंतर को पहचानने में दिक्कत होती है. लोगों को जागरूक करने के लिए आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर 'पैसा बोलता है' एक कॉलम में असली नोटों की पहचान करने की विस्तृत जानकारी दी है. जहां से लोग उसे पढ़कर असली और नकली का अंतर आसानी से कर सकते हैं. इसके अलावा यदि लोग असली और नकली नोट की पहचान करना चाहते हैं तो उसके कुछ मुख्य मुख्य बिंदु है, जिन पर गौर करने पर यह अंतर पहचाना जा सकता है.

  • 100 के असली नोट की पहचान करने के लिए सबसे पहले उसके सामने वाले दोनों हिस्सों पर देवनागरी लिपि में 100 लिखा होता है.
  • 100 के असली नोट पर आरबीआई, भारत, इंडिया और 100 छोटे छोटे अक्षरों में लिखा होता है.
  • 100 और उससे अधिक मूल्य के नोट में महात्मा गांधी का चित्र, रिजर्व बैंक की सील, गारंटी और प्रॉमिस क्लाज, अशोक स्तंभ, आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर और दिव्यांग/दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए आइडेंटिफिकेशन मार्क इंटैग्लियो में प्रिंट होता है.

भरतपुर. नोटबंदी के कई साल बाद भी जाली/नकली नोटों का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा. आरबीआई समय-समय पर नोटों की सिक्योरिटी को लेकर सतर्क रहती है और उसमें बढ़ोतरी भी करती रहती है. बावजूद इसके, बाजार में नकली नोटों का आना बंद (Condition of Fake Currency After Demonetisation) नहीं हो रहा है. प्रदेश की बात करें तो बीते 6 साल में भरतपुर समेत अलग-अलग जिलों में नकली नोटों के 309 मामले दर्ज हुए हैं.

ताज्जुब की बात यह है कि नकली नोटों से जुड़े शातिर बदमाश सिर्फ कलर फोटो कॉपी की मशीन से ही जाली नोट बनाकर लोगों और देश की अर्थव्यवस्था को चूना लगा रहे हैं. ऐसे में आम लोगों को असली और नकली नोटों का अंतर (Game of Fake Currency is not Stopping in Rajasthan) पता होना बेहद जरूरी है.

क्या कहते हैं बैंक अधिकारी...

सबसे ज्यादा 100 और 200 के नोट जालीः कई बार बैंकों में उपभोक्ताओं की ओर से लाए जाने वाले नोटों की जांच के दौरान नकली नोट सामने आते हैं. इनमें सबसे ज्यादा 100, 200 जैसे माध्यम रेंज के नोट नकली पाए जाते हैं. इसके पीछे खास वजह है कि शातिर बदमाश छोटे नोट और बड़े नोट का जाली नोट तैयार करने से बचता है. क्योंकि छोटे नोट का जाली नोट तैयार करने में खर्चा ज्यादा आता है और बड़ा जाली नोट आसानी से पकड़ में आ जाता है. मध्यम रेंज के नोट आसानी से खपा दिए जाते हैं.

ऐसे तैयार करते हैं जाली नोटः अभी तक बैंकों में पकड़े गए जाली नोटों से यह बात सामने आई है कि अधिकतर जाली नोट कलर फोटो कॉपी से बड़े ही सावधानीपूर्वक तैयार किए गए होते हैं. यह शातिर बदमाश उच्च गुणवत्ता वाली कलर फोटो कॉपी से इतनी बारीकी से जाली नोट तैयार करते हैं कि आम लोग उसको (Bank Officers on Fake Currency) आसानी से पकड़ नहीं पाता.

पढ़ें : बैंकों की लापरवाही! RBI जयपुर में मिली नकली नोटों की खेप

पढे़ं : जानिए कहां मिले पांच करोड़ के जाली नोट, बोरियों में भरकर ले गई पुलिस

यहां इतने मामले :

  • जयपुर - 93
  • जोधपुर - 16
  • भरतपुर - 5
  • अजमेर - 10
  • सीकर - 11
  • बीकानेर - 12
  • गंगानगर - 13
  • पाली - 13
  • उदयपुर - 9
  • हनुमानगढ़ - 8
  • अलवर - 7
  • कोटा - 6
  • बाड़मेर - 5
  • जैसलमेर - 5
  • भीलवाड़ा - 4

वर्षवार जाली नोटों के मामले :

  • 2017 में 49
  • 2018 में 66
  • 2019 में 92
  • 2020 में 48
  • 2021 में 54

ऐसे करें नकली नोट की पहचानः पंजाब नेशनल बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक केके फौजदार ने बताया कि असली और नकली नोट का अंतर बैंक कर्मचारी आसानी से पहचान लेता है. लेकिन आम लोगों को इसके अंतर को पहचानने में दिक्कत होती है. लोगों को जागरूक करने के लिए आरबीआई ने अपनी वेबसाइट पर 'पैसा बोलता है' एक कॉलम में असली नोटों की पहचान करने की विस्तृत जानकारी दी है. जहां से लोग उसे पढ़कर असली और नकली का अंतर आसानी से कर सकते हैं. इसके अलावा यदि लोग असली और नकली नोट की पहचान करना चाहते हैं तो उसके कुछ मुख्य मुख्य बिंदु है, जिन पर गौर करने पर यह अंतर पहचाना जा सकता है.

  • 100 के असली नोट की पहचान करने के लिए सबसे पहले उसके सामने वाले दोनों हिस्सों पर देवनागरी लिपि में 100 लिखा होता है.
  • 100 के असली नोट पर आरबीआई, भारत, इंडिया और 100 छोटे छोटे अक्षरों में लिखा होता है.
  • 100 और उससे अधिक मूल्य के नोट में महात्मा गांधी का चित्र, रिजर्व बैंक की सील, गारंटी और प्रॉमिस क्लाज, अशोक स्तंभ, आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर और दिव्यांग/दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए आइडेंटिफिकेशन मार्क इंटैग्लियो में प्रिंट होता है.
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